Advertisement

साइंस न्यूज़

अमेरिका के इसी ज्वालामुखी से खत्म होगी दुनिया! नीचे मिला बहुत ज्यादा गर्म लावा

aajtak.in
  • व्योमिंग,
  • 06 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST
  • 1/10

प्राकृतिक तौर पर दुनिया के सबसे ज्यादा संवेदनशील जगहों में से एक है यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो (Yellowstone Supervolcano). प्राचीन समय से यह धारणा रही है कि यह महाज्वालामुखी किसी दिन दुनिया के खात्मे की वजह बनेगा. या फिर अमेरिका में भारी तबाही लाएगा. क्योंकि इसके नीचे बहुत बड़ी मात्रा में गर्म लावा की खोज हुई है. यह खुलासा 18 साल की स्टडी के बाद किया गया है. (फोटोः पिक्साबे)

  • 2/10

हॉलीवुड फिल्म 2012 में भी इसी जगह से प्रलय की शुरुआत दिखाई गई थी. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो के नीचे जितना सोचा गया था, उससे कहीं ज्यादा गर्म लावा है. यह खोज अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने की है. ताकि इसके अगले बड़े विस्फोट का पता किया जा सके. (फोटोः पिक्साबे)

  • 3/10

इस स्टडी को लीड कर रहे हैं यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय अरबाना-कैंपेन के जियोलॉजिस्ट रॉस मैग्वायर. उन्होंने ही सबसे पहले यह सोचा कि यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो के नीचे के मैग्मा का सटीक अंदाजा लगाया जाए. यह कितना बड़ा है. कितनी दूर तर फैला है. खासतौर से तरल पिघले हुए गर्म लावा. (फोटोः अनस्प्लैश) 

Advertisement
  • 4/10

रॉस मैग्वायर ने बताया कि यलोस्टोन के नीचे बहुत बड़ा मैग्मा रिजरवायर है. हम फिलहाल यह नहीं बता सकते कि इतने बड़े पैमाने में मौजूद गर्म लावा कब फूटेगा. इसके विस्फोट की तीव्रता कितनी होगी. या ये कितना शक्तिशाली होगा. लेकिन भविष्य में क्या होगा ये नहीं कह सकते. क्योंकि यह इलाका भौगोलिक तौर पर बहुत संवेदनशील है. (फोटोः पिक्साबे)

  • 5/10

रॉस मैग्वायर कहते हैं कि जमीन के नीचे क्या है, यह पता करना आसान नहीं होता. लेकिन नए टोमोग्राफिक इमेजिंग तकनीक हम भूकंपीय लहरों का अध्ययन करते हैं. हमने यह स्टडी साल 2000 में शुरू की थी. साल 2018 में पूरी की. इस दौरान हमें पता चला कि यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो के नीचे गर्म लावा का बहुत बड़ा स्रोत है. (फोटोः पिक्साबे)

  • 6/10

भूकंपीय लहरों के बदलाव से पता चलता है कि मूवमेंट किस तरह का है. ये लहरें असल में पिघले हुए मैग्मा का बहाव होता है. सबसे कम स्पीड में चलने वाली मैग्मा लहर 3 से 8 किलोमीटर की गति से चलती है. लेकिन किसी टेक्टोनिक प्लेट की हलचल की वजह से यह गति बढ़ी तो मुसीबत बढ़ जाएगी. (फोटोः अनस्प्लैश)

Advertisement
  • 7/10

अभी लावे के पिघलने की दर 16 से 20 फीसदी है. लेकिन यह बढ़कर 35 से 50 फीसदी होता है तो यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो में भयानक विस्फोट हो सकता है. लेकिन किसी भी ज्वालामुखी विस्फोट के पीछे कई वजहें होती हैं. लेकिन पिघले हुए लावे का स्टोरेज, बहाव और दिशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. (फोटोः पिक्साबे)

  • 8/10

यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो पिछले 21 लाख साल में तीन बार भयानक तीव्रता से फटा था. रॉस कहते हैं कि यह बता पाना मुश्किल है कि इसमें विस्फोट कब होगा. लेकिन जब भी होगा वह बेहद भयानक होगा. अमेरिका में बड़ी तबाही ला सकता है. इसका असर आसपास के समुद्री इलाकों में भी देखने को मिल सकता है. (फोटोः अनस्प्लैश)

  • 9/10

यलोस्टोन सुपरवॉल्कैनो का काल्डेरा 70X45 किलोमीटर का है. यानी इतना बड़ा गड्डा जो कभी फटा तो आफत आ जाएगी. इससे पहले इसमें जो भयानक विस्फोट हुआ था, वह 6.40 लाख साल पहले हुआ था. तब यह काल्डेरा बना था. इसके बाद 70 हजार साल पहले विस्फोट हुआ था, जो काल्डेरा के अंदर ही सीमित था. (फोटोः अनस्प्लैश)

Advertisement
  • 10/10

इस ज्वालामुखी के आसपास हर साल औसतन 1000 से 2000 ऐसे भूकंप आते हैं, जो नापे जा सकते हैं. ज्यादातर 3 तीव्रता के कम के होते हैं. यह जगह इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेस का हेरिटेज साइट है. यहां कई गर्म पानी के तालाब और प्राकृतिक फव्वारे हैं. जो नीचे के गर्म लावे की वजह से गर्म रहते हैं. इसकी रिपोर्ट साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है. (फोटोः पेक्सेल)

Advertisement
Advertisement