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Aliens ने अब तक हमें 'कॉल' क्यों नहीं किया... क्या वो सही समय का इंतजार कर रहे हैं? 

एलियंस से संपर्क करने के लिए वैज्ञानिक सालों से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आज तक दूसरी दुनिया से कोई सिग्नल नहीं मिला. वैज्ञानिकों के प्रयास जारी हैं. हाल ही में एक शोध किया गया है, जिसमें वैज्ञानिकों ने माना है कि एलियंस हमें अपने सिग्नल भेजने के लिए सही समय का इंतज़ार कर रहे हैं. 

सही समय पर एलियंस हमें भेजेंगे सिग्नल (Photo:Getty) सही समय पर एलियंस हमें भेजेंगे सिग्नल (Photo:Getty)
aajtak.in
  • सैकरामेंटो,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

एक नए शोध में, शोधकर्ताओं ने एलियन के तकनीकी संकेतों का पता लगाने की कोशिश की है, ये वह समय है जब एक्सोप्लैनेट पृथ्वी के दृष्टिकोण से सीधे, अपने सूर्य के सामने से गुजरते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक यही वह सही मौका हो सकता है जब किसी एलियन दुनिया से पृथ्वीवासियों को कोई संकेत भेजा जा सकता है. दूसरे शब्दों में समझें, एलियन ग्रहों पर रहने वाले एलियंस पृथ्वी पर तब सिग्नल भेज सकते हैं जब वे सीधे पृथ्वी और अपने सूर्य के बीच हों.

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सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस इंस्टिट्यूट (SETI) में रेडियो एस्ट्रोनॉमी में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर और शोध की प्रमुख लेखक सोफिया शेख का कहना है कि एक्सोप्लैनेटरी ट्रांजिट बहुत खास हैं, क्योंकि हम पृथ्वी पर पर्यवेक्षक की तरह और दूसरी दुनिया के लोग ट्रांसमीटर के तौर पर इसकी गणना कर सकते हैं. ये ट्रांजिट एक पूर्वानुमानित और बार-बार आने वाला समय है, जिसके दौरान एलियंस संदेश भेजने के बारे में सोच सकते हैं और पृथ्वीवासी उन संदेशों को पा सकते हैं. इससे हमें ये पता चलता है कि इस विशाल अंतरिक्ष से आने वाले किसी संदेश के लिए हमें कहां और कब देखना है.

एक लाल सूरज के चारों ओर दो एलियन ग्रह. इन ग्रहों पर रहने वाले एलियंस पृथ्वी पर तब सिग्नल भेज सकते हैं जब वे सीधे पृथ्वी और अपने सूर्य के बीच हों. (Photo: Getty)

arXiv साइट में प्रकाशित और द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में पियर रिव्यू के लिए निर्धारित शोध में संदेश भेजने वाले एलियंस का कोई सबूत नहीं मिला. लेकिन शोध में एक दर्जन एक्सोप्लैनेट्स की खोज की गई है. भविष्य में, वे अलग-अलग दूरबीनों से इनपर नज़र रखने की योजना बना रहे हैं. 

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19वीं शताब्दी के अंत में रेडियो टेक्नोलॉजी का आविष्कार होने के बाद से, पृथ्वी से अंतरिक्ष में ट्रांसमिशन भेजे जा रहे हैं. 1974 का प्रसिद्ध Arecibo संदेश भी इसी उम्मीद के साथ भेजा गया कि शायद किसी एलियन दुनिया तक वह पहुंचे और वहां से जवाब आए. शोधकर्ता आकाशगंगा को भी स्कैन करते हैं, ताकि एलियन द्वारा भेजी जा सकने वाली संभावित रेडियो वेव्स का पता लग सके.

अभी तक एलियंस से पृथ्वी को कोई सिग्नल नहीं मिला है (Photo: Getty)

लेकिन आकाशगंगा एक बड़ी जगह है, इसलिए अहम सवाल यह है कि कहां देखा जाए. सोफिया और उनकी टीम के मुताबित, ग्रहों के ट्रांज़िट का समय, ट्रांसमीटर और रिसीवर दोनों से जुड़ने के लिए तार्किक समय है.

सोफिया और उनके सहयोगियों ने वेस्ट वर्जीनिया के रॉबर्ट सी.बर्ड ग्रीन बैंक टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके 12 एक्सोप्लैनेट्स से रेडियो संकेतों की खोज की. जिनके ट्रांज़िट मार्च 2018 में एक विंडो के दौरान देखा जा सकता था. तब उन्होंने करीब 34,000 रेडियो सिग्नल का पता लगाया, लेकिन उनमें से 99.6% खारिज हो गए. 

 

सोफिया का कहना है कि यह शोध इस बात का प्रमाण है कि सर्च का यह तरीका काम कर सकता है. शोधकर्ता आने वाले समय में SETI संस्थान के एलन टेलीस्कोप ऐरे में और ज्यादा ऑब्ज़रवेशन को समझने के योजना बना रहे हैं.

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