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Paris Olympics: मंडरा रहा है बड़ा प्राकृतिक खतरा, पसीने से तर-बतर हो जाएंगे खिलाड़ी... वैज्ञानिकों की आशंका

पेरिस ओलंपिक्स पर बड़ा प्राकृतिक खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस बार खेलों के दौरान खिलाड़ियों को भयानक हीटवेव का सामना करना पड़ सकता है. पेरिस का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसा ग्लोबल वॉर्मिंग और अल-नीनो की वजह से हो रहा है.

वैज्ञानिकों ने एक स्टडी करके यह आशंका जताई है कि पेरिस ओलंपिक्स में भयानक गर्मी पड़ने वाली है. (सभी प्रतीकात्मक फोटोः AFP) वैज्ञानिकों ने एक स्टडी करके यह आशंका जताई है कि पेरिस ओलंपिक्स में भयानक गर्मी पड़ने वाली है. (सभी प्रतीकात्मक फोटोः AFP)
आजतक साइंस डेस्क
  • पेरिस,
  • 05 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

इस साल जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) पर एक बड़ा प्राकृतिक खतरा मंडरा रहा है. इस समय आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि मौसम अचानक गर्म हो जाए. जबकि पेरिस में बर्फबारी हो रही है. लेकिन छह महीने बाद जब ओलंपिक्स की शुरूआत होगी, तब वहां गर्मियां शुरू हो चुकी होंगी. भयानक तापमान होगा. 

एक नई स्टडी के मुताबिक इस बार पेरिस ओलंपिक्स में भयानक हीटवेव की आशंका है. क्लाइमेट सिमुलेशन से पता किया गया है कि ऐसा होगा या नहीं. तो रिजल्ट ये आया कि अल-नीनो के प्रभाव के चलते भयानक गर्मी पड़ने वाली है. फ्रांस की राजधानी ओलंपिक्स के दौरान को रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और तापमान का सामना करना पड़ेगा. 

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यह रिसर्च हाल ही में एनपीजे क्लाइमेट एंड एटमॉस्फियरिक साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें बताया गया है कि ओलंपिक्स के दौरान पेरिस में दो हफ्ते तक हीटवेव की आशंका है. इससे पहले ऐसा साल 2003 में हुआ था. इस स्टडी को करने वाले साइंटिस्ट पास्कल ईयोयू ने कहा कि 20 वर्षों में जलवायु बहुत बदल गई है. 

बढ़ते तापमान की स्टडी इवेंट के लिए जरूरी था

पास्कल ने कहा कि हमारी स्टडी का मकसद था कि हम देश के नेताओं और नीतियां बनाने वालों को चेतावनी दें कि 2003 से भी ज्यादा बुरी स्थिति इस बार हो सकती है. और यह पूरी तरह से संभव है. 20वीं सदी में तापमान के रिकॉर्ड को तोड़ना आसान नहीं था. लेकिन अब यह हर दिन टूट रहा है. कभी किसी देश में तो कभी किसी और देश में. 

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इसके अलावा एक स्टडी द लैंसेट प्लैनेट हेल्थ जर्नल में पिछले साल छपी थी. जिसमें कहा गया था कि पूरे यूरोप में पेरिस में सबसे ज्यादा मौतें हीटवेव और गर्मी की वजह से हुई हैं. कुल मिलाकर 854. वजह है हरियाली की कमी और ज्यादा घनत्व वाली आबादी. 2003 में पड़ी गर्मी की वजह से 15 हजार लोगों की मौत हुई थी. इस बार स्थितियां ज्यादा बिगड़ सकती हैं. सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है. 

पांच साल में काफी बढ़ गया है पेरिस का तापमान

पिछले पांच वर्षों में पेरिस ने काफी गर्म मौसम का सामना किया है. जुलाई 2019 में पेरिस में अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड 42.6 डिग्री सेल्सियस था. इस साल ओलंपिक्स संभवतः 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच चलेगा. पैरालंपिक्स अगस्त के अंत तक शुरू होगा. इसे कराने वाले जानते हैं कि खराब मौसम का असर खेलों और खिलाड़ियों पर कैसा होगा?

ओलंपिक्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि हीटवेव और चरम मौसमी घटनाएं खेलों में प्रदर्शन को बिगाड़ सकती हैं. इसलिए हम उसकी तैयारी भी कर रहे हैं. जितना संभव हो पाएगा, उतनी तैयारी करेंगे. जरूरी एक्शन लेंगे. कुछ आउटडोर खोलों को इनडोर कराने की तैयारी भी चल रही है. ताकि बीच दोपहर की गर्मी से खिलाड़ियों और दर्शकों को बचाया जा सके. 

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इन खेलों को करना होगा इनडोर, नहीं हो बुरी होगी हालत

ओलंपिक्स में धूप और तेज गर्मी की वजह से मैराथन, टेनिस, बीच वॉलीबॉल प्रभावित हो सकता है. खिलाड़ियों में सहने की क्षमता होती है लेकिन खेल देख रहे दर्शकों में नहीं. ओपन एरिया में दर्शकों की हालत खराब हो सकती है. ओलंपिक्स के वेन्यू यानी स्टेडियम वगैरह बनाने वाली फ्रेंच एजेंसी के प्रमुख निकोलस फिरैंड ने संसद को संतुष्टि दिलाई है कि सभी इनडोर फैसिलिटी को बढ़ती गर्मी के मुताबिक बनाया जाए. 

पहले खिलाड़ियों का गांव बिना एयर कंडिशनिंग के बनाया जाना था. लेकिन अब सभी कमरों में एसी लगाया जा रहा है. शेड्स बनाए जा रहे हैं. पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं. हवा के सही वेंटिलेशन की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही प्राकृतिक-जियो थर्मल कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था हो रही है, ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की दिक्कत न हो. 

टोक्यो ओलंपिक्स में भी हुई थी खिलाड़ियों की हालत खराब

पिछली बार टोक्यो ओलंपिक्स को सबसे गर्म इवेंट माना जा रहा था. जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था. साथ ही 80 फीसदी ह्यूमिडिटी थी. टोक्यो में मैराथन और रेस के इवेंट्स को ठंडी जगह पर शिफ्ट कर दिया था. इसके बावजूद वहां पर खिलाड़ियों की हालत गर्मी की वजह से खराब हो गई थी. रूसी टेनिस प्लेयर डैनिल मेदवदेव ने कोर्ट में कह दिया था कि यहां इतनी गर्मी है कि कहीं मैं मर न जाऊं. 

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इसलिए इस समय कई खिलाड़ी ज्यादा गर्मी वाली जगहों पर ट्रेनिंग कर रहे हैं, ताकि वो गर्म मौसम में खेलने के लिए तैयार हो सकें. इसे हॉट-वेदर ट्रेनिंग कहते हैं. फिर चाहे वह अपने देश में हो या फिर दूसरे देश में हो रहा हो.  

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