पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में 14 घंटे तक बनी रही दरार, आसमान में दिखा अनोखा नजारा

हाल ही में अमेरिका और कनाडा के आसमान में हरे रंग की रोशनी बिखरी दिखाई दी. ऐसा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक दरार के खुल जाने की वजह से हुआ था.

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आसमान में बिखरी हरी रोशनी (Photo: Getty) आसमान में बिखरी हरी रोशनी (Photo: Getty)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 10 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST
  • चुंबकीय क्षेत्र में दरारें होना सामान्य हैं
  • चुंबकीय क्षेत्र सौर तूफाने से बचाता है

हाल ही में अमेरिका और कनेडा के आसमान में एक बेहद अनोखा नजारा दिखाई दिया. आसमान हरे रंग की रौशनी से नहा गया था. ये बेहद खूबसूरत नजारा असल में एक दुर्लभ घटना की वजह से दिखाई दिया था. 

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक दरार खुल गई थी और यह करीब 14 घंटे तक खुली रही. इस छेद से कुछ शक्तिशाली सौर हवाएं निकलीं, जिससे एक भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic storm) पैदा हुआ, जिसकी वजह से बेहद सुंदर औरोरा (Aurora) आसमान में फैला दिखाई दिया. 

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पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में खुली रह गई थी एक दरार ​​​​​​(Photo: Getty)

इस वजह से नजर आया औरोरा

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में यह दरार एक दुर्लभ घटना द्वारा बनी, जिसे को-रोटेटिंग इंटरेक्शन रीजन (CIR) कहा जाता है. सीआईआर बड़ी-बड़ी प्लाज्मा संरचनाएं हैं जो हेलियोस्फीयर के लो और मिड लैटिट्यूड वाले इलाकों में तब बनती हैं, जब तेज और धीमी गति से चलने वाली सौर हवा की धाराएं परस्पर क्रिया करती हैं. हेलियोस्फीयर सूरज के आसपास का वह क्षेत्र होता है जिसमें सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र (Solar magnetic field) और सौर हवाएं होती हैं.

 अंतरिक्ष का तूफानी मौसम औरोरा के रूप में दिखता है (Photo: NASA)

कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) की तरह, CIR सूर्य से पृथ्वी की ओर बहते हैं और इसमें शॉकवेव और कंप्रेस किया हुआ चुंबकीय क्षेत्र हो सकता है, जिसकी वजह से अंतरिक्ष में तूफानी मौसम बनता है. ये तूफानी मौसम हमें सुंदर औरोरा के रूप में दिखाई देता है.

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चुंबकीय क्षेत्र में दरारें होना सामान्य हैं

यह घटना 7 जुलाई के शुरुआती घंटों में हुई थी. विशेषज्ञों के मुताबिक, चिंता जैसी कोई बात नहीं है. पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में दरारें होना सामान्य हैं. चुंबकीय क्षेत्र सूर्य से निकलने वाले सौर तूफानों से हमें बचाने के लिए, ढाल की तरह काम करता है. माना जाता था कि ये दरारें बहुत जल्दी खुलती और बंद होती हैं, लेकिन अब यह पता चला है कि ये घंटों तक खुली रह सकती हैं.

 

2003 में इसपर एक शोध किया गया था. शोध के मुख्य लेखक हेराल्ड फ्रे का कहना है कि हमारा मैगनैटिक शील्ड हवादार होता ह. यह एक घर की तरह होता है जिसकी खिड़की तूफान के दौरान खुल जाती है. घर तूफान से तो बचा लेता है, लेकिन घर के सोफे बर्बाद हो जाते हैं. इसी तरह, हमारी मैगनैटिक शील्ड भी अंतरिक्ष के तूफानों से खराब हो जाती है.

 

कभी-कभी इसकी दरारों से ऊर्जा निकलती है, जिससे सैटेलाइट, रेडियो संचार और पॉवर सिस्टम्स के लिए समस्या पैदा कर सकती है. हालांकि, इस बार रेडियो ब्लैकआउट या पावर आउटेज नहीं हुआ है, लेकिन कनाडा और अमेरिका में खूबसूरत उत्तरी रोशनी ज़रूर देखी गई.

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