Advertisement

धरती के सबसे नजदीक मौजूद Black Hole का पता चला, वैज्ञानिक इस खोज से हैरान

धरती के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल की खोज हो चुकी है. यह मात्र 1600 प्रकाश वर्ष दूर है. यह हमारे सूरज से 10 गुना बड़ा है. यह ब्लैक होल अपने तारे से उतनी ही दूरी पर चक्कर लगा रहा है, जितनी दूरी धरती की सूरज से है. क्या इस ब्लैक होल से धरती को कोई खतरा है?

इस तस्वीर में दाहिनी ओर ऊपर की तरफ दिख रहा है ब्लैक होल. (फोटोः इंटरनेशनल जेमिनी ऑब्जरवेटरी/नॉयर लैब) इस तस्वीर में दाहिनी ओर ऊपर की तरफ दिख रहा है ब्लैक होल. (फोटोः इंटरनेशनल जेमिनी ऑब्जरवेटरी/नॉयर लैब)
aajtak.in
  • हवाई,
  • 08 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

वैज्ञानिकों ने हाल ही में पृथ्वी के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल (Black Hole) की खोज कर ली है. यह विशालकाय ब्लैक होल इतना बड़ा है कि इसमें हमारे 10 सूरज समा जाएं. यानी पृथ्वी जैसे ग्रहों की तो कोई औकात ही नहीं है. यह पृथ्वी से मात्र 1600 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है. यह ब्लैक होल ओफियूचस नक्षत्र (Ophiuchus Constellation) में मौजूद है. यह ब्लैक होल अपने तारे से उतनी ही दूरी पर चक्कर लगा रहा है, जितनी दूरी धरती की सूरज से है. 

Advertisement

इसके बाद दूसरा जो सबसे नजदीक ब्लैक होल है वह 3000 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद मोनोसेरोस नक्षत्र (Monoceros Constellation) है. हमारी आकाशगंगा (Milkyway) में अब तक 20 ब्लैक होल खोजे गए हैं. उनमें से इकलौता यही एक ब्लैक होल है, जो पृथ्वी से इतना नजदीक है. खुशी की बात ये है कि यह ब्लैक होल सो रहा है. निष्क्रिय है. यह अपने अंदर हर किसी चीज को खींच नहीं रहा है. आमतौर पर ब्लैक होल में इतनी ज्यादा ग्रैविटी होती है कि वो अपने आसपास मौजूद चीजों को खाकर खत्म कर देते हैं. 

ब्लैक होल की उत्पत्ति और खत्म होने को लेकर बड़ा रहस्य मौजूद है. (फोटोः अमन पाल/अन्स्प्लैश)

यह ब्लैक होल अंतरिक्ष में किसी ग्रैविटी की लहर का इंतजार कर रहा है ताकि इसका पेट भर सके. यह भूखा तो है लेकिन कमजोर है. आइंस्टीन की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी के अनुसार ब्लैक होल के अंदर से प्रकाश भी नहीं निकल सकता. इसलिए ब्लैक होल्स को प्रकृति की सबसे हिंसात्मक प्रक्रिया कहते हैं. जब ये सक्रिय होते हैं तब ब्रह्मांड के सबसे ब्रिलिएंट और ताकतवर ऑब्जेक्टस माने जाते हैं. क्योंकि ये गैस, धूल, तारे, ग्रह, प्रकाश कुछ भी खा सकते हैं. इन्हें खाते ही इन ब्लैक होल्स की ताकत और रोशनी बढ़ती चली जाती है. 

Advertisement

आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि ब्लैक होल्स की शुरुआत कहां से होती है. और ये खत्म कहां होते हैं. आमतौर पर हर गैलेक्सी में एक विशालकाय ब्लैक होल होता है. लेकिन ये बनते कैसे हैं इसकी जानकारी आजतक किसी भी वैज्ञानिक को नहीं है. ब्लैक होल अंतरिक्ष का सबसे रहस्यमयी वस्तु है. कई बार कुछ छोटे ब्लैक होल्स बड़े तारों को टूटने से बनते हैं. लेकिन वो जल्दी ही खत्म हो जाते हैं. माना जाता है कि हमारी आकाशगंगा में लाखों ब्लैक होल्स हैं. 

ब्लैक होल कहां से शुरू होकर कहां खत्म होते हैं, इसका खुलासा आजतक नहीं हो पाया है. (फोटोः गेटी)

ब्लैक होल्स का पता उनसे निकलने वाले एक्सरे किरणों और गैस या रोशनी की पतली लहर से चलता है. लेकिन धरती के नजदीक मिला ब्लैक होल कमजोर या निष्क्रिय क्यों है. इसका जवाब देते हुए हार्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक डॉ. करीम अल-बादरी ने कहा कि हम पिछले चार सालों से ऐसे सुस्त ब्लैक होल्स को खोज रहे हैं. इनका डेटा हासिल करने के लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी के GAIA स्पेसक्राफ्ट की मदद ले रहे हैं. 

डॉ. कादरी ने कहा कि हमें यह ब्लैक होल अनजाने में ही मिला. क्योंकि हमने देखा कि हमारी धरती के पीछे की तरफ एक चमकता हुआ तारा है. जिसके पीछे रोशनी अलग तरह से मूवमेंट कर रही है. ऐसा लग रहा था कि इस तारे के एक तरफ किसी तरह का ग्रैविटेशनल फोर्स काम कर रहा है. फिर हमने हवाई पर मौजूद जेमिनी नॉर्थ टेलिस्कोप की मदद ली. तब इस ब्लैक होल के बारे में पता चला. इसके बाद हमने इसे नाम दिया Gaia BH1. 

Advertisement

Gaia BH1 ब्लैक होल हमारे सूरज से 10 गुना बड़ा है. इसकी खोज से पता चलता है कि हमारे आसपास और भी इस तरह के ब्लैक होल्स मौजूद हो सकते हैं. बस जरुरत है हमें उसे खोजने की. यह अब तक पृथ्वी के सबसे नजदीक खोजा गया ब्लैक होल है. इससे पहले जो ब्लैक होल खोजा गया था वह 3000 प्रकाश वर्ष दूर था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement