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Germany के पास बाल्टिक सागर में मिली 11 हजार साल पुरानी दीवार, 70 फीट गहराई में पहले था एक शहर

जर्मनी के पास बाल्टिक सागर में 70 फीट की गहराई में 11 हजार साल पुरानी दीवार मिली है. यह दीवार किसी समय एक शहर के किनारे बनाई गई थी. जो अब समंदर में डूब चुकी है. जब वैज्ञानिकों को इसका नक्शा मिला तो वो हैरान रह गए. यह प्राचीन दीवार करीब एक किलोमीटर लंबी थी.

जर्मनी के पास समंदर के अंदर मिली दीवार का एक हिस्सा. (फोटोः रोस्टोक यूनिवर्सिटी) जर्मनी के पास समंदर के अंदर मिली दीवार का एक हिस्सा. (फोटोः रोस्टोक यूनिवर्सिटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • बर्लिन,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

जर्मनी के पास बाल्टिक सागर में 11 हजार साल पुरानी पत्थर की दीवार मिली है. ये उस समय की दीवार है, जब इस जगह पर रेनडियर का शिकार किया जाता था. जमीन को समंदर ने डुबोया नहीं था. यह दीवार प्रागैतिहासिक स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई थी. यह दीवार करीब 975 मीटर लंबी है. तीन फीट ऊंची और 6.5 फीट चौड़ी है. 

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वैज्ञानिकों ने जो दीवार खोजी है वह सिर्फ दो-तिहाई हिस्सा ही है. इसमें करीब 1670 पत्थर मिले हैं. ये दीवार जर्मनी के तटीय रेरिक शहर से 10 किलोमीटर पूर्व में बाल्टिक सागर में 70 फीट की गहराई में मौजूद है. बाल्टिक सागर के इस हिस्से को मेकलेनबर्ग की खाड़ी कहते हैं. यह यूरोप में होलोसीन काल की शुरूआत के समय की बात है. 

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उस समय कई यूरोपीय देशों में शिकार को फंसाने के लिए इस तरह की लंबी-चौड़ी दीवारें बनाई जाती थीं. कई बार शिकारियों का समूह अपने शिकार को इन दीवारों के घेरे में लाकर फंसा देते थे. फिर उनका आराम से शिकार करते थे. मेकलेनबर्ग की खाड़ी के पास मिले इस दीवार से पता चलता है कि यहां के लोग रेंडियर का शिकार करते रहे होंगे. 

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बर्फ पिघलती गई, समंदर बढ़ता गया और डूब गया शहर

धीरे-धीरे तापमान बढ़ने और बर्फ पिघलने से समंदर का जलस्तर बढ़ता चला गया. जो जमीन पहले समंदर के बाहर थी, अब वो 70 फीट नीचे हैं. यह इलाका आखिरी हिमयुग यानी 8500 साल पहले पानी में डूबा था. ये तब की बात है जब डॉगरलैंड इलाके ने ब्रिटेन और यूरोपीय महाद्वीप से जुड़ा था. इस दीवार को असल में 2021 में खोजा गया था. 

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तीन साल से इसकी स्टडी की जा रही थी. जर्मनी के कील यूनिवर्सिटी के मरीन जियोफिजिसिस्ट जैकब गीरसेन ने कहा कि दीवार वाला इलाका समंदर के नीले रंग से थोड़ा अलग था. हम किसी ढांचे की खोज कर नहीं रहे थे. लेकिन हमें वो चीज मिली, जिसकी उम्मीद नहीं थी. 

वैज्ञानिकों अंडरवाटर ड्रोन चलाया, गोते लगाए... तब पता चला 

इसके बाद वैज्ञानिकों ने ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल से पूरे इलाके की जांच की. सोनार यंत्रों के जरिए समंदर के अंदर के हिस्से का नक्शा बनाया. इसके अलावा कई बार गोताखोरी करके दीवार तक भी गए. दीवार की मिट्टी और पत्थरों की जांच की. तब पता चला कि ये किसलिए, कब और कैसे बनाया गया था? इसके अलावा ये कब और कैसे डूबा? 

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गीरसेन और मार्सेल ब्रेटमोलर की यह खोज PNAS जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुई है. जिसमें यह बताया गया है कि यह दीवार कब बनाई गई थी. असल में यह मवेशियों को समंदर की तरफ जाने से रोकने के लिए बनाई गई दीवार थी. ताकि गलत दिशा में वो भागे नहीं. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि रेंडियर इस इलाके में 9000 साल पहले खत्म हो गए थे. 

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