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पिछले साल अंटार्कटिका में मारे गए लाखों पेंग्विन बच्चे, 66 कॉलोनियों में से 14 में ब्रीडिंग फेल

पिछले साल इतनी गर्मी बढ़ी कि अंटार्कटिका में लाखों एंपरर पेंग्विन बच्चे मारे गए. जब तक उनके वाटरप्रूफ पंख निकलते, तब तक ठंडी ने उनकी जान ले ली. वैज्ञानिकों की आशंका है कि इस सदी के अंत तक दुनिया के सबसे बड़े एंपरर पेंग्विंस की प्रजाति 99 फीसदी खत्म हो जाएगी.

अंटार्कटिका में एंपरर पेंग्विंस की कॉलोनी. (सभी फोटोः रॉयटर्स) अंटार्कटिका में एंपरर पेंग्विंस की कॉलोनी. (सभी फोटोः रॉयटर्स)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

अंटार्कटिका के सबसे प्रसिद्ध जीव हैं एंपरर पेंग्विन. इनकी आबादी में तेजी से कमी आने वाली है. क्योंकि पिछले साल यानी 2023 के अंत समय में इस बर्फीली दुनिया में मौजूद 66 कॉलोनियों में से 14 कॉलोनियों में पेग्विंन ब्रीडिंग कर ही नहीं पाए. वजह थी अंटार्कटिका और उसके समंदर में बर्फ की कमी. यह खुलासा ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे ने किया है. 

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ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के साइंटिस्ट पीटीर फ्रेटवेल ने बताया कि एंपरर पेंग्विन दुनिया की सबसे विशालकाय पेंग्विन प्रजाति है. ये सिर्फ अंटार्किटा में पाई जाती हैं. जब अंटार्कटिका में बर्फ पर्याप्त होती है, तब ये समंदर के किनारे जमी बर्फ में अपने अंडे देते हैं. वहीं से अपने बच्चों को पालते हैं. बड़ा करते हैं. अगर बर्फ जल्दी टूट गई तो बच्चे समंदर में गिर जाते हैं, जबकि उस समय तक उनके वाटरप्रूफ पंख भी नहीं निकलते. इसलिए ये बच्चे ठंड में मारे जाते हैं. 

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पीटर ने बताया कि पिछले साल बर्फ इतनी कम थी कि यहां मौजूद 66 कॉलोनियों में से 14 में पेंग्विन ब्रीडिंग नहीं कर पाए. जिसकी वजह है जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही गर्मी. लाखों की संख्या में एंपरर पेंग्विन बच्चे ठंड में मारे गए. पिछले सात वर्षों में अंटार्कटिका की बर्फ में तेजी से कमी आई है. 2022 और 2023 की गर्मियों में बर्फ कम देखने को मिली है. इतनी कम कि इसका रिकॉर्ड बन गया. 

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पिछले साल के आखिरी हिस्से में बर्फ थोड़ी बढ़ी लेकिन इतनी नहीं थी कि पर्याप्त मात्रा में ब्रीडिंग हो सके. 2022 में पेंग्विन के ब्रीडिंग का मामला इतना नहीं बिगड़ा था. लेकिन 2023 में यह बहुत ज्यादा हो गया है. पिछले साल अंटार्कटिका में कई जगहों पर गर्मी की वजह से बर्फ टूटी और पिघली है. 

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पीटर ने बताया कि 2022 में आधा दर्जन कॉलोनियों में ब्रीडिंग में कमी की दिक्कत आई थी. लेकिन पिछले साल तो यह 14 कॉलोनियों तक पहुंच गई. पीटर इन पेंग्विंस पर कॉपरनिकल सेंटीनल-2 सैटेलाइट और फील्ड विजिट से नजर रखते हैं. 14 के अलावा बाकी कॉलोनियों के पेंग्विंस को सही माहौल मिल गया, इसलिए वो ब्रीडिंग कर पाए. 

पीटर को आशंका है कि इस सदी के अंत तक 99 फीसदी एंपरर पेंग्विंस खत्म हो जाएंगे. इसकी सबसे बड़ी वजह है बढ़ती गर्मी. बर्फ का पिघलना और समुद्री बर्फ का गायब होना. इसके लिए हम इंसान जिम्मेदार हैं, क्योंकि हम लगातार जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं. जो बंद नहीं हो रहा है. 

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