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सुपरसकर्स की मदद से शिकार करता था 8 पैरों वाला वैंपायर स्क्विड, सामने आई 3D तस्वीर

वैज्ञानिकों ने जुरासिक युग के कुछ जीवाश्मों की 3D इमेजिंग की और इससे पता चला कि एक जुरासिक वैम्पायर स्क्विड जैसा जीव, पानी से शिकार पकड़ने के लिए सुपरसकर्स (Supersuckers) का इस्तेमाल करता था. 

3D तकनीक से सुपरसकर्स को रीकंस्ट्रक्ट किया गया (Photo: A.Lethiers) 3D तकनीक से सुपरसकर्स को रीकंस्ट्रक्ट किया गया (Photo: A.Lethiers)
aajtak.in
  • पैरिस,
  • 27 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST
  • 16.4 करोड़ साल पुरानी साइट से मिले थे जीवाश्म
  • एक्स-रे तकनीक से मिली अनोखी जानकारी 

जुरासिक काल के जीवाश्मों की 3D इमेजिंग करके, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जुरासिक वैम्पायर स्क्विड (Jurassic vampire squid) जैसा जीव, शिकार को झपटने के लिए सुपरसकर्स (Supersuckers) का इस्तेमाल करता था. वैज्ञानिकों ने पहली बार वैम्पायरोनासा रोडानिका (Vampyronassa rhodanica) के सकर्स के बारे में गहराई से जानने के लिए 3D इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है. वैम्पायरोनासा रोडानिका, आज के वैम्पायर स्क्विड (Vampyroteuthis infernalis) का विलुप्त रिश्तेदार है. 

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हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Scientific Reports) जर्नल में वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण की जानकारी दी. इस विश्लेषण से जानवर की आंतरिक एनाटॉमी के बारे में ऐसी विशेषताओं का पता चला है, जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं. 

3D में मिला था स्क्विड जैसे जीव का जीवाश्म (Photo: P. Loubry)

16.4 करोड़ साल पुरानी साइट से मिले थे जीवाश्म

शोध में जिन जीवाश्मों के बारे में बताया गया है वे उन्हें मूल रूप से दक्षिण-पूर्वी फ्रांस में स्थित एक जीवाश्म साइट ला वौल्ट-सुर-रोन लेगरस्टेट ( La Voulte-sur-Rhône Lagerstätte) से मिले थे. यह साइट करीब 16.4 करोड़ साल पुरानी है. यानी यह जुरासिक काल (20.13 करोड़ से 14.55 करोड़ साल पहले) के मध्य की है और इसमें तरह-तरह के समुद्री जीवों के जीवाश्म का खजाना है. वैज्ञानिकों के लिए ये साइट बहुत खास है क्योंकि यहां नमूने 3D में संरक्षित हैं.

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पहले इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं मिली थी

जर्नल एनालेस डी पेलियोन्टोलॉजी (Annales de Paléontologie) में प्रकशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने पहली बार 2002 में इन जीवाश्मों की जांच की थी, तब उन्होंने कहा था कि यह जानवर किसी अज्ञात प्रजाति के थे. रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने ऑक्टोपस जैसे जीव के बारे में बताया था जिसके आठ पैर, सकर्स, और नोकीली संरचनाएं थीं जिन्हें सिरी (cirri) कहा गया था. उस समय, यह तो साफ था कि हर पैर में दोनों तरफ सिरी से घिरे हुए सकर्स थे, लेकिन इनकी सटीक संरचना को समझना मुश्किल था.

जीवाश्मों का एक्स-रे एनालिसिस किया गया (Photo: Scientific Reports)

एक्स-रे तकनीक से मिली अनोखी जानकारी 

लेकिन शक्तिशाली एक्स-रे से, इन जीवाश्मों की दोबारा जांच की गई और शोधकर्ताओं को जानवरों के अंदरूनी हिस्सों के बारे में अनोखी जानकारी मिली. एक्स-रे एनालिसिस से टीम ने इस जानवर के सकर्स को हाई रिज़ोल्यूशन में रीकंस्ट्रक्ट किया. ये सकर्स वैम्पायर स्क्विड के आकार जैसे हैं, हालांकि ये थोड़े बड़े हैं, संख्या में ज्यादा हैं और पास-पास हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह जानवर समुद्र में शिकार करता था और अपने शिकार को झपटने के लिए अपने बड़े सकर्स और खास पैरों का इस्तेमाल करता था. 

 

वैम्पायर स्क्विड अपने शिकार को पानी की धारा से निकालने के लिए लंबे और चिपकने वाले फिलामेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं को वी. रोडानिका में इन फिलामेंट्स के प्रमाण नहीं मिले. हो सकता है कि जुरासिक जीवों में ये संरचनाएं नहीं थीं. फिलामेंट्स के न होने से यह भी पता चलता है कि वी. रोडानिका वास्तव में वैम्पायर स्क्विड की तुलना में आधुनिक ऑक्टोपस से ज्यादा करीब हैं, क्योंकि ऑक्टोपस में भी फिलामेंट्स नहीं होते. 

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