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वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खोजा अब तक का सबसे बड़ा ब्लैक होल जेट

अंतरिक्ष में ब्लैक होल का सबसे बड़ा जेट खोजा गया है. यह वो प्रकाश होता है जो ब्लैक होल के बीच से निकलता है. उसके आर-पार निकल जाता है. ये रोशनी करोड़ों किलोमीटर लंबी हो सकती है. साथ ही बहुत ताकतवर भी. इस जेट में से अथाह ऊर्जा निकलती है. कई बार ये दो आकाशगंगाओं के बीच यात्रा कर लेती है.

हर ब्लैक होल के बीच से ऐसी रोशनी और ताकतवर ऊर्जा वाला जेट नहीं निकलता. हर ब्लैक होल के बीच से ऐसी रोशनी और ताकतवर ऊर्जा वाला जेट नहीं निकलता.
aajtak.in
  • सिडनी,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (Western Sydney University) के एस्ट्रोनॉमर्स ने अंतरिक्ष में सबसे बड़े ब्लैक होल जेट (Black Hole Jet) की खोज की है. यह जेट एक सिरे से दूसरे सिरे तक करोड़ों प्रकाश वर्ष लंबी है. यह एक ब्लैक होल के बीच से निकल रही है. इसमें बहुत ज्यादा ऊर्जा है. इसमें से निकलने वाली ऊर्जा प्रकाश की गति से ब्रह्मांड में दौड़ रही है. ब्लैक होल को अंतरिक्ष का शैतान कहा जाता है. ये जेट ऐसे लगता है जैसे वह शैतान का हथियार हो. या उसकी छड़ी हो. 

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ब्लैक होल्स को अंतरिक्ष का शैतान कहा जाता है क्योंकि ये कुछ भी अपने अंदर समा लेते हैं. 

सबसे बड़ा ब्लैक होल जेट धरती से करीब 9.30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. यह हमारे पड़ोसी गैलेक्सी NGC2663 में मौजूद है. अगर हमारी गैलेक्सी एक घर होता तो NGC2663 पास का मोहल्ला माना जाता. अगर किसी सामान्य टेलिस्कोप से इसे देखेंगे तो यह एक आम अंडाकार गैलेक्सी है. इस गैलेक्सी में हमारी गैलेक्सी यानी मिल्की-वे से दस गुना ज्यादा तारे हैं. 

NGC2663 की स्टडी करने के लिए पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मौजूद 36 रेडियो डिश एंटीना वाले CSIRO ऑस्ट्रेलियन स्क्वायर किलोमीटर ऐरे पाथफाइंडर (ASKAP) की मदद ली गई है. इन 36 एंटीना मिलकर एक बड़ा सुपर टेलिस्कोप बनाते हैं. रेडियो तरंगों के जरिए जेट का पता किया गया है. गैलेक्सी के बीच ब्लैक होल है, उसके बीच में यह जेट निकल रही है. 

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ब्लैक होल के अंदर और बाहर से चारों तरफ रोशनी देखने को मिलती हैं, लेकिन जेट कम देखने को मिलते हैं. 

ब्लैक होल से निकलने वाली जेट उसकी खुद की गैलेक्सी यानी NGC2663 से 50 गुना ज्यादा बड़ी है. इस जेट को अब तक खोजे गए जेट्स में सबसे बड़ा माना गया है. इसे खोजने वाली टीम का नेतृत्व किया है डॉक्टोरल स्टूडेंट वेलिबोर वेलोविक ने. उनकी यह स्टडी हाल ही में मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित हुई है.  

हैरानी की बात ये है कि जब यह जेट तेजी से निकलती है, तब इसमें शॉक डायमंड्स (Shock Diamonds) बनते हैं. शॉक डायमंड्स को आप ऐसे समझ सकते हैं कि जब रॉकेट या मिसाइल छूटती है, तो उसके पीछे ईंधन के जलने से बनने वाली रोशनी में हीरे की आकृति भी बनती है. उसे शॉक डायमंड्स कहते हैं. जैसे जैसे ऊर्जा का दबाव बढ़ता है, ये ज्यादा चमकने लगते हैं. 

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