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एलियन दुनिया से हुआ संपर्क! 82 घंटे में अंतरिक्ष से आए 1863 रेडियो सिग्नल, बढ़ रहा रहस्य

अंतरिक्ष से पृथ्वी की तरफ रहस्यमयी सिग्नल आ रहे हैं. कहीं ये सिग्नल एलियन दुनिया के तो नहीं हैं. वैज्ञानिकों ने इन सिग्नलों को 91 घंटे डिटेक्ट किया. जिसमें से 82 घंटे में 1863 सिग्नल मिले. पहले भी ऐसे सिग्नल मिलते थे लेकिन वो बेहद कम समय के लिए. इस बार ये ज्यादा मात्रा और समय तक दर्ज किए गए.

ये है अंतरिक्ष की वो जगह जहां से आ रहे हैं रहस्यमयी रेडियो सिग्नल. (फोटोः NASA) ये है अंतरिक्ष की वो जगह जहां से आ रहे हैं रहस्यमयी रेडियो सिग्नल. (फोटोः NASA)
aajtak.in
  • लास वेगास,
  • 25 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

एलियन दुनिया (Alien World) से संपर्क हो गया है. ऐसा लगता तो है. क्योंकि वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के एक कोने से लगातार पृथ्वी आ रहे सिग्नल मिल रहे हैं. इन्हें रिकॉर्ड भी किया गया है. ये नए प्रकार के रेडियो सिग्नल हैं. जो सामान्य फास्ट रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Burst - FRB) से अलग हैं. वैज्ञानिकों ने लगातार 91 घंटे उसी दिशा में रेडियो टेलिस्कोप से निगरानी की, जहां से सिग्नल आ रहे थे. इतने घंटों में से 82 घंटे तक 1863 सिग्नल आए. 

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यह सिग्नल हमारी पृथ्वी से सुदूर एक गैलेक्सी से आ रहे हैं. जिस जगह से सिग्नल आ रहे हैं, उसका नाम FRB 20201124A है. इसे चीन के फाइव हंड्रेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप (FAST) ने पकड़ा है. इन सिग्नलों की स्टडी चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर हेंग शू कर रहे हैं. हेंग शू कहते हैं कि उस गैलेक्सी में कोई मैग्नेटार (Magnetar) यानी न्यूट्रॉन स्टार है जो यह रेडियो सिग्नल भेज रहा है. उसके पास बहुत ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड है. FRB 20201124A अंतरिक्ष में उस तरह का तारा है, जैसे जंगल में घूमता कोई खूंखार मांसाहारी जानवर. 

दुनिया भर में अलग-अलग स्थानों पर बड़े-बड़े रेडियो एंटीना लगे हैं, जो ऐसे रेडियो सिग्नलों को पकड़ते हैं. 

लास वेगास स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा की एस्ट्रोफिजिसिस्ट बिंग झांग ने कहा कि इन रेडियो सिग्नलों ने हमारे होश उड़ा दिए. अब इनकी स्टडी करने के लिए अमेरिका और चीन दोनों के वैज्ञानिक एकसाथ काम कर रहे हैं. यह हमारी कल्पना से बहुत ज्यादा रहस्यमयी है. यहां से कई अलग-अलग वेवलेंथ के रेडियो सिग्नल मिल रहे हैं. जिनकी जांच की जा रही है. उन्हें समझने का प्रयास किया जा रहा है. कहीं किसी और दुनिया से हमारे लिए किसी तरह का कोई संदेश तो नहीं आ रहा है. लेकिन इन्हें समझना इतना आसान नहीं है. FRB 20201124A की गैलेक्सी हमारी आकाशगंगा जैसी ही महसूस हो रही है. 

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फास्ट रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Burst - FRB) को 15 साल पहले खोजा गया था. तब से लेकर अब तक ये सिग्नल लगातार वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे हैं. उन्हें समझना मुश्किल होता जा रहा है. किसी एक का रहस्य सुलझाए उससे पहले नए तरह का FRB मिल जाता है. ये रेडियो बर्स्ट इतनी ऊर्जा छोड़ते हैं, जितने 50 करोड़ सूरज मिलकर निकालेंगे. लेकिन ज्यादातर FRB एक बार ही विस्फोट करते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी मिले हैं, जो थोड़े-थोड़े समय पर रेडियो सिग्नल भेजते रहते हैं. साल 2020 में पहली बार अपनी आकाशगंगा के अंदर एक फास्ट रेडियो बर्स्ट मिला था. 

वैज्ञानिक अब रेडियो सिग्नल भेजने वाले मैग्नेटार की गैलेक्सी का अध्ययन कर रहे हैं. (फोटोः NASA)

वैज्ञानिकों ने FRB 20201124A को लगातार मॉनिटर किया. इस दौरान उसने रिपीट मोड में लगातार सिग्नल भेजे. हैरानी की बात ये है कि ये सोर्स सिग्नल भेजने के साथ-साथ पोलराइजेशन (Polarization) भी कर रहा है. यानी यह प्रकाश की किरणों को थ्री-डायमेंशनल स्पेस में भेज रहा है. अब वैज्ञानिक इन किरणों की स्टडी कर रहे हैं ताकि मैग्नेटार के वायुमंडल या वातावरण के बारे में पता कर सकें. ज्यादा पोलराइजेशन यानी ज्यादा चुंबकीय शक्ति. इनकी स्टडी Nature और Nature Communication में प्रकाशित हुई है.

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पिछले कुछ सालों से अमेरिका और चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसे कई सिग्नलों को पकड़ा है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने भी ऐसे सिग्नलों को दर्ज किया था जो तीन सेकेंड तक एक्टिव था. MIT के वैज्ञानिकों ने पुष्ट किया है कि ये सिग्नल हर 0.2 सेकेंड्स के गैप में तीन सेकेंड तक आता रहा है. इस गैप में किसी तरह का अंतर नहीं था. समयबद्ध तरीके से सिग्नल मिल रहे थे. जैसे इन्हें कहीं से तय समय पर फिक्स गैप में पृथ्वी पर भेजा जा रहा हो. इन रेडियो तरंगों को द कैनेडियन हाइड्रोजन इंटेंसिटी मैपिंग एक्सपेरीमेंट (CHIME) ने रिकॉर्ड किया था. 

CHIME कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में मौजूद एक ताकतवर रेडियो टेलिस्कोप है. इसने अब तक सैकड़ों FRB को पकड़ा है. इस रेडियो बर्स्ट को FRB20191221A नाम दिया गया है. यह सबसे लंबे समय तक दर्ज किया जाने वाला रेडियो सिग्नल है. अभी तक वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए हैं कि FRB यानी फास्ट रेडियो बर्स्ट की उत्पत्ति कैसे होती है. हालांकि ये माना जाता है कि ये किसी रेडियो पल्सर (Radio Pulsar) या फिर मैग्नेटार (Magnetar) से पैदा होते हैं. मैग्नेटार तब बनता है जब दो न्यूट्रॉन स्टार आपस में टकराकर एक नए स्टार का निर्माण कर रहे होते हैं.  

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