पुर्तगाल (Portugal) के पोंबल शहर (Pombal City) में रहने वाले एक व्यक्ति को अपने घर के पीछे कुछ कंस्ट्रक्शन करना था. उसने नींव बनाने के लिए जमीन को खोदना शुरू किया तो उसे अजीबो-गरीब और बड़ी-बड़ी हड्डियां दिखाई दीं. वह हैरान रह गया. उसने तत्काल लिस्बन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को उसकी फोटो भेजी और जानकारी दी. यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद भागे-भागे जगह पर पहुंचे और खनन का कार्य शुरू किया. (फोटोः रॉयटर्स)
इस महीने की शुरुआत में स्पेन और पुर्तगाल के पैलियोंटोलॉजिस्ट ने खनन का काम पूरा किया. काम पूरा होते ही वो हैरान रह गए. क्योंकि जो अवशेष मिला है वह 82 फीट लंबा है. यह उस डायनासोर के कंकाल हैं जो 14.5 करोड़ साल पहले धरती पर रहता था. यानी यूरोप में अब तक मिला दुनिया का सबसे बड़ा डायनासोर. इससे पहले किसी यूरोपीय देश में इतने बड़े डायनासोर का अवशेष नहीं मिला था. (फोटोः रॉयटर्स)
पुरातत्वविदों ने जांच के बाद बताया कि यह सॉरोपॉड (Sauropod) प्रजाति के डायनासोर का कंकाल है. यह चार पैरों वाला डायनासोर शाकाहारी था. वह पेड़-पौधे खाता था. इसकी लंबी गर्दन होती थी. लंबी पूंछ होती थी. असल में यह खनन कार्य पांच साल पहले शुरू हुआ था. लेकिन बीच में कोविड की वजह से काम रोक दिया गया था. (फोटोः रॉयटर्स)
वैज्ञानिकों ने बताया कि जिस डायनासोर की बात यहां हो रही है वह 10 करोड़ से लेकर 16 करोड़ साल पहले तक धरती पर घूमता था. यह वही समय है जब उत्तरी अमेरिका में ब्राचियोसॉरस अल्टीथोरैक्स (Brachiosaurus altithorax) और अफ्रीका में जिराफटिटैन ब्रान्काई (Giraffatitan brancai) घूमते थे. उस समय पुर्तगाल के पश्चिमी इलाके में लुसोटिटैन अटलेंसिस (Lusotitan atalaiensis) मौजूद थे. (फोटोः रॉयटर्स)
जो अवशेष मिला है, उसकी जांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने डायनासोर की ऊंचाई 12 मीटर और लंबाई 25 मीटर बताई है. लिस्बन यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर एलिसाबेटे मालाफिया ने कहा कि यह एक बड़ी विचित्र खोज है. क्योंकि यह कंकाल जिस पोजिशन में है उससे हम उस डायनासोर का थ्रीडी बॉडी स्ट्रक्चर बना सकते हैं. उसके शरीर के आंतरिक हिस्सों का नक्शा खींच सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
एलिसाबेटे ने बताया कि हम इस जीवाश्म को लिस्बन यूनिवर्सिटी ले जा रहे हैं. ताकि उसे सुरक्षित रखा जा सके. उस पर और अन्य तरह का अध्ययन किया जा सके. फिलहाल उसके शरीर की बड़ी हड्डियों को सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है. जैसे पसलियां और पीठ की हड्डी. इसके बाद छोटी हड्डियों को पहुंचाया जाएगा. उसे यूनिवर्सिटी में उसी क्रम में रखा जाएगा, जिस क्रम में वो यहां पर थीं. इसके बाद हम आसपास के इलाकों में और खनन करेंगे. ताकि पता कर सकें कि कहीं और हिस्से तो नहीं मौजूद हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
कुछ हिस्से ऐसे हैं जिन्हें प्रयोगशाला में ट्रीट करने की जरुरत है. ताकि उनसे मिट्टी और धूल के कणों को निकाला जा सके. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह खोज सॉरोपॉड्स डायनासोरों के बारे में अध्ययन करने के लिए बेहद जरूरी है. (फोटोः रॉयटर्स)