क्या महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं? अमेरिका में महिलाओं की औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी जीवन प्रत्याशा 81 साल है. जबकि पुरुषों की 76 साल है. पूरी दुनिया में महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है. आखिर ऐसा क्यों हैं? इसके पीछे दो बड़ी वजहें मानी जाती हैं. ये दोनों ही कारण बायोलॉजिकल हैं. आइए जानते हैं इस रोचक तथ्य को...(फोटोः गेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न डेनमार्क में एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ डेमोग्राफी वर्जिनिया जरूली कहती हैं कि इसके पीछे पहला कारण है सेक्स हॉर्मोन्स में अंतर. यानी सामान्य तौर पर जो महिला ही पैदा होती है, वह जन्म से पुरुष पैदा होने वाले इंसान से ज्यादा एस्ट्रोजन (Estrogen) और कम टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) हॉर्मोन का उत्पादन करती है. एस्ट्रोजन की वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारियों से बचाव मिलता है. इसमें दिल संबंधी बीमारियां भी हैं. इस बात की पुष्टि बायोलॉजी ऑफ सेक्स डिफरेंसेस जर्नल में छपी रिपोर्ट में हो चुकी है. (फोटोः गेटी)
वर्जिनिया जरूली ने कहा कि दूसरी तरफ जब टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) की मात्रा ज्यादा होती है तब कुछ बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. जैसे- एंडोमेट्रियल (Endometrial), महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषों में प्रॉस्टेट कैंसर. इसकी पुष्टि पिछले साल नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में हुई थी. टेस्टोस्टेरॉन का संबंध खतरनाक व्यवहार और उच्च स्तर की आक्रामकता से भी होता है. जिसकी वजह से कुछ लोग युवावस्था में ही मारे जाते हैं. (फोटोः गेटी)
वर्जिनिया ने कहा कि कुछ जेनेटिक कंपोनेंट भी होते हैं, जो महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. मानव के अंदर दो सेक्स क्रोमोसोम्स होते हैं- एक्स और वाई. जन्म से ही मादा पैदा होने वाली महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम्स होते हैं. जबकि जन्म से ही नर पैदा होने वाले पुरुषों में दो वाई क्रोमोसोम्स होते हैं. महिलाओं के एक्स क्रोमोसोम्स में एक्सट्रा जेनेटिक मैटेरियल होता है, जो उन्हें बुरे म्यूटेशन से बचाता है. उन्हें पुरुषों की तुलना में एक कदम आगे रखता है. अगर एक एक्स क्रोमोसोम खराब म्यूटेनशन का शिकार हो भी जाए तो दूसरा महिलाओं को सुरक्षित रखकर लंबी उम्र प्रदान करता है. (फोटोः गेटी)
जर्नल पापुलेशन एंड डेवलपमेंट रिव्यू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं प्रकृति से एक तरह का के पास बायोलॉजिकल तोहफा मिला होता है. जो उन्हें पुरुषों से ज्यादा जीने की सुविधा देती है. इस रिपोर्ट में 1890 से लेकर 1995 तक 11 हजार बैवेरियन कैथोलिक नन और मॉन्क्स की उम्र का विश्लेषण करके बताया गया था कि महिलाएं ज्यादा जीती हैं. यहां पर बेहद सख्त धार्मिक नियम होते हैं. जहां पुरुषों और महिलाओं को एक जैसा जीवन जीना होता है. दोनों ही खतरनाक व्यवहार से बचते हैं. इसलिए यहां पर बायोलॉजिकल वजहों से महिलाएं ज्यादा जीती हैं. (फोटोः गेटी)
इस स्टडी में जन्म से ही जीवन प्रत्याशा को मापा नहीं जाता बल्कि वयस्क होने के बाद पूरे जीवन को बिताने के लिए जरूरी कारणों का विश्लेषण किया जाता है. वर्जिनिया कहती हैं कि महिलाओं को बायोलॉजिकल लाभ यह मिलता है कि वह औसतन पुरुषों से दो साल ज्यादा जीती हैं. (फोटोः गेटी)
साल 2018 में एक स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुई थी. जिसमें कहा गया था कि आपदाओं, सूखा, महामारियों के समय पैदा होने वाली बच्चियां लड़कों से ज्यादा दिन जीती हैं. वो ज्यादा इम्यून होती हैं. ऐसी आपदाओं के समय पैदा होने वाली लड़कियां अगर बच जाती हैं, तो वो अपने साथ बचे लड़कों की तुलना में चार से पांच साल ज्यादा जीती हैं. (फोटोः गेटी)
वर्जिनिया जरूली कहती हैं कि सामाजिक कारण भी महत्वपूर्ण है. जैसे कि पुरुष ज्यादा सिगरेट और शराब पीते हैं. जबकि, महिलाएं ऐसा कम करती हैं. सीडीसी (CDC) के मुताबिक पुरुष महिलाओं की तुलना में दोगुनी ज्यादा शराब पीते हैं. या फिर महिलाओं की तुलना में पिछले 30 दिनों में ज्यादा शराब पीते हैं. पूरी दुनिया में आमतौर पर 35 फीसदी पुरुष धूम्रपान करते हैं, तो सिर्फ 6 फीसदी महिलाएं स्मोकिंग करती हैं. यह डेटा विश्व बैंक ने जारी किया है. (फोटोः गेटी)
महिलाएं पौष्टिक खाने की तरफ ज्यादा ध्यान देती हैं, जबकि पुरुष इस मामले में कमजोर होते हैं. वो काफी ज्यादा फास्ट फूड और फैटी मील्स का सेवन करते हैं. इसके बार में पिछले साल एक स्टडी एडवांसेस इन क्लीनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में प्रकाशित हुई थी. इसमें लिखा था 33 फीसदी महिलाएं औसत तौर पर डॉक्टर के पास जाती हैं. जबकि पुरुष ऐसा नहीं करते. (फोटोः गेटी)
वर्जिनिया जरूली ने खेद जताते हुए कहा कि इसके अलावा कई और कारण हैं, जिनकी खोज अब भी हो रही है. नर और मादा की उम्र के बीच का अंतर पता करना आसान नहीं है. अगर आप नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा की गई 20वीं सदी की रिपोर्ट देखोगे तो आपको पता चलेगा कि महिलाएं हमेशा से पुरुषों की तुलना में ज्यादा उम्र तक जीती हैं. जबकि, बीमारियां और महामारियां दोनों ही लिंगों पर एक जैसा हमला करती हैं. (फोटोः गेटी)