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साइंस न्यूज़

समुद्र में आया नया जासूस... दो घंटे खुद तैर सकती है रोबोट मछली Belle

aajtak.in
  • ज्यूरिख,
  • 30 जून 2023,
  • अपडेटेड 9:05 AM IST
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समुद्री रहस्यों के खुलासे के लिए ईटीएच यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रोबोटिक मछली बनाई है. बेले नाम की इस मछली की लंबाई 3 फीट है. यह समुद्र में आम मछलियों की तरह तैरती है. समुद्री डेटा जमा करती है. (सभी वीडियो ग्रैबः रॉयटर्स)

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मछली को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह समुद्री वातावरण को बिना नुकसान पहुंचाए आराम से डेटा जमा करती है. इसके मुंह की तरफ कैमरा लगा है. 

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छात्र शोधकर्ता लियोन गुगेनहेम ने बताया कि हम समुद्री ईकोसिस्टम को वैसे ही देखना चाहते हैं, जैसा वो दिखता है. बेले की मदद से समुद्र में होने वाली हलचल को देखा और समझा जा सकता है.

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लियोन गुगेनहेम ने बताया कि उन्होनें मछली को ऐसा अकार इसलिए दिया है ताकि वह असली मछली कि तरह व्यवहार करें.

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ये मछली चुपचाप पानी में जासूसी कर सकती है. डेटा जमा कर सकती है. वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकती है. यहां तक कि जरुरत पड़ने पर दुश्मन इलाके के समुद्री सुरंगों का पता लगा सकती है. 

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बेले के सिर पर कैमरा है. इसके पेट में बैटरी और मोटर लगी हुई है. साथ ही फिल्टर और पंप लगे हैं जो समुद्री डीएनए को पकड़ने में सहायता करेगें.

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बेले की मदद से शैवालों की स्टडी की जा सकती है. समुद्री जीवों के डीएनए का पता लगाया जा सकता है. यह पता किया जा सकता है कि किस जगह कौन से जीव रहते हैं. 

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रोबोट मछली का पूंछ वाला हिस्सा सिलिकॉन से बना है. पंप कि मदद से यह तैरने के लिए मछली की तरह पूंछ हिलाता है. 

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गुगेनहेम ने बताया कि बेले रेडियों फ्रीक्वेंसी से कनेक्ट नहीं हो सकती इसलिए 2 घंटे तक डेटा जमा करने के बाद ये पानी के ऊपर आ जाती है. जीपीएस सिग्नल से पता चलता है कि ये समुद्र में कहां ऊपर आई. वहां से वैज्ञानिक इसे उठा लेते हैं. 

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