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कब मिलेगी जलती-चुभती गर्मी से ठंडक... क्या 7 जून तक राहत की कोई उम्मीद नहीं?

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST
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जो गर्मी अभी चल रही है, वो अगले कुछ दिनों तक और रहेगी. कम से कम सात जून तक. तब तक देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान 45 डिग्री के आसपास या उससे ऊपर ही रहेगा. मॉनसून से राहत मिलेगी लेकिन इसमें अब भी समय है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सेक्रेटरी माधवन राजीवन ने ट्वीट करके यह बात बताई. (फोटोः पीटीआई)
 

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इस ट्वीट में उन्होंने 30 मई से लेकर 7 जून तक नक्शा दिखाया है. जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर लगभग मध्य भारत के निचले हिस्से, गंगा का पूरा मैदानी इलाका लाल रंग में दिखाया गया है. यानी अभी कम से कम 8-10 दिन गर्मी से कोई राहत नहीं मिल रही है. ऐसा नहीं है कि ये बात सिर्फ माधवन राजीवन ने कही हो. (फोटोः पीटीआई)

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अगर जून महीने में गर्मी की बात करें तो भारत के दक्षिणी हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से कम रहने की उम्मीद है. जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा. जून में उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के इलाकों में हीटवेव या लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक होने के आसार हैं. (फोटोः पीटीआई)

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मौसम विभाग ने कहा है कि हीटवेव और लू के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी है कि लोग खुद को हाइड्रेटेड रखें. अधिकतम ठंडे वातावरण में रहें. चरम गर्मी के घंटों के दौरान बाहरी और भारी गतिविधियों से बचें. मॉनसून केरल में आ चुका है. कुछ ही दिन में उत्तर भारत की ओर रुख करेगा. (फोटोः एपी)

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मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई है. मध्य भारत और भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक यानी एलपीए का 106 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है. (फोटोः पीटीआई)

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उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य यानी 92 से 108 फीसदी और पूर्वोत्तर भारत में 94 फीसदी यानी बारिश के सामान्य से कम होने के आसार हैं. चक्रवात तूफान 'रेमल' ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में मॉनसून को आगे बढ़ाने में मदद की है, उन्होंने कहा कि इसका लंबे समय तक मॉनसून पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. (फोटोः पीटीआई)

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उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत के पूर्वी भाग और पूर्वी भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है. जून, 2024 के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य होने के सबसे अधिक आसार जताए गए हैं, यानी एलपीए का 92 से 108 फीसदी तक बारिश हो सकती है. (फोटोः एपी)

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जून के महीने में दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश इलाकों और मध्य भारत के आसपास के अलग-अलग हिस्सों, उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी और पूर्वी भागों और मध्य भारत के पूर्वी भाग के कई इलाकों, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिण प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्वी हिस्सों में बारिश के सामान्य से कम होने की आशंका है. (फोटोः एपी)

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इस वर्ष की शुरुआत में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मजबूत अल नीनो था. जिसकी वजह से गर्मी बढ़ी हुई थी. लेकिन अब वह कमजोर हो चुका है. ला नीना मजबूत हो रहा है. मौसम ठंडा होने वाला है. नवीनतम जलवायु मॉडल के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि मॉनसून के मौसम की शुरुआत के दौरान ENSO-तटस्थ स्थितियां स्थापित होने की संभावना है. (फोटोः पीटीआई)

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