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पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं से भारत में 8000 एक्सीडेंटल मौतें, इनमें से 35% सिर्फ बिजली गिरने से

साल 2022 में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 8060 एक्सीडेंटल मौतें हुईं. इनमें से 35 फीसदी मौतें सिर्फ बिजली गिरने से हुई हैं. NCRB की नई रिपोर्ट के मुताबिक जब प्राकृतिक हादसों की बात करते हैं तो आकाशीय बिजली के गिरने की वजह से सबसे ज्यादा एक्सीडेंटल मौतें होती है.

प्राकृतिक हादसों में बिजली गिरने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. (सभी फोटोः गेटी) प्राकृतिक हादसों में बिजली गिरने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. (सभी फोटोः गेटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल यानी 2022 में प्राकृतिक हादसों की वजह से 8060 लोगों की एक्सीडेंटल मौत हुई. जैसे हीटस्ट्रोक, बिजली गिरना, बाढ़ में बह जाना आदि. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें से 35 प्रतिशत मौतें बिजली गिरने से हुई हैं. ये खुलासा एनसीआरबी की एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया में हुआ है. 

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देश में पिछले साल 9.1 फीसदी एक्सीडेंटल मौतें हीट और सनस्ट्रोक की वजह से हुई. यानी भयानक गर्मी से. जबकि 8.9 फीसदी लोग ठंड से मर गए. इन मारे गए लोगों में दो उम्र के लोग ज्यादा है. मारे गए लोगों में 32.1% लोग 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र के हैं. जबकि, 23.7 फीसदी लोग 30 से 45 साल के बीच के हैं.  

बिजली गिरने से देश में कई मौतें हुईं. मध्य प्रदेश में 496 लोग मारे गए, बिहार में 329, ओडिशा में 316 , उत्तर प्रदेश में 301 और झारखंड में 267 लोग मारे गए. ये पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ही सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं से परेशान भी रहे. सबसे ज्यादा मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुईं. 

अगर मेगासिटी यानी बड़े शहरों की बात करें तो मारे गए 8060 लोगों में सिर्फ 670 लोग बड़े शहरों में मारे गए. यानी 8.7 फीसदी. पिछले साल पूरे देश में अलग-अलग तरह के एक्सीडेंट में 3,97,530 लोगों की मौत हुई. इनमें सबसे ज्यादा जो लोग मारे गए हैं, उनकी उम्र 30-45 के बीच रही है. इनकी संख्या 1,32,846 है. 

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