
चीन की सेना ने एक ऐसा लेजर हथियार बनाया है जो लंबे समय तक हमला कर सकता है. आमतौर पर लेजर हथियार ज्यादा समय तक हमला नहीं कर सकते. क्योंकि वो गर्म हो जाता है. लेकिन चीन ने अपने लेजर हथियार को ठंडा रखने की तकनीक खोज ली है. मतलब लेजर हथियार के लिए नया कूलिंग सिस्टम.
ये तकनीक हुनान प्रांत के चांग्शा में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने डेवलप की है. इस कूलिंग सिस्टम की मदद से चीन किसी भी टारगेट पर हाई-एनर्जी लेजर से हमला कर सकता है. अब चीन की सेना जब तक चाहे तब तक लेजर से हमला कर सकता है, क्योंकि अब उसके गर्म होने की आशंका खत्म हो गई है.
इस बारे में चीन के पीयर रिव्यू जर्नल एक्टा ऑप्टिका सिनिका में साइंटिस्ट युआन शेंगफू की रिपोर्ट छपी है. युआन कहते हैं कि यह बहुत बड़ी खोज है. इसकी वजह से हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम की परफॉर्मेंस बढ़ जाएगी. अब लेजर को लगातार लंबे समय तक दागा जा सकता है. अब ये नहीं होगा कि कुछ सेकेंड्स के लिए ही लेजर मारा जाए.
नए कूलिंग सिस्टम से है फायदा
नए कूलिंग सिस्टम की वजह से लेजर हथियार के अंदर होने वाली गर्मी को खत्म हो जाएगा. साथ ही लेजर किरण में किसी तरह का टर्बुलेंस और कंपकंपी नहीं होगी. भविष्य में यह तकनीक युद्ध का चेहरा ही बदल देगा. क्योंकि अब इसकी रेंज बढ़ाई जा सकती है. उससे नुकसान ज्यादा किया जा सकता है. साथ ही लॉजिस्टिक्स में कमी और कीमत में कमी लाई जा सकती है.
युआन का कहना है कि पहले रूबी लेजर की खोज 1960 में हुई थी. लेकिन अब लोग इसे डेथ रेज़ (Death Rays) के नाम से पहचानना चाहते हैं. क्योंकि ये किसी भी टारगेट को सेकेंड्स में खत्म कर सकती है. 60 साल में लेजर के कई रूप आए लेकिन किसी ने भी हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम को सफल होते नहीं देखा.
अमेरिका के पांच ऐसे पांच बड़े प्रोजेक्ट
अमेरिका में कई बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. जो लेजर आधारित हैं. जैसे- नेवी एडवांस केमिकल लेजर (NACL), मिडिल इंफ्रारेड एडवांस केमिकल लेजर (MIRACL), टैक्टिकल हाई-एनर्जी लेजर (THEL), स्पेस बेस्ड लेजर (SBL) और एयरबॉर्न लेजर (ABL). इन सबका सफल परीक्षण हो चुका है.
MIRACL ने तो सुपरसोनिक मिसाइल को गिरा दिया था. जबकि THEL ने 48 उड़ते हुए टारगेट्स को मार गिराया था. एबीएल ने लिक्विड फ्यूल मिसाइल को ढेर कर दिया था. लेकिन प्रोजेक्ट्स को कैंसिल कर दिया गया. क्योंकि इनका आकार बहुत बड़ा था. लेकिन असल वजह थी इन हथियारों की खतरनाक ताकत.
युआन ने बताया कि इन लेजर हथियारों की एक सीमा ये भी थी कि ये कुछ किलोमीटर तक ही मार कर सकते थे. लेकिन अब ज्यादा लंबी दूरी तक मार करने वाले लेजर हथियारों को विकसित किया जा रहा है. लेजर हथियार के अंदर स्टीमुलेटेड एमिशन के जरिए लेजर को पैदा किया जाता है. इसके लिए रसायन, गैस, क्रिस्टल जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है.