
कांगो के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of Congo) में अचानक आई बाढ़ में कम से कम 176 लोगों की मौत हो गई है. यह जानकारी वहां के रीजनल गवर्नर ने शुक्रवार को दी. भारी बारिश की वजह से इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है. हालात ये हैं कि लोगो को बचाने के साथ-साथ, सहायक कर्मी शवों को भी खोज रहे हैं. वहां मिट्टी में लिपटे शवों के ढेर लग गए हैं.
एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण किवु (Kivu) प्रांत के कालेहे (Kalehe) इलाके में गुरुवार को हुई बारिश की वजह से नदियां उफान पर आ गईं, जिससे बुशुशु (Bushushu) और न्यामुकुबी (Nyamukubi) गांव जलमग्न हो गए.
दक्षिण किवु के गवर्नर थियो नवाबिद्जे कासी (Théo Ngwabidje Kasi) के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 176 है, ये बढ़ भी सकती है. उन्होंने कहा कि करीब 100 लोग अभी भी लापता हैं. एक स्थानीय सिविल सोसाइटी के सदस्य कसोल मार्टिन का कहना है कि अब तक 227 शव बरामद किए गए हैं. मार्टिन ने कहा कि लोग खुले में सो रहे थे. स्कूल और अस्पताल सब कुछ बह गए हैं.
शुक्रवार को, जो लोग बच गए थे, वे थके-हारे एक लकड़ी के शेड के बाहर खड़े थे, जिसमें रेड क्रॉस के कार्यकर्ता बाढ़ में मारे गए लोगों के शव एक-दूसरे के ऊपर रख रहे थे. ज़्यादातर शवों पर कपड़े नहीं थे, तेज़ बहाव के चलते शरीर से कपडे उतर गए थे और अब शरीर सिर्फ मिट्टी से लथपथ थे.
इस क्षेत्र के हालात काफी खराब हैं. यहां से आ रही तस्वीरों में तबाही साफ देखी जा सकती है. घर इस लायक बचे ही नहीं है कि अंदर जाया जा सके. सब कुछ उजड़ गया. कालेहे के मुख्य अस्पताल के एक डॉक्टर रॉबर्ट मसांबा ने कहा कि गुरुवार शाम से घायल बचे लोगों का आना जारी है. उन्होंने कहा कि मेरी टीम और मैं अभी तक सोए नहीं हैं. हमें 56 मरीज मिले हैं, जिनमें से 80% को फ्रैक्चर है.
रवांडा के साथ सीमा साझा करने वाले दक्षिण किवु में बाढ़ और भूस्खलन असामान्य नहीं हैं. इस सप्ताह रवांडा में भी भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिसमें 130 लोगों की मौत हो गई और 5,000 से ज़्यादा घर तबाह हो गए.
सरकार ने घोषणा की है कि सोमवार को झंडे को आधा झुकाकर, खोए हुए लोगों की याद में राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अफ्रीका में मौसम से जुड़ी इस तरह की घटनाएं लगातार और बड़ी तीव्रता के साथ हो रही हैं. कांगो में इसी तरह की तबाही अक्टूबर 2014 में हुई थी, जब भारी बारिश ने 700 से ज़्यादा घरों को उजाड़ दिया था. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, उस समय 130 से ज़्यादा लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी.