
हाल में देखा गया कि अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन (Wisconsin) में लोमड़ियों के साथ कुछ गलत हो रहा था. लोमड़ी के बच्चे अजीब व्यवहार कर रहे थे, जैसे जोर से हिलना और खड़े न रह पाना. ये बच्चे सुस्त हो गए थे, इन्हें पकड़ना आसान था और लोगों को इनसे डर भी नहीं लग रहा था.
वन्यजीव पशु चिकित्सक एरिन लेमली (Erin Lemley) का कहना है कि लोमड़ियां इलाज के लिए लाई जाने लगीं. कुछ बच्चे शांत थे, कुछ इधर-उधर गिर रहे थे और कुछ को दौरे पड़ रहे थे. उनके सिर कांप रहे थे, उनकी आंखें लयबद्ध तरीके से फड़फड़ा रही थीं. जांच में रेबीज़, लो शुगर जैसी कोई परेशानी सामने नहीं आई. लेकिन इनमें एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian influenza) के एक बेहद विषाणुजनित स्ट्रेन का पता चला.
अमेरिका में तेजी से फैल रहा है वायरस
यह वायरस, एक तरह का बर्ड फ्लू (Bird flu) है जिसे यूरेशियन H5N1 (Eurasian H5N1) कहा जाता है. जो इन दिनों अमेरिका में तेजी से फैल रहा है. साथ ही, यह 36 राज्यों में पाली जाने वाली मुर्गियों और घरेलू चिड़ियों को संक्रमित कर रहा है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. इससे बत्तख, गीज़, गल और टर्न जैसे जानवर बुरी तरह प्रभावित हैं. इसका मतलब यह भी है कि यह वायरस जंगली लाल लोमड़ियों सहित उन स्तनधारियों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है जो इन पक्षियों का शिकार करते हैं.
मनुष्यों में इसका खतरा कम
अमेरिका के सात राज्यों से रेड फॉक्स के बच्चों में इस वायरस का पता लगा है. इतना ही नहीं, अमेरिका और ब्रिटेन से दो लोगों में भी यह वायरस पाया गया है जो इन पक्षियों के संपर्क में थे. विशेषज्ञों ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि स्तनधारियों से वायरस फैल रहा है. उनका कहना है कि मनुष्यों में इसका खतरा कम है.
मेम्फिस में सेंट जूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पिटल में, इन्फ्लूएंजा वायरोलॉजिस्ट रिचर्ड वेबी (Richard Webby) का कहना है कि वायरस का विकास नंबर गेम है. वायरस से जितने ज्यादा स्तनधारी संक्रमित होंगे, वायरस उतने ही नए म्यूटेशन करेगा. इससे लोमड़ियों, बॉबकैट्स, यहां तक कि मनुष्यों में भी वायरस फैल सकता है.
वायरस का नया वैरिएंट पिछले साल यूरोप, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया में फैला था, जिससे जंगली और घरेलू पक्षी प्रभावित हुए थे. 2021 में नीदरलैंड में लोमड़ी के बच्चों समेत कुछ जंगली स्तनधारियों में भी यह वायरस दिखाई दिया था. साल के अंत तक, वायरस उत्तरी अमेरिका तक आ गया. और अब लोमड़ी के बच्चों के मामले सामने आने लगे. डॉक्टरों के मुताबिक, जो बच्चे वायरस से बुरी तरह प्रभावित होते हैं, उनमें दौरे पड़ने लगते हैं और अंत में उनकी मृत्यु हो जाती है.