
19वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध जहाजों में से एक, एचएमएस एरेबस (HMS Erebus) का पता लगाने के लिए, समुद्री पुरातत्वविद (Marine archeologists) कनाडा के आर्कटिक द्वीपसमूह के बर्फीले पानी में उतरे. जहां उन्हें इस जहाज़ के मलबे से कई कलाकृतियां मिली हैं, जिन्हें लेकर पुरातत्वविद काफी उत्साहित हैं.
यह जहाज 1845 के फ्रैंकलिन अभियान (Franklin Expedition) का हिस्सा था, जो कनाडा के आर्कटिक में नॉर्थवेस्ट पैसेज के अनदेखी जगहों को पार करना चाहता था. एचएमएस एरेबस, अपने साथी जहाज एचएमएस टेरर (HMS Terror) के साथ एक नुनावुत क्षेत्र में, किंग विलियम द्वीप के पास बर्फ में फंस गया था, इस घटना में चालक दल के सभी 129 सदस्यों की मौत हो गई थी.
एरेबस के बारे में 2014 में पता चला, जब जांचकर्ताओं को एक लकड़ी का डूबा हुआ जहाज़ मिला, जो अच्छी हालत में था. इस साल पार्क्स कनाडा (Parks Canada), 1845 के फ्रैंकलिन अभियान के बारे में और इनसाइट पाने के लिए नैटिलिक हेरिटेज सोसाइटी के साथ काम कर रहा है.
इस टीम ने अप्रैल 2022 में काम शुरू कर दिया था. तब टीम ने रिमोट से चलने वाले वाहन (ROV) का इस्तेमाल करके 2.5 सालों में पहली बार मलबे का निरीक्षण किया, जिससे साइट पर नई इमेजरी और सर्वे डेटा इकट्ठा किया गया. सितंबर 2022 में टीम ने 11 दिनों के दौरान, 56 बार गोते लगाए और जहाज़ के मलबे से 275 कलाकृतियां निकालीं. अपने काम के दौरान, टीम ने दूसरे लेफ्टिनेंट के केबिन की खोज शुरू की, और वे थर्ड लेफ्टिनेंट तक गए. इसके बाद उन्होंने कैप्टन की पेंट्री के हिस्से को भी खोजा.
पार्क्स कनाडा के पुरातत्वविद् गोताखोरों में से एक रयान हैरिस (Ryan Harris) का कहना है कि मलबे में से निकाले गए सामान में सबसे रोमांचक एक उभरी हुई चमड़े की किताब थी, जिसके पन्नों के अंदर अभी भी एक पंख वाला पेन अटका हुआ है. हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस किताब के अंदर क्या लिखा गया है, लेकिन शोधकर्ता इसका पता लगाने के लिए जल्द ही इसे लैब में ले जाना चाहते हैं.
हैरिस का कहना है कि 'हम इस खोज से काफी उत्साहित हैं. हमें लगता है कि इस कितब में ज़रूर कोई लिखित सामग्री मिल सकती है. जल्द ही लैब में इसपर स्टडी की जाएगी.'