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साइंस न्यूज़

क्या है Suicide Pod... एक महिला की मौत के बाद स्विट्जरलैंड में इसे लेकर क्यों हो रहा बवाल?

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST
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स्विट्जरलैंड में एक महिला की मौत हुई. जिसके बाद से बवाल मचा पड़ा है. मौत सार्को सुसाइड कैप्सूल (Sarco Suicide Capsule) में हुई. इसलिए अब पुलिस ने कुछ लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया है. साथ ही इस सुसाइड पॉड (Suicide Pod) की तफ्तीश शुरू कर दी गई है. (फोटोः AFP)

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पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों पर जांच चल रही है. सुसाइड पॉड जंगल में मिला है. जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, उन पर सुसाइड के लिए प्रेरित करने, आत्महत्या की तकनीक उपलब्ध कराने और खुदकुशी करवाने का आरोप लगाया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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द लास्ट रिजॉर्ट (The Last Resort) नाम की संस्था जो लोगों को असिस्टेड डाईंग में मदद करती है. यानी अगर कोई मरना चाहता है तो यह संस्था इस काम में मदद करती है. उसने समाचार एजेंसी AFP को बताया कि स्विट्जरलैंड में जो महिला मरी है, उसकी उम्र 64 साल थी. वह अमेरिकी नागरिक थी. उसकी मौत इसी कैप्सूल में हुई है. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्विट्जरलैंड की पुलिस ने जंगल में मिले सार्को सुसाइड कैप्सूल को अपने कब्जे में ले लिया है. मृतक के शरीर को अटॉप्सी के लिए भेज दिया है. सार्को सुसाइड कैप्सूल को नीदरलैंड में मौजूद सुसाइड ग्रुप एक्जिट इंटरनेशनल ने बनाया है. इस कैप्सूल को सबसे पहले 2019 में दुनिया के सामने पेश किया गया था. (फोटोः रॉयटर्स)

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यह एक पोर्टेबेल, इंसान के आकार का सील्ड पॉड होता है. जो मरना चाहता है वो इसमें लेटकर इसे बंद कर लेता है. इसके बाद इसमें लगा बटन दबाता है. फिर पॉड के अंदर मौजूद ऑक्सीजन को नाइट्रोजन में बदल दिया जाता है. जिससे इसमें लेटा इंसान हाइपोक्सिया (Hypoxia) का शिकार हो जाता है. यानी कम ऑक्सीजन का शिकार. (फोटोः रॉयटर्स)

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इस पॉड में लेटने के बाद आपको किसी मेडिकल सुपरविजन की जरूरत नहीं होती. एग्जिट इंटरनेशनल के डायरेक्टर फिलिप नित्शके ने बताया कि एक बार बटन दबा तो हवा 21 फीसदी से घटकर 0.05 फीसदी हो जाती है. यह काम मात्र 30 सेकेंड में होता है. अंदर लेता इंसान सिर्फ दो बार ही जीभर के सांस ले पाता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इसके बाद वो बेचैन होता है. बेहोश होने लगता है. धीरे-धीरे वह अपनी जान छोड़ देता है. फिलिप एक पूर्व फिजिशियन भी रहे हैं. वो ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं, उन्होंने ही इस कैप्सूल को इन्वेंट किया था. फिलिप ने बताया कि कैप्सूल में इंसान के मरने से पांच मिनट पहले तक वह बेहोश रहता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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अगर कोई आखिरी समय में अपना मन बदलता है तो फिर उसके बचने का कोई चांस नहीं रहता. एक बार आपने बटन दबा दिया तो फिर वापस जिंदा नहीं आ सकते. अब सवाल इस तरह की असिस्टेड मौत को लेकर उठ रहा है. स्विट्जरलैंड में एक्टिव यूथेनेशिया (Active Euthanasia) बैन है. यानी खुद से आत्महत्या करना. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्विट्जरलैंड में किसी को आत्महत्या करनी है तो वह परमिशन लेकर असिस्टेड डाईंग की सुविधा ले सकता है. यह दशकों से उपलब्ध है. लेकिन खुद से सुसाइड नहीं कर सकता. स्विट्जरलैंड के इंटीरियर मिनिस्टर एलिजाबेथ बॉमे-श्नाइडर ने कहा कि सार्को सुसाइड कैप्सूल स्विट्जरलैंड के कानून का उल्लंघन करते हैं. ये अवैध है. (फोटोः रॉयटर्स)

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