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चीन अगले साल लॉन्च करेगा रिले सैटेलाइट, मून लैंडिंग मिशन में मिलेगी मदद

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आने वाले समय में होने वाले रोबोटिक लैंडिंग मिशन के लिए चीन एक सैटेलाइट भेजने की तैयारी कर रहा है. इस सैटेलाइट का नाम है क्यूकियाओ-2 (Queqiao-2), जिसे अगले साल भेजे जाने की योजना है. यह सैटेलाइट Chang’e-6 मिशन से पहले लॉन्च होगी.

2024 में भेजा जाएगा ये सैटेलाइट (Photo:  National Air and Space Museum) 2024 में भेजा जाएगा ये सैटेलाइट (Photo: National Air and Space Museum)
aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 22 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:53 PM IST

चीन 2024 में अपनी क्यूकियाओ-2 (Queqiao-2) कम्यूनिकेशन रिले सैटेलाइट लॉन्च करेगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आगे होने वाले रोबोटिक लैंडिंग मिशन में मदद करेगा. 

चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) के तहत, लूनर एक्सप्लोरेशन एंड स्पेस इंजीनियरिंग सेंटर के वांग क्यूओंग (Wang Qiong) ने जानकारी दी कि Queqiao-2, 2024 की शुरुआत में Chang’e-6 मिशन से पहले लॉन्च होगी. Chang’e-6 को 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में शिड्यूल किया गया है.

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इस सैटेलाइट से आगे होने वाले मिशनों में मदद मिलेगी (Photo: National Air and Space Museum)

Queqiao-2, 2018 में लॉन्च की गई पहली क्यूकियाओ सैटेलाइट का अपग्रेड है, जिसे Chang’e-4 लूनर फार साइड लैंडर और रोवर मिशन को सपोर्ट करने के लिए अर्थ-मून लैग्रेंज पॉइंट 2 में लॉन्च किया गया था. 

Queqiao-2, को मैगपाई ब्रिज-2 (Magpie Bridge-2) भी कहा जाता है. इसका नाम चीन की पौराणिक कथाओं से लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, Queqiao-2 चैंग'ई-6 को सपोर्ट करने के लिए एक डिस्टेंट रिट्रोग्रेड ऑर्बिट (DRO) में प्रवेश करेगा.

चैंग’ई-6 मिशन, लगभग 48 घंटों में ही मिशन की लैंडिंग, सैंपलिंग और एसेंट व्हीकल लिफ्टऑफ स्टेज पूरा कर लेगा. माना जाता है कि एक्सटेंडेड मिशन गतिविधियों के दौरान, डीआरओ का टेस्ट करने के लिए चीन ने अपने पहले लूनर सैंपल रिटर्न मिशन- 2020 के चैंग-ई 5 मिशन के सर्विस मॉड्यूल का ही इस्तेमाल किया होगा.

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चैंग'ई-6 चंद्रमा का लक्ष्य होगा सुदूर हिस्से में, प्राचीन साउथ पोल-ऐटकेन (SPA) बेसिन के अंदर एक क्रेटर. Queqiao-2 जमीन पर मौजूद टीमों और चंद्रमा के सुदूर हिस्सों के बीच कम्यूनिकेशन रिले के तौर पर काम करेगा. एक रिले की ज़रूरत इसलिए होती है क्योंकि टाइडल लॉकिंग के कारण चंद्रमा का गोलार्द्ध (Hemisphere) कभी भी पृथ्वी का सामना नहीं करता.

 

यह सैटेलाइट और इसका 4.2 मीटर-व्यास वाला पैराबोलिक एंटीना, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चैंग ई-7 और चैंग ई-8 मिशनों पर भी काम करेगा. चैंग ई-7 2026 के आसपास लॉन्च होगा और इसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर, रोवर और "मिनी फ्लाइंग डिटेक्टर" शामिल होगा, जो लूनर टोपोग्राफी, मैटीरियल और पर्यावरण का अध्ययन करेगा. जबकि, चैंग-8 2028 के आसपास लॉन्च किया जाएगा.


 

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