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साइंस न्यूज़

मंगल ग्रह पर भी चीन की 'जासूसी' कर रहा है अमेरिका, जानिए वजह

aajtak.in
  • ह्यूस्टन,
  • 25 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST
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अमेरिका मंगल ग्रह पर भी चीन की 'जासूसी' कर रहा है. कैसे? अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मंगल ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगा रहा अंतरिक्षयान चीन के रोवर पर लगातार नजर रख रहा है. नासा को चीन के रोवर के हर पल के मूवमेंट की खबर है. इसे लेकर नासा ने तस्वीर भी जारी की है कि चीन का रोवर मंगल ग्रह पर कहां है. वह किस तरफ बढ़ रहा है. वह कहां तक जा सकता है. (फोटोः NASA)

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चीन ने 14 मई को अपने रोवर झुरोंग (Zhurong) को मंगल ग्रह के यूटोपिया प्लैनिशिया (Utopia Planitia) में उतारा था. उसके पहले चीन के अंतरिक्षयान (Spacecraft) तियानवेन-1 (Tianwen-1) ने झुरोंग को अपनी गोद में लेकर मंगल ग्रह के चारों तरफ करीब चार महीने चक्कर लगाए थे. उसके बाद सही जगह देखकर झुरोंग को मंगल की सतह पर उतारा था. (फोटोः गेटी)

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नासा के मार्स रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter - MRO) पहले से मंगल ग्रह के चारों ओर चक्कर लगा रहा है. MRO ने 6 जून को अपने हाईराईज (HiRise) कैमरे से चीन के झुरोंग रोवर की तस्वीर ली. जिसमें यह बताया गया कि वह मंगल ग्रह के दक्षिण दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है. 23 जून को नासा ने झुरोंग की दूसरी तस्वीर जारी की जिसे 11 जून को कैप्चर किया गया था. इसमें झुरोंग के चलने के निशान भी दिख रहे हैं. वह अपनी लैंडिंग वाली पोजिशन से दक्षिण दिशा की तरफ जा रहा है. (फोटोः NASA)

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हाईराईज टीम के वैज्ञानिकों ने अपने बयान में लिखा है कि जहां पर चीन का झुरोंग रोवर उतरा है वहां पर नीले, काले, स्लेटी रंग का बड़ा जमावड़ा है. जो रोवर की लैंडिंग की वजह से जला हुआ प्रतीत होता है. लेकिन अब झुरोंग मंगल ग्रह के साउथ की तरफ जा रहा है. (फोटोः गेटी)
 

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MRO मंगल ग्रह के चारों तरफ साल 2006 से चक्कर लगा रहा है. वह वहां पर लाल ग्रह (Red Planet) के भुगोल, वायुमंडल, पर्यावरण, पानी और बर्फ का अध्ययन करने में जुटा हुआ है. साथ ही वह यह भी पता कर रहा है कि मंगल ग्रह पर भविष्य में कौन सी ऐसी जगह है जहां पर सुरक्षित लैंडिंग की जा सकती है. वह मंगल ग्रह पर घूमने वाले अमेरिकी रोवर और धरती के बीच कम्यूनिकेशन सेंटर का काम करता है. (फोटोः गेटी)

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झुरोंग (Zhurong) की तस्वीर देखकर लगता है कि MRO मंगल ग्रह पर मौजूद सभी रोवर और लैंडर्स पर नजर रख रहा है. बीच-बीच में उनकी तस्वीरें भी नासा जारी करता है. इससे पहले हाईराईज कैमरे ने नासा के फीनिक्स और इनसाइट लैंडर्स की तस्वीर भी जारी की थी. इसके अलावा स्पिरिट, ऑर्प्च्यूनिटी, क्यूरियोसिटी और परसिवरेंस रोवर की तस्वीर भी ले रहा है. इसी बीच उसने चीन के झुरोंग रोवर की भी तस्वीर ली है. (फोटोः NASA)

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नासा ने 18 फरवरी को परसिवरेंस रोवर के लैंडिंग की तस्वीरें भी ली थीं. वह भी MRO के हाईराईज कैमरे की मदद से. ताकि लाल ग्रह पर लैंडिंग के समय किसी तरह की दिक्कत आए तो उसकी जानकारी नासा को मिल सके. क्योंकि परसिवरेंस रोवर एक बड़े सुपरसोनिक पैराशूट की मदद से मंगल ग्रह पर उतरा था. (फोटोः NASA)

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आपको बता दें कि दूसरे ग्रहों या अंतरिक्ष में मिशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पेस एजेंसिया अक्सर एकदूसरे की मदद और उनके मिशन की सेहत की जानकारी देने के लिए ऐसी तस्वीरें लेती हैं. यह किसी तरह की जासूसी नहीं होती बल्कि यह एक नैतिक जिम्मेदारी होती है. ताकि कोई भी देश अपने मिशन की सेहत और उसकी सक्रियता की सही जानकारी हासिल कर सके. इससे पहले ISRO के चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम लैंडर को खोजने में नासा के अंतरिक्षयानों ने मदद की थी. (फोटोः NASA)

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