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IIT कानपुर ने बनाया गायब होने वाला 'कपड़ा'... भारतीय सैनिक बन जाएंगे Mr. India, अदृश्य हो जाएंगे फाइटर जेट

IIT Kanpur ने ऐसा मटेरियल बनाया है, जिसके इस्तेमाल से न तो सैनिक दिखाई देंगे. न ही वायुसेना का फाइटर जेट. दुश्मन का राडार भी नहीं पकड़ पाएगा. अगर इस तकनीक का इस्तेमाल भारतीय सेनाएं करने लगें तो दुश्मन खोजता रह जाएगा और हमारे सैनिक बन जाएंगे Mr. India.

ये है वो अनालक्ष्य क्लोकिंग कपड़ा, जिससे भारतीय सैनिकों, विमानों, ड्रोन्स और जरूरी ढांचों को छिपाया जा सकता है. ये है वो अनालक्ष्य क्लोकिंग कपड़ा, जिससे भारतीय सैनिकों, विमानों, ड्रोन्स और जरूरी ढांचों को छिपाया जा सकता है.
सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 28 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (Indian Institute of Engineering - IIT Kanpur) ने ऐसा कपड़ा बनाया है, जिसके पीछे जाते ही न तो सैनिक दिखता है. न ही कोई अन्य मटेरियल. यानी इस महा-मैटेरियल का इस्तेमाल भारतीय सेना करने लगे तो हमारे सैनिक Mr. India बन जाएंगे. साथ ही जरूरी हथियार भी छिपे रहेंगे. 

ये एक मेटामैटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम है. जो हमारे सैनिकों, विमानों और ड्रोन्स को दुश्मनों से बचा सकता है. इस कपड़े का फायदा ये है कि ये न तो दुश्मन की राडार की पकड़ में आता है. न सैटेलाइट की. इसे इंफ्रारेड कैमरा, वूंड सेंसर्स और थर्मल इमेजर से भी नहीं देख सकते. यानी इस मैटेरियल से के पीछे क्या है किसी को पता ही नहीं चलेगा. 

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अगर आप इस तस्वीर में दाहिनी ओर लगे थर्मल इमेजर में देखें तो कपड़े के पीछे इंसान नहीं दिख रहा है. सिर्फ उसका सिर और हाथ दिख रहा है. यानी कपड़े के पीछे जो हिस्सा है वो एकदम नहीं दिखेगा. 

इस कपड़े से सैन्य गाड़ियों के कवर, सैनिकों के यूनिफॉर्म, या एयरक्राफ्ट कवर बनाया जा सकता है. यह कपड़ा पूरी तरह से स्वदेशी है. साथ ही विदेशों से मंगाए जाने वाले सरफेस क्लोकिंग सिस्टम से 6-7 गुना ज्यादा सस्ता भी है. IIT Kanpur के डायरेक्टर प्रो. मनिंद्र अग्रवाल ने इस मेटामैटेरियल का उद्घाटन किया. 

दुश्मन किसी भी तकनीक से देख ही नहीं पाएगा हमारे सैनिकों को

इस कपड़े का प्रदर्शन आईआईटी कानपुर में हुए डिफेंस स्टार्टअप एग्जीबिशन में भी किया गया था. जहां पर इसकी काफी प्रशंसा हुई. अगर इस कपड़े को आर्मी की गाड़ियों के चारों तरफ लगा दिया जाए. सैनिकों को इसका यूनिफॉर्म दिया जाए तो वो दुश्मन के किसी भी प्रकार के कैमरे में ट्रैक नहीं होंगे. न ही किसी इमेजिंग सिस्टम में. न ही सेंसर में. इससे दुश्मन की कई तकनीक को विफल किया जा सकता है. 

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IIT के तीन वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया कमाल का कपड़ा

आईआईटी के तीन साइंटिस्ट प्रो. कुमार वैभव श्रीवास्तव, प्रो. एस अनंत रामकृष्णन और प्रो. जे. रामकुमार ने मिलकर इस मेटामैटेरियल को तैयार किया है. इसके पेटेंट के लिए 2018 में एप्लीकेशन दिया गया था. जो अब इन्हें मिल चुका है. इस तकनीक का ट्रायल भारतीय सेना के साथ छह साल से हो रहा है. 

किसी भी तरह की इमेजिंग तकनीक को दे सकता है धोखा

प्रो. कुमार वैभव ने 2010 से इस पर काम करना शुरू किया था. इसके बाद दोनों प्रोफेसर इनके साथ जुड़ गए. फिर यह प्रोडक्ट तैयार हुआ. 2019 में भारतीय सेना ऐसी तकनीक खोज रही थी, जिससे दुश्मन के राडार को चकमा दिया जा सके. फिर इसे तैयार किया गया. यह मैटेरियल दुश्मन के राडार, सैटेलाइट, इंफ्रारेड कैमरा, ग्राउंड सेंसर और थर्मल इमेजर को धोखा दे सकता है. 

अप्रूवल मिले तो एक साल में सेना को मिल जाएगा यह मैटेरियल

मेटातत्व कंपनी के एमडी और पूर्व एयर वाइस मार्शल प्रवीण भट्ट ने कहा कि अगर अप्रूवल मिले तो यह मैटेरियल हम भारतीय सेना को एक साल में दे सकते हैं. यह किसी भी तरह के इमेजिंग प्रोसेस को रोकने में सक्षम है.   

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