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मिस्र में मिले 3300 साल पुराने गुंबद और मंदिर, खूबसूरत नक्काशी देख वैज्ञानिक हैरान

हमेशा से लोगों को आकर्षित करने वाला मिस्र एक बार फिर सदियों पुराने अवशेषों को सामने लाया है. हाल ही में, सक्कारा (Saqqara) के एक प्राचीन कब्रिस्तान से पुरातत्वविदों को करीब 3,300 साल पुराने मकबरे और मंदिर मिले हैं. जहां की कलाकारी देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं.

खुदाई में 3300 साल पुराने मकबरे और चैपल मिले हैं. (Photo: Leiden Turin Expedition to Saqqara) खुदाई में 3300 साल पुराने मकबरे और चैपल मिले हैं. (Photo: Leiden Turin Expedition to Saqqara)
aajtak.in
  • लीडेन ,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

मिस्र हमेशा से लोगों की दिलचस्पी का केंद्र रहा है. मिस्र की ममी हों या मकबरे हमेशा लोगों में रोमांच भर देते हैं. हाल ही में, मिस्र (Egypt) में पुरातत्वविदों को सक्कारा (Saqqara) के एक प्राचीन कब्रिस्तान में करीब 3,300 साल पुराने कई मकबरे और मंदिर मिले हैं.

लीडेन (Leiden) में नीदरलैंड्स नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ एंटिक्विटीज़ में मिस्र और न्युबियन कलेक्शन की क्यूरेटर और 'द वॉकिंग डेड एट सक्कारा' पुस्तक की लेखक लारा वीस (Lara Weiss) का कहना है कि सबसे बड़ा मकबरा 'पैनेसी' नाम के एक व्यक्ति का था, जो 'अमुन के मंदिर का ओवरसियर' (Overseer of the temple of Amun) था. लारा ने इस खुदाई को लीड किया था.

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लारा का कहना है कि पैनेसी का मकबरा बहुत अच्छे से बना हुआ था, जहां रंगों के बड़े ट्रेसेज़ दिखे जा सकते हैं. शिलालेखों से पता चलता है कि उनकी कोई संतान नहीं थी. लारा कहती हैं कि पैनेसी के मकबरे में मानव अवशेष भी पाए गए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि ये अवशेष वहां काफी बाद में दफनाए गए लोगों के हैं. 2024 में इन अवशेषों का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा.

लारा का कहना है कि एक और नए मकबरे का पता लगा है जो 'युयू' (Yuyu) नाम के एक व्यक्ति का है. यह व्यक्ति सोने की पत्र बनाया करता था और इसलिए शाही खजाने में एक खास कलाकार था. युयू का मकबरा पैनेसी के मकबरे से छोटा है, इसमें कुछ कलाकृतियां भी हैं जो कई दिलचस्प डिटेल बताती हैं. लारा वीस कहती हैं कि इसमें उसके परिवार की चार पीढ़ियों को चित्रित किया गया है, जिसमें उसके माता-पिता, वो खुद और उसकी पत्नी, पत्नी और बच्चों के साथ उसके भाई, उसके अपने बच्चे और पोते-पोतियां शामिल हैं.

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एक और मकबरा है जिसके मालिक का पता नहीं चला है. उसमें उभरी हुई मूर्तियां हैं और ऐसा लगता है जैसे कि चार लोग एक ही परिवार के हैं. मूर्तियां अधूरी लग रही हैं, लेकिन मूर्तियों का डिज़ाइन पास के मकबरे में पाई गई मूर्तियों की तरह ही हैं, जो माया और मेरिट नाम के एक जोड़े की थीं. ये दोनों इस मकबरे के बनने से करीब 50 साल पहले यहां रहा करते थे.

 

इटली में एना की कोर यूनिवर्सिटी में मिस्र के प्रोफेसर फ्रांसेस्को तिराद्रिति (Francesco Tiradritti), इन मकबरों की सजावट को देखकर बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि इसकी क्वालिटी बहुत शानदार है. कलाकार ने प्राचीन मिस्र की कला का एक दुर्लभ नमूना पेश किया है. सक्कारा में काम चल रहा है और लीडेन के नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ एंटिक्विटीज़ और ट्यूरिन के इजिप्शियन म्यूज़ियम के स्कॉलर्स यहां काम कर रहे हैं. 

 

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