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न्यूयॉर्क में मिला खास पत्थर, अंदर बुलबुलों के रूप में छिपा है 39 करोड़ साल पुराना समुद्र

न्यूयॉर्क में एक खास पत्थर मिला है. खास इसलिए क्योंकि इस पत्थर के अंदर 39 करोड़ साल पुराना प्राचीन समुद्र छिपा है. वह भी बुलबुलों के रूप में. वैज्ञानिक इस प्राचीन समुद्री बुलबुलों की स्टडी से क्लाइमेट चेंज के बारे जानकारी हासिल करेंगे. साथ ही यह भी कि समुद्र पत्थर के अंदर समाया कैसे?

इस तस्वीर में दिख रहे रंग-बिरंगे बुलबुले ही 39 करोड़ साल पुराना प्राचीन समुद्र है. (फोटोः डैनियल ग्रेगरी/यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो) इस तस्वीर में दिख रहे रंग-बिरंगे बुलबुले ही 39 करोड़ साल पुराना प्राचीन समुद्र है. (फोटोः डैनियल ग्रेगरी/यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो)
aajtak.in
  • न्यूयॉर्क/टोरंटो,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

क्या कभी पत्थर के अंदर समुद्र मिल सकता है? लेकिन मिला है. न्यूयॉर्क में वैज्ञानिकों को एक पत्थर मिला है, जिसके अंदर 39 करोड़ साल पुराना प्राचीन समुद्र छिपा है. वह भी बुलबुलों के रूप में. यहां ऊपर जो रंगीन फोटो दिख रही है, उसमें मौजूद बुलबुले ही वो प्राचीन समुद्र है. ये समुद्र पत्थर के अंदर रासायनिक तरल रूप में जमा हुआ है. 

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इस पानी की जांच करने पर पता चला कि उस समय के समुद्र में ग्रेट ऑर्मर्ड मछलियां, अमोनॉयड्स, विशालकाय समुद्री बिच्छू और ट्रिलोबाइट्स. हालांकि ऑन रिकॉर्ड यह सबसे पुराना पानी नहीं है लेकिन प्राचीन समुद्र का अवशेष जरूर है. 39 करोड़ साल पुराने प्राचीन समुद्र का यह पानी आयरन पाइराइट रॉक (Iron Pyrite Rock) में था, जो न्यूयॉर्क के उच्चवर्गीय रिहायशी इलाके से हासिल हुआ है. 

न्यूयॉर्क में जहरीले आर्सेनिक पत्थरों की जांच के दौरान मिला यह समुद्र वाला पत्थर. (फोटोः पेक्सेल)

असल में यह पत्थर वैज्ञानिकों को तब मिला, जब वो उस इलाके में जहरीले आर्सेनिक पत्थरों से पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभावों की जांच कर रहे थे. उसी समय उन्हें इस पत्थर में कुछ खास तरह का डिफेक्ट दिखा. खास गोलाकार क्रिस्टल जैसे ढांचे दिखाई पड़े. इन्हें फ्रैमबॉयड्स (Framboids) कहते हैं. 

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यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी की जियोकेमिस्ट सैंड्रा टेलर ने बताया कि हमने पहले इस पत्थर को इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के अंदर देखा. फिर पता चला कि इसके अंदर छोटे-छोटे बुलबुले हैं. हमें यह जानना था कि इसमें क्या है. इसके बाद हमने इसकी एटम प्रोब टोमोग्राफी और मास स्पेक्ट्रोमेट्री तकनीक से स्कैनिंग की. फिर जो पता चला वो हैरान करने वाला था. हमें इस पत्थर के अंदर पानी मिला, जो बुलबुलों के रूप में कैद है. वह भी एक प्राचीन समुद्र का पानी है. यह पानी नमकीन है. 

इन्हीं रंगीन बुलबुलों में छिपा है 39 करोड़ साल पुराना समुद्र. 

ये छोटे बुलबुले 10 माइक्रोमीटर्स से भी छोटे हैं. गणना के हिसाब से यह मध्य डेवोनियन काल के समय का समुद्र है. यानी कोई 40 करोड़ साल पहले. यह समुद्र मिशिगन से लेकर कनाडा के ओंटारियो तक फैला रहा होगा. इसका ग्रेट रीफ ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ जितना बड़ा रहा होगा. इसमें प्राचीन हॉर्सशू क्रैब भी रहे होंगे. यह स्टडी हाल ही में अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंस लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुई है. 

रत्नों और खनिजों के अंदर पानी के बुलबुलों का कैद होना सामान्य सी बात है. लेकिन उनकी इस लेवल की जांच करना मुश्किल होता है. ऐसी खोज तभी होती है, जब पत्थर रॉक सॉल्ट या हेलाइट हो. सवाल ये उठता है कि समुद्र पत्थर के अंदर कैसे आया. असल में जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र सूखा होगा. इस दौरान वहां मौजूद पानी पाइराइट पत्थरों में जमा हो गया होगा. जिसके चारों तरफ क्रिस्टल बनने से पानी खत्म नहीं हुआ. करोड़ों वर्षों से टिका रहा. 

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