
इथियोपिया के उत्तर में स्थित दो इलाकों में 372 लोग भूख की वजह से मारे जा चुके हैं. 351 लोग टिग्रे (Tigray) और 21 लोग अमहारा (Amhara) इलाके में मारे गए हैं. भुखमरी की यह स्थिति सूखे की वजह से है. इथियोपियन इंस्टीट्यूशन ऑफ ओम्बुड्समैन के प्रमुख एन्डेल हेल ने कहा कि उनके पास लोगों की शिकायतें आई हैं.
ये शिकायतें सरकारी विभागों को लेकर हैं. जांच करने पर पता चला कि ट्रिगे में 351 और अमहारा में 21 लोग भुखमरी से मारे गए हैं. ये तो सिर्फ दस दिन की जांच से पता चला है. हो सकता है कि वहां और भी लोग मारे गए हों. जिनके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. हमें पूरी आशंका है कि और ज्यादा लोग मारे गए हैं. अभी उनकी गिनती नहीं हुई है.
जब इस बारे में अमहारा और टिग्रे इलाके के सरकारी प्रवक्ताओं लेगेसी तुलू और मेंगाशा फेतॉव से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो वो उपलब्ध नहीं थे. इथियोपिया में इस समय गृहयुद्ध के हालात हैं. खासतौर से टिग्रे इलाके में. यह हॉर्न ऑफ अफ्रीका के पास है. यहां दशकों से सूखे की दिक्कत है.
संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का कहना है कि इस समय वहां पर 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को मदद की जरूरत है. अगर अमहारा की बात करें तो वहां रुक-रुक कर संघर्ष होते रहते हैं. यहां भी भयानक सूखा चल रहा है. यहां पर लड़ाई है अमहारा की सेना और स्थानीय आतंकियों के बीच. टिग्रे में 2022 से गृहयुद्ध चल रहा है.
पिछले साल दिसंबर में टिग्रे के राष्ट्रपित गेटाचे रेडा ने कहा था कि उनके इलाके की 91 फीसदी आबादी भुखमरी के कगार पर है. स्थितियां अब नियंत्रण से बाहर हैं. उस समय जब सरकारी प्रवक्ता लेगेसी तुलू से इसके बारे में पूछा गया था, तब उन्होंने कहा था कि ये बयान सही नहीं है. फैक्चुअली गलत है.
पिछले साल मई में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने टिग्रे में हिंसा के चलते लोगों को खाना देने का काम बंद कर दिया था. क्योंकि हिंसा की वजह से डोनेशन का ज्यादा हिस्सा चोरी हो जा रहा था. इसके बाद जून में पूरे इथियोपिया से सहायता बंद कर दी गई. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी हर तरह की मदद देने से इंकार कर दिया. अगस्त में सीमित मात्रा में खाद्य पदार्थ और अन्य मदद देना शुरू किया गया. अमेरिका ने दिसंबर में मदद देना शुरू किया.