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टूट जाएगा माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का रिकॉर्ड! ये पहाड़ पछाड़ देगा उसे

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
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Mount Everest पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़ है. पर क्या ये हमेशा सबसे ऊंचा पहाड़ बना रहेगा? ये जानने के लिए हमे पहले ये समझना होगा कि पहाड़ बनते कैसे हैं? ये तब बनते हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती है. एक दूसरे के नीचे जाती है. फिर उसके ऊपर का हिस्सा यानी क्रस्ट ऊंचाई हासिल करता है. (फोटोः गेटी)

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ये एक सामान्य परिभाषा है पहाड़ के बनने की. लेकिन इसमें कई और फैक्टर भी काम करते हैं. टक्कर की तीव्रता, क्रस्ट का तापमान, मोटाई जैसी चीजें. अगर आप क्रस्ट यानी धरती की ऊपरी सतह के किसी जेल की तरह माने तो समझना ज्यादा आसान होगा. ठंडा जेल ज्यादा ऊंचा उठ सकता है. लेकिन गर्म जेल कम उठता है. (फोटोः गेटी)

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अबरदीन यूनिवर्सिटी के जियोलॉजिस्ट रॉब बटलर कहते हैं कि असल में एवरेस्ट हर साल ऊंचा हो रहा है. करीब एक इंच. इसकी वजह है उसके आसपास लगातार हो रहा इरोजन. हाल ही में एक स्टडी आई थी जिसमें कहा गया था कि एवरेस्ट से 72 km दूर एक नदी का नेटवर्क है. जिसकी वजह से 89 हजार साल में एवरेस्ट 49 से 164 फीट ऊपर उठा है. (फोटोः गेटी)

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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जियोलॉजिस्ट मैथ्यू फॉक्स कहते हैं कि इरोजन की वजह से एवरेस्ट ही नहीं कई पहाड़ों की ऊंचाई बढ़ सकती है. कई बार घट भी सकती है. यह निर्भर करता है इरोजन और अपलिफ्ट के दर में अंतर पर. अपलिफ्ट रेट ज्यादा है तो पहाड़ ऊपर उठेगा. इरोजन ज्यादा हो तो नीचे धंसेगा. (फोटोः गेटी)

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दुनिया का नौवां सबसे ऊंचा और एवरेस्ट का पड़ोसी पहाड़ नंगा पर्वत बहुत तेजी से ऊप उठ रहा है. एक दिन यह एवरेस्ट से ऊपर निकल जाएगा. इसके पीछे आसपास का इरोजन ही वजह है. एवरेस्ट के ऊपर उठने की दर नंगा पर्वत से कम है. एवरेस्ट मात्र 2000 फीट ऊंचा है नंगा पर्वत से. (फोटोः गेटी)

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बटलर का अनुमान है कि अगले 1 करोड़ साल तक हिमालय के पहाड़ अभी ऊपर उठेंगे. क्योंकि इसके नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार एकदूसरे को धकेल रही हैं. ऊपर से खास बात ये कि हिमालय के नीचे का क्रस्ट ठंडा है. यानी ये अभी और ऊपर उठेगा. दूसरा ये कि यहां मॉनसून की वजह से इरोजन भी होता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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जैसे आप किसी जेल जैसी चीज को हथेली में रखकर जोर से दबाए तो वह उंगलियों के बीच से बाहर निकल आती है किसी पहाड़ की तरह. ठीक वैसे ही पहाड़ों के पास भी कोई ऑप्शन नहीं है. वो अपने आसपास साइड में हो रहे इरोजन की वजह से ऊपर उठते जा रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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बटलर कहते हैं कि कोई पहाड़ एवरेस्ट को पीछे छोड़ सकता है. लेकिन अगर ये बात कुछ मीटर या कुछ सौ मीटर की बात हो. लेकिन कोई ये कहे कि एवरेस्ट के आगे बढ़कर कोई पहाड़ 10 किलोमीटर ऊंचा हो जाएगा, तो ये थोड़ा मुश्किल और भयावह होगा. (फोटोः अन्स्प्लैश)

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