
खून का रंग लाल होता है, फिर भी हमारे शरीर की नसें नीले या जामुनी रंग की दिखती है. आमतौर पर एक धारणा बनी हुई है कि ऑक्सीजन युक्त खून लाल होता है, जबकि बिना ऑक्सीजन वाला खून नीला होता है. लेकिन यह सच नहीं है. खून का रंग सिर्फ लाल होता है. लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन जिसमें ऑक्सीजन होती है, उसे हीमोग्लोबिन कहते हैं. इसके प्रत्येक अणु में आयरन के चार परमाणु होते हैं, जो लाल प्रकाश को दर्शाते हैं. हमारे खून को लाल रंग देते हैं. खून में ऑक्सीजन के स्तर पर लाल का शेड बदलता है.
खून अलग-अलग लाल रंग का हो सकता है
जब हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेता है, तो खून का रंग चमकदार चेरी रेड होता है. इसके बाद यह खून धमनियों में और वहां से शरीर की टिश्यू तक जाता है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के हीमैटोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. क्लेबर फेरट्रिन (Dr. Kleber Fertrin) के मुताबिक, शरीर की सभी टिश्यू तक ऑक्सीज़न पहुंचाने के बाद, जब यह खून फेफड़ों तक वापस आता है, तो नसों में बहने वाला बिना ऑक्सीज़न वाला खून गहरे लाल रंग का होता है.
कहने का मतलब है कि खून अलग-अलग लाल रंग का हो सकता है लेकिन ऐसा कभी नहीं होता कि इंसान का खून नीला हो जाए. नीली दिख रही नसों से अगर खून निकाला जाए, तो वह लाल ही होगा.
नीली या हरी नस दिखना इल्यूज़न है
डॉ. क्लेबर फेरट्रिन का कहना है कि नीली या हरी नस दिखना एक इल्यूज़न है, क्योंकि नसें त्वचा की पतली परत के नीचे होती हैं. हम जो रंग देखते हैं, वे उस वेवलेंथ पर आधारित होते हैं जिसे हमारा रेटिना समझता है. और त्वचा की अलग-अलग परतें वेवलेंथ को अलग-अलग तरीकों से बिखेरती हैं.
गहरे रंग की त्वचा के नीचे, नसें अक्सर हरी दिखाई देती हैं. जबकि हल्के रंग की त्वचा के नीचे नसें नीले या जामुनी दिखती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रकाश की हरी और नीली वेवलेंथ, लाल वेवलेंथ से छोटी होती हैं. नीली रोशनी की तुलना में, लाल रोशनी इंसान के टिश्यू को भेदने में बेहतर है. इसलिए हमारी त्वचा लाल वेवलेंथ को अवशोषित करती है और हरे या नीले रंग परावर्तित हो जाते हैं और हमारे पास वापस बिखर जाते हैं.
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि खून का रंग नीला भी होता है. लेकिन इंसानों में नहीं, बल्कि केकड़ों, झींगा मछलियों, ऑक्टोपस और मकड़ियों में.