
रोम के बाहर, विला ऑफ़ क्विंटिली (Villa of the Quintilii) में हाल ही में खुदाई की गई. इस खुदाई में एक बेहद अनोखी शराब की फैक्ट्री या वाइनरी के अवशेषों का पता चला है. तीसरी शताब्दी सीई की यह इमारत वाया एपिया एंटीका (Via Appia Antica) हाइवे पर स्थित है, जो प्राचीन वैभव और उस दौर की कलात्मकता को दर्शाती है.
इस तरह का कुछ भी, अभी तक किसी प्राचीन प्रोडक्शन साइट पर देखने को नहीं मिला था. यह परिसर रोमांच से भर देता है. ये दिखाता है कि कुलीन रोमन अपना सामाजिक और राजनीतिक स्टेटस बनाए रखने के लिए कार्यक्रमों को शानदार सजावट और रंगमंच से जोड़ते थे. इस खोज से जुड़ी जानकारी एन्टिक्विटी के एक नए आर्टिकल में दी गई है.
क्विंटिली का विला
लेड के बने पानी के पाइप पर अंकित किए गए नामों से पता चलता है कि 24 हेक्टेयर के इस प्राचीन रोमन विला के मालिक क्विंटिली भाई थे, जो 151 ईस्वी में कंसल्स (consuls) यानी रोम के अधिकारियों के तौर पर काम किया करते थे.रोमन सम्राट कोमोडस ने 182/3 CE में इन भाइयों को मार डाला था. इस विला सहित उनकी सभी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया था.
यह साइट अपनी सजावटी वास्तुकला के लिए लंबे समय से जानी जाती है, इसमें रंगीन मार्बल के टाइल्स, अच्छी क्वालिटी की मूर्तियां और एक जानामाना स्नानघर शामिल है. कमोडस के शासनकाल के दौरान, रथों की दौड़ के लिए सर्कस बनाया गया था, जिसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी. 2017-18 से, इस सर्कस के शुरुआती गेट की खोज की कोशिश के दौरान, एक अनोखी वाइनरी के शुरुआती निशान सामने आए थे.
रोमन का आलीशान शराबखाना
यह बड़ा परिसर, सर्कस के शुरुआती गेट के ऊपर बनाया गया था. इसे कोमोडस के शासन काल के बाद बनाया गया था. परिसर में आमतौर पर प्राचीन रोमन वाइनरी में पाई जाने वाली चीज़ें हैं, जैसे- अंगूरों को पैरों से कुचलने की जगह, दो वाइन प्रेस, अंगूरों को इकट्ठा करने के लिए एक वैट और स्टोर करने के लिए मिट्टी के बड़े-बड़े जार. इनके साथ, शराब को फर्मेंट करने के लिए ज़मीन में बना एक तहखाना भी था. हालांकि, इस जगह पर जो सजावट और व्यवस्थाएं मिली हैं, वो किसी भी और प्राचीन साइट पर नहीं मिलतीं.
इस फ्रैक्ट्री की लगभग सारी जगह में मार्बल की टाइलें लगी हुई हैं. यहां तक कि अंगूरों पर चलने वाली जगह जिसपर सामान्य तौर पर वाटरप्रूफ प्लास्टर लगा होता है, यहां लाल रंग के ब्रैकिया मार्बल से बनी थी. इस शानदार जगह को देखकर विलासिता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
से कुचले गए अंगूर के गूदे को और दबाने के लिए दो बड़ी मेकैनिकल लीवर वाली प्रेस भी वहां मौजूद हैं. दोनों जगह अंगूरों को कुचलने और दबाने से निकलने वाले अंगूर का रस एक लंबे आयताकार वैट में जाता था, जहां एक सम्राट गोर्डियन के नाम की मोहर की छाप (244 CE) लगी दिखती है. इससे इस जगह के निर्माण की तारीख का पता चलता है.
इसके बाद अंगूर का रस किसी फव्वारे की तरह, करीब एक मीटर ऊंचाई के आसपास, एक मुखौटे के ज़रिए डाला जाता होगा, जो एक रोमन निम्फियम जैसा दिखता है. अंगूर के रस के जाने-आने के लिए लेड के बने पाइपों की एक अंडरग्राउंड सिस्टम लगा हुआ है. यहां से होता हुआ ये रस मिट्टी के 16 घड़ों में डाला जाता था. ये घड़ा इतना बड़ा था कि एक इंसान उसमें फिट हो जाए. खुदाई के दौरान इनमें से 8 घड़ों के अवशेष मिले थे.