वैज्ञानिकों ने हाल ही में अनजाने में उत्तरी ध्रुव के सबसे करीब का जमीनी इलाका खोज निकाला है. यह एक छोटा सा द्वीप ऊडाक आईलैंड (Oodaaq Island) के पास स्थित है. अब इस द्वीप का नाम दुनिया के सबसे उत्तरी छोर पर मौजूद जमीन के तौर पर रजिस्टर किया गया है. यह उत्तरी ग्रीनलैंड के उत्तर में स्थित है. यह पत्थरों, मिट्टी और रेत से बना हुआ है. आइए जानते हैं कि नए खोजे गए इस द्वीप में क्या खास बात है...(फोटोः गेटी)
ग्रीनलैंड के उत्तरी इलाके में स्थित ऊडाक आईलैंड (Oodaaq Island) के पास मौजूद इस छोटे से द्वीप की खोज वैज्ञानिकों से ऐसे ही हो गई. वो ग्लेशियरों और बढ़ते तापमान का अध्ययन करने उस इलाके में गए हुए थे. वो एक द्वीप पर रुके ताकि वहां के मौसम का अध्ययन कर सकें. लेकिन जब उन्होंने अपना नक्शा देखा तो उसमें इस द्वीप का कोई जिक्र नहीं था. इस द्वीप के बारे में किसी को पता नहीं था. (फोटोः गेटी)
इस स्टडी टीम के लीडर और यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन में डिपार्टमेंट ऑफ जियोसाइंसेज एंड नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट के सीनियर कंसलटेंट मॉर्टेन राश ने कहा कि हमने इस जमीन के टुकड़े की हर तरह से जांच की तो पता चला कि कुछ नया खोज लिया है. यह धरती के सबसे उत्तरी छोर पर स्थित नया द्वीप है. जब मैंने इस जगह के कॉर्डिनेट्स सोशल मीडिया पर डाले तो दुनिया भर के द्वीप खोजकर्ता जिन्हें आईलैंड हंटर्स भी कहते हैं, उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा था. (फोटोः गेटी)
मॉर्टेन और उनकी टीम को भरोसा नहीं हो रहा था कि उन्होंने कुछ ऐसा खोज लिया है. हो सकता है कि उनकी जीपीएस खराब हो गया है. लेकिन तब उन्होंने दोबारा उस लोकेशन पर जीपीएस से जुड़े हेलिकॉप्टर को उड़ाया, तब भी वही कॉर्डिनेट्स सामने निकल कर आए. हेलिकॉप्टर के लिए उन्होंने टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के वैज्ञानिकों की मदद ली थी. (फोटोः गेटी)
यह नया द्वीप ऊडाक आईलैंड (Oodaaq Island) से 2560 फीट उत्तर में है. यह द्वीप 98 फीट चौड़ा और 197 फीट लंबा है. यह एक फुटबॉल ग्राउंड से छोटा है. यह समुद्र तल से 10 से 13 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह पूरी तरह से समुद्री मिट्टी, मोरेन, मिट्टी, ग्लेशियरों द्वारा छोड़े गए पत्थरों से बना हुआ है. (फोटोः गेटी)
यह नया द्वीप ग्रीनलैंड और डेनमार्क की समुद्री सीमा में आता है. मॉर्टेन ने बताया कि हो सकता है कि यह किसी तूफान की वजह से बना हो. क्योंकि यहां पर कई चीजें जमा हैं. इन्हें समुद्री मिट्टी जोड़ती चली गई और यह द्वीप बनता चला गया. ऐसा भी हो सकता है कि यह द्वीप जल्द ही लापता हो जाए. क्योंकि ये किसी को नहीं पता है कि यह कितने दिन तक दिखाई देगा. इसके बाद बर्फ में दब जाएगा या फिर मौसम की मार से टूटकर समुद्र में खत्म हो जाएगा. (फोटोः गेटी)
मॉर्टेन कहते हैं कि इस छोटे द्वीप (Islets) के जीवन और उम्र के बारे में फिलहाल कुछ नहीं बताया जा सकता. बस एक बात हमें पता है, हमारी टीम ने जिसे ऊडाक आईलैंड (Oodaaq Island) समझा, वह उसी का एक आगे का हिस्सा है. ऊडाक आईलैंड उत्तरी ध्रुव से करीब 705 किलोमीटर दूर है. यानी नया आईलैंड उत्तरी ध्रुव से थोड़ा और करीब हो गया. ऊडाक ग्रीनलैंड के सुदूर उत्तर का आखिरी छोर माना जाता है. (फोटोः गेटी)
ऊडाक आईलैंड (Oodaaq Island) को भी डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने 1978 में खोजा था. उसके बाद से यह जगह उत्तरी ध्रुव पर जाने वाले वैज्ञानिकों के लिए एक छोटा स्टॉपेज होता है. यह पूरा द्वीप ग्लेशियर के पिघलने से बहकर आए छोटे-छोटे पत्थरों से बना है. आमतौर पर धरती पर मौजूद सबसे उत्तरी छोर की जमीन यानी ऊडाक या फिर इससे ऊपर कोई भी जमीन ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाती. (फोटोः गेटी)
इन्हें समुद्री तूफान, तेज लहरें या हवाएं बनाती-बिगाड़ती रहती हैं. खोजे गए नए द्वीप का नाम ग्रीनलैंडिक भाषा में क्वेकरताक अवन्नारलेक (Qeqertaq Avannarleq) रखने की सिफारिश की गई है. मॉर्टेन का कहना है कि इसका मतलब होता है सबसे उत्तर में स्थित सुदूर द्वीप. यानी इसके बाद जमीन का टुकड़ा देखने को नहीं मिलेगा. सिर्फ समंदर और आर्कटिक में सफेद रंग से रंगा उत्तरी ध्रुव. (फोटोः गेटी)