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Arctic Blast: अमेरिका में पारा माइनस 18 पर...चारों तरफ बर्फीला तूफान, क्या है आर्कटिक ब्लास्ट?

आजतक साइंस डेस्क
  • न्यूयॉर्क सिटी,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST
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लगातार कई महीनों तक गर्मी बर्दाश्त करने के बाद आखिरकार अमेरिका में ठंड का मौसम आया. लेकिन इतना बुरा आया कि शुरूआत ही आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic Blast) से हो रही है. कई जगहों पर पारा माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. अमेरिका में इस मौसम ने जिंदगी रोक दी है. यातायात बंद है. संचार सेवा बाधित है. (फोटोः AFP)

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कई इलाकों में साढ़े तीन फीट मोटी बर्फ जमी है. हवाएं इतनी तेज और ठंडी हैं कि हड्डियों को जमा दें. आर्कटिक ब्लास्ट यानी उत्तरी ध्रुव की तरफ से ठंडी हवाएं अमेरिका आ रही हैं. तापमान तेजी से गिर रहा है. ज्यादातर अमेरिका में तापमान औसत से बहुत नीचे है. दिन में कुछ स्थानों पर पारा 11 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. (फोटोः AFP)

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मैदानी इलाकों जैसे ऊपरी मध्य-पश्चिम और ग्रेट लेक्स में बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है. बर्फीली हवाएं चलेंगी. रॉकी माउंटेंस के पूर्व की तरफ रहने वाले लोगों, यानी देश के दो-तिहाई अमेरिका को भयानक सर्दी का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिमी तट भी बर्फीली मार से जूझ रहा है. (फोटोः AFP)

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आर्कटिक की हवाएं तो फ्लोरिडा से होते हुए यानी पूर्व से दक्षिण की ओर जा रहा है. यानी भयानक बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है. हवाई सेवा बंद की गई है. सड़कों पर निकलने वाले लोगों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि वो फंस सकते हैं. यह मौसम कई बार अपना रंग बदलेगा. अभी एक-दो हफ्ते ऐसा मौसम रहने की आशंका है. (फोटोः AP)

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इस मौसम की शुरुआत आर्कटिक ब्लास्ट से हुई है. यानी आर्कटिक की तरफ से आने वाली सर्द हवाओं से. आर्कटिक की तरफ से ठंडी जेट स्ट्रीम अमेरिका के ऊपरी वायुमंडल को ठंडा कर गई. जिससे पूरे अमेरिका की हालत खराब हो गई. अमेरिका के ऊपर मौजूद नमी वाली गर्म हवा के ऊपर से ठंडी जेट स्ट्रीम निकली तो वह भी सर्द हो गई. इससे खतरनाक मौसम बन गया. (फोटोः AP)

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सर्दियों में ऐसी घटनाएं सामान्य हैं. अमेरिका में आर्कटिक ब्लास्ट से सर्दियों में ऐसे तूफान आते रहते हैं. अमेरिका के ऊपर सर्द हवाओं की जेट स्ट्रीम चलने लगती है. इसकी वजह से स्थितियां बुरी हो जाती हैं. इससे पहले 1983 में कोल्ड स्नैप्स और 2014 में आए पोलर वॉर्टेक्स में तापमान इतना नीचे गिरा था. 2022 में पोलर बॉम्ब साइक्लोन आया था. (फोटोः AP)

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आर्कटिक ब्लास्ट को ही आर्कटिक बॉम्ब भी कहते हैं. कुछ समय के लिए आर्कटिक इलाके से ठंडी हवा की झोंका गर्म इलाकों की तरफ तेजी से जाता है. इसकी वजह से 24 घंटे के अंदर तापमान माइनस में चला जाता है. चारों तरफ बर्फ जम जाती है. भयानक बर्फबारी होती है. ठंडी हवाएं चलती हैं. यह स्थिति ठंडी हवाओं के खत्म होने तक चलती रहती है. (फोटोः AP)

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आर्कटिक वॉरटेक्स उसे कहते हैं, जब ध्रुवीय इलाकों से ठंडी हवाएं निकलती हैं. लेकिन इससे ध्रुवों पर बड़े इलाके में लो प्रेशर एरिया बन जाता है. गर्मियों में कमजोर हो जाता है. सर्दियों में ताकतवर. वॉरटेक्स का मतलब हवाओं का एंटी-क्लॉकवाइज घूमना. इसके वजह से ध्रुव और उसके आसपास के इलाके में सर्दी बढ़ जाती है. (फोटोः AP)

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आर्कटिक ब्लास्ट की वजह से अमेरिका में अभी तक किसी के मरने की खबर तो नहीं आई है, लेकिन कई स्थानों पर बिजली सप्लाई रुकी है. नलों में पानी जम गया है. सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. (फोटोः AP)

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