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अंतरिक्ष में मौजूद प्राचीन गैलेक्सी में मिला भारी मात्रा में ऑक्सीजन, वैज्ञानिक अबूझ पहेली में फंसे

बिग बैंग के बाद महज 30 करोड़ साल में बनी आकाशगंगा JADES-GS-z14-0 में ऑक्सीजन की अधिकता पाई गई है. अब सवाल यह उठ रहा है कि इतने कम समय में यहां ऑक्सीजन कैसे आया? वैज्ञानिक अबूझ पहेली में फंसे हुए है.

ये है उस गैलेक्सी का चित्र जिसमें लाल घेरे में वो इलाका दिखाया गया है जिसमें भारी मात्रा में ऑक्सीजन है. (फोटोः NASA/ESO) ये है उस गैलेक्सी का चित्र जिसमें लाल घेरे में वो इलाका दिखाया गया है जिसमें भारी मात्रा में ऑक्सीजन है. (फोटोः NASA/ESO)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

बिग बैंग के बाद मात्र 30 करोड़ साल में आकाशगंगा JADES-GS-z14-0 ऑक्सीजन मिला है. इस आकाशगंगा में ऑक्सीजन की अधिकता वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्यकारी है, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा अन्य तत्व इतनी जल्दी नहीं बन सकते.

ऑक्सीजन का निर्माण तारों के कोर में हाइड्रोजन के संलयन से होता है. यह प्रक्रिया बहुत समय लेती है.  JADES-GS-z14-0 की खोज जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा 2024 में की गई थी. इसकी रोशनी को हम तक पहुंचने में लगभग 13.4 अरब वर्ष लगे.

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इस आकाशगंगा में ऑक्सीजन की अधिकता की खोज अल्मा (Atacama Large  Millimeter/submillimeter Array) द्वारा की गई थी. यह खोज हमारी ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में समझ को बदलने की क्षमता रखती है. वैज्ञानिकों को अब यह समझने की आवश्यकता है कि इतनी जल्दी ऑक्सीजन कैसे बनी. यह आकाशगंगा इतनी जल्दी कैसे विकसित हुई. 

तेजी से बनी, तेजी से बड़ी हो रही गैलक्सी

नीदरलैंड्स के लीडेन ऑब्जर्वेटरी के कॉस्मोलॉजिस्ट सैंडर शाउस ने कहा कि यह ऐसा है जैसे कि आप एक ऐसी जगह पर किशोर को पाते हैं जहां आप केवल शिशुओं की उम्मीद करते हैं. आकाशगंगा बहुत तेजी से बनी है और तेजी से परिपक्व भी हो रही है. यह हैरान करने वाला है.  

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JADES-GS-z14-0 का अस्तित्व हमारे ब्रह्मांडीय मॉडलों के लिए एक समस्या है, क्योंकि हमें लगता है कि आकाशगंगाओं को विकसित होने में बहुत समय लगता है. यह आकाशगंगा इतनी दूर है कि इसे देखने के लिए यह बहुत बड़ी और चमकीली रोशनी होनी चाहिए. यह  13.4 अरब प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है. 

 

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ऑक्सीजन बनने में लाखों साल लगते हैं

जो अन्य चीज़ समय लेती है वह है हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों का निर्माण. जब हमारे जैसा ब्रह्मांड बिग बैंग में पहली बार अस्तित्व में आया, तो सबसे पहले बने तत्व हाइड्रोजन और हीलियम थे. पहले तारे बने, और वे इतने गर्म और घने हो गए कि उन्होंने हाइड्रोजन को ऑक्सीजन जैसे भारी तत्वों में बदल दिया. लेकिन इन तत्वों को अंतरिक्ष में फैलाने के लिए, तारों को अपना जीवन जीना होगा और एक बड़े विस्फोट में मरना होगा. यह प्रक्रिया कुछ मिलियन वर्षों में हो सकती है.

चिली में वैज्ञानिकों ने जब JADES-GS-z14-0 आकाशगंगा का अध्ययन किया, तो उन्हें हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों की मात्रा अनुमान से 10 गुना अधिक मिली. यह परिणाम दिखाता है कि इन तत्वों का निर्माण हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक तेजी से हुआ है.

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