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Cyclone DANA: इसरो की इन दो सैटेलाइट्स का कमाल, तूफान आने से पहले बता दिया पूरा हाल

चक्रवाती तूफान दाना ओडिशा के करीब पहुंच चुका है. असर पश्चिम बंगाल में भी होगा. लेकिन इसके आने की खबर पहले कैसे लगी? किसने बताया कि चक्रवाती तूफान आफत का दाना डालने समंदर से जमीन की ओर आ रहा है. ये खुलासा किया ISRO के सैटेलाइट्स ने. आइए जानते हैं कौन से सैटेलाइट्स लगे थे... दाना को ट्रैक करने में...

कोलकाता में नदी यातायात पुलिस और आपदा प्रबंधन समूह (डीएमजी) के अधिकारी चक्रवात दाना के आने से पहले हुगली नदी के तट पर घोषणाएं करते हुए. (फोटोः PTI) कोलकाता में नदी यातायात पुलिस और आपदा प्रबंधन समूह (डीएमजी) के अधिकारी चक्रवात दाना के आने से पहले हुगली नदी के तट पर घोषणाएं करते हुए. (फोटोः PTI)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:57 PM IST

दाना तूफान तेजी से ओडिशा और पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. दाना तूफान 120 km/hr की रफ्तार से ओडिशा के पुरी और पश्चिम बंगाल सागर द्वीप के बीच पहुंच सकता है. तटीय राज्यों की सरकारें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. मछुआरों ने नावों को किनारे पर बांध दिया है. पर ये पता कैसे चला कि तूफान आ रहा है?

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किसने बताया केंद्र सरकार, मौसम विभाग, ओडिशा या पश्चिम बंगाल की सरकार को. असल में ये है देश का सर्वोत्तम वैज्ञानिक संस्थान ISRO. इसरो के दो सैटेलाइटस EOS-06 और INSAT-3DR इस तूफान को अंतरिक्ष से ट्रैक कर रहे थे. जब से ये बना तब से लेकर हर लेटेस्ट अपडेट रीयल टाइम में मौसम विभाग को मिल रहा था. 

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बाएं.. EOS-6 और दाहिने इनसैट-3डीआर सैटेलाइट. (फोटोः ISRO)

क्या करते हैं EOS-06 और INSAT-3DR सैटेलाइट? 

EOS-06 में एक यंत्र लगा है, जिसका नाम है स्कैटेरोमीटर सेंसर (Scatterometer sensor). ये समंदर के ऊपर चलने वाली समुद्री हवाओं और उनके सर्कुलेशन यानी घुमाव की जानकारी देता है. यानी जैसे ही घुमाव ज्यादा बढ़ा और साइक्लोन के बनने की शुरूआत हुई. ये तुरंत अलर्ट कर देता है. यह एक पोलर सैटेलाइट है. इसे दो साल पहले 26 नवंबर 2022 को PSLV-C54 रॉकेट से छोड़ा गया था. 

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INSAT-3DR एक जियोस्टेशनरी सैटेलाइट है. यह बादलों के बनने की पूरी प्रक्रिया को ट्रैक करता है. भारत के ऊपर बदलते हुए मौसम की स्टडी के लिए रोशनी का सहारा लेता है. यानी ब्राइटनेस टेंपरेचर. हर रोशनी का अपना रंग और तापमान होता है. इसी की गणना करके यह बताता है कि तूफान बन रहा है या नहीं. यह सैटेलाइट तो बना ही मौसम के लिए है. इसकी लॉन्चिंग 8 सितंबर 2016 में हुई थी. 

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इस फोटो कॉम्बो से आप समझ सकते हैं कि कैसे इसरो के सैटेलाइट्स को 19 अक्टूबर 2024 को बंगाल की खाड़ी में कोई हलचल नहीं दिख रही थी.  लेकिन 23 अक्टूबर आते-आते वहां तूफान बन चुका था. (फोटोः ISRO)

साइक्लोन दाना की अभी की स्थिति, कहां पहुंचा?

ओडिशा और बंगाल में आने वाला चक्रवाती तूफान दाना आज, 24 अक्तूबर को तट से टकराएगा. जिस वक्त ये तूफान सतह से टकराएगा, इसकी रफ्तार 120 से 130 km/hr हो सकती है. तूफान की वजह से ओडिशा और बंगाल में तेज हवाएं चलेंगी और बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. 

बंगाल और ओडिशा के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. तूफान को देखते हुए दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की कई टीमें अलर्ट पर हैं. कोलकाता एयरपोर्ट पर आज शाम से कल सुबह तक उड़ानें बंद कर दी गई हैं. वहीं 200 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. तूफान का असर बिहार और झारखंड तक दिखाई दे सकता है.

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