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नीदरलैंड्स में मिले 2000 साल पुराने दो रोमन मंदिर, सैन्य चौकियों के पास थे ये धार्मिक स्थल

Roman Temples in Netherlands: नीदरलैंड्स में दो प्राचीन रोमन साम्राज्य के मंदिर मिले हैं. इनकी उम्र 2000 साल बताई जा रही है. इस खोज को किसी सरकारी मदद से नहीं बल्कि एक निजी ऑर्कियोलॉजी संस्था ने किया है.

Roman Temple In Netherlands: ये हैं उन रोमन मंदिरों के अवशेष. (फोटोः RAAP) Roman Temple In Netherlands: ये हैं उन रोमन मंदिरों के अवशेष. (फोटोः RAAP)
aajtak.in
  • एम्सटर्डम,
  • 23 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST
  • जर्मनी की सीमा के पास हैं मौजूद
  • पहले धार्मिक वस्तुएं मिल चुकी हैं

नीदरलैंड्स में एक 2000 साल पुराना रोमन मंदिर मिला है. इस देश में मिला यह पहला रोमन मंदिर है. इसे एक निजी आर्कियोलॉजिकल संस्था RAAP ने खोजा है. मंदिर नीदरलैंड्स और जर्मनी की सीमा के पास गेल्डरलैंड नामक इलाके में मिला है. नीदरलैंड्स में पहले भी धार्मिक रोमन वस्तुएं मिली हैं, लेकिन दो मंदिर एक साथ पहली बार मिले हैं. 

दोनों मंदिर गेल्डरलैंड के पूर्व-मध्य में स्थित हेरविन-हेमेलिंग गांव में हुई खुदाई में मिले हैं. आर्कियोलॉजिस्ट कहते हैं कि ये रोमन लाइम्स के अवशेषों से मिलते-जुलते हैं. इस इलाके में रोमन काल के समय की चौकियां और किलेबंदी की दीवारें बनाई गई थीं. ये जर्मन जनजातियों के आक्रमण से सुरक्षा देती थी. 

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एकसाथ दो रोमन मंदिरों का मिलना इतिहासकारों के लिए बड़े रिसर्च का विषय माना जा रहा है. (फोटोः RAAP)

लाइम्स जर्मेनिकस को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है. उसी क्षेत्र में लंबे समय से खोए हुए रोमन मंदिर परिसर की खोज ने रोमन संस्कृति के बारे में नई और कीमती जानकारी का खुलासा किया है. RAAP का कहना है कि हमें ये पहले से पता था कि खुदाई वाली जगह पर रोमन चौकियां और बस्तियां थीं. उन्हें शौकिया पुरातत्वविदों ने बताया था की यहां पर रोमन साम्राज्य से संबंधी कुछ बड़ा हाथ लग सकता है. 

जर्मनी की सीमा के पास नीदरलैंड्स के गेल्डरलैंड में एक ऊंचाई वाले स्थान पर मिले हैं दोनों मंदिर. (फोटोः RAAP)

शौकिया पुरातत्वविदों ने 2021 में वहां कुछ प्राचीन रोमन कलाकृतियों का पता लगाया था. इसके बाद आधिकारिक खुदाई कार्यक्रम शुरु किया गया. बाद में पता चला कि यहां पर दो रोमन मंदिरों के खंडहर हैं. इनका उपयोग पहली और पांचवीं सदी के बीच हुआ करता था. इसमें से एक गैलो-रोमन मंदिर था, जिसे एक पहाड़ी पर बनाया गया था. 

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दूसरा मंदिर छोटा था. पहले मंदिर से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित था. पुरातत्वविदों का मानना है कि अन्य रोमन मंदिरों की तरह यह भी रोमन सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक सभा का स्थल लगता है. कल्चरल हेरिटेज एजेंसी के बयान में कहा गया है कि बड़े पद वाले रोमन अधिकारियों ने अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए. भगवान या देवी को धन्यवाद देने के लिए दर्जनों पत्थर खड़े किए जिसे मन्नत पत्थर कहते है. (ये खबर इंटर्न आदर्श ने लिखी है)  

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