Advertisement

Nainital में लगा एशिया का सबसे बड़ा लिक्विड मिरर टेलीस्कोप, खुलेंगे अंतरिक्ष के रहस्य

एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप नैनीताल में लगाया गया है. यह अब एस्टेरॉयड्स समेत अंतरिक्ष की गहराइयों को नापेगा. नई चीजें खोजेगा. इस टेलिस्कोप की वजह से एस्ट्रो-टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही ब्रह्मांड के कई रहस्यों से पर्दा हटेगा.

ये है ARIES में लगा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप. ये है ARIES में लगा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप.
लीला सिंह बिष्ट
  • नैनीताल,
  • 22 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:21 PM IST

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जरवेशनल साइंसेस (ARIES) में 21 मार्च 2023 को एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप (ILMT) का उद्घाटन हुआ. इसका उद्घाटन राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया. 

यह टेलिस्कोप चार मीटर व्यास का है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी ऑनलाइ जुड़े थे. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि ILMT की स्थापना से सिर्फ भारत ही नहीं, सहयोगी देशों को भी फायदा होगा. यह भारतीय वैज्ञानिकों की अनुसंधान के क्षेत्र में गहन प्रतिभा और विश्व समुदाय के साथ सहभागिता का यह उत्कृष्ट उदाहरण है. इस परियोजना से जुड़े देशों बेल्जियम, कनाडा, पोलैंड और उज्बेकिस्तान के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को इस नई उपलब्धि के लिए बधाई दी. 

Advertisement

एरीज के पूर्व निदेशक प्रोफेसर रामसागर ने कहा कि लिक्विड मिरर टेलिस्कोप से अंतरिक्ष संबंधी शोध कार्यों में तेजी आएगी. इस दूरबीन के लगने से 3.6 मीटर की ऑप्टिकल दूरबीन से होने वाले अध्ययनों के शोध में मदद मिलेगी. एरीज के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने बताया कि इस दूरबीन की टेस्टिंग हो चुकी है जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं. इस दूरबीन पर करीब 4 करोड रुपए का खर्च आया है. दूसरे सौरमंडल की खोज के साथ यह सुपरनोवा, एस्टेरॉयड समेत ब्रह्मांड के कई रहस्य उजागर करेगी. इसका कार्यकाल 5 साल का है.  

Aries के वैज्ञानिकों के मुताबिक तरल दर्पण दूरबीन में मुख्य रूप से तीन घटक होते हैं. पहला कटोरा जिसमें एक परावर्तक तरल धातु (पारा) होता है. दूसरा हवा के दबाव से चलने वाली मोटर जिस पर तरल दर्पण टिका होता है. तीसरा मोटर को चलाने का एक सिस्टम. घूमते समय तरल दर्पण दूरबीन की सतह स्वाभाविक रूप से एक पर्वलायिक आकार लेती है, जो प्रकाश को केंद्रित करने के लिए आदर्श होता है. 

Advertisement

वैज्ञानिक ग्रेड की एक पतली पारदर्शी फिल्म माइलर तरल पारे को हवा के घर्षण से बचाती है, जो पारे की सतह पर तरंगे बना सकता है. परावर्तित प्रकाश एक परिष्कृत बहुलेंस ऑप्टिकल सुधारक के माध्यम से गुजरता है जो विस्तृत दृश्य क्षेत्र में स्पष्ट छवियां बनाता है. दर्पण के ऊपर फोकस पर स्थित 4Kx4K के सीसीडी कैमरा आकाश की 22 आर्क मिनट चौड़ी पट्टियों को रिकॉर्ड करता है. आईएलएमटी देश में सबसे अधिक व्यास की ऑप्टिकल सर्वेक्षण दूरबीन है. यह लगभग 10-15 गीगाबाइट डेटा उत्पन्न करती है.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement