
दाना तूफान तेजी से ओडिशा और पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. दाना तूफान 120 km/hr की रफ्तार से ओडिशा के पुरी और पश्चिम बंगाल सागर द्वीप के बीच पहुंच सकता है. तटीय राज्यों की सरकारें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. मछुआरों ने नावों को किनारे पर बांध दिया है. पर ये पता कैसे चला कि तूफान आ रहा है?
किसने बताया केंद्र सरकार, मौसम विभाग, ओडिशा या पश्चिम बंगाल की सरकार को. असल में ये है देश का सर्वोत्तम वैज्ञानिक संस्थान ISRO. इसरो के दो सैटेलाइटस EOS-06 और INSAT-3DR इस तूफान को अंतरिक्ष से ट्रैक कर रहे थे. जब से ये बना तब से लेकर हर लेटेस्ट अपडेट रीयल टाइम में मौसम विभाग को मिल रहा था.
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क्या करते हैं EOS-06 और INSAT-3DR सैटेलाइट?
EOS-06 में एक यंत्र लगा है, जिसका नाम है स्कैटेरोमीटर सेंसर (Scatterometer sensor). ये समंदर के ऊपर चलने वाली समुद्री हवाओं और उनके सर्कुलेशन यानी घुमाव की जानकारी देता है. यानी जैसे ही घुमाव ज्यादा बढ़ा और साइक्लोन के बनने की शुरूआत हुई. ये तुरंत अलर्ट कर देता है. यह एक पोलर सैटेलाइट है. इसे दो साल पहले 26 नवंबर 2022 को PSLV-C54 रॉकेट से छोड़ा गया था.
INSAT-3DR एक जियोस्टेशनरी सैटेलाइट है. यह बादलों के बनने की पूरी प्रक्रिया को ट्रैक करता है. भारत के ऊपर बदलते हुए मौसम की स्टडी के लिए रोशनी का सहारा लेता है. यानी ब्राइटनेस टेंपरेचर. हर रोशनी का अपना रंग और तापमान होता है. इसी की गणना करके यह बताता है कि तूफान बन रहा है या नहीं. यह सैटेलाइट तो बना ही मौसम के लिए है. इसकी लॉन्चिंग 8 सितंबर 2016 में हुई थी.
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साइक्लोन दाना की अभी की स्थिति, कहां पहुंचा?
ओडिशा और बंगाल में आने वाला चक्रवाती तूफान दाना आज, 24 अक्तूबर को तट से टकराएगा. जिस वक्त ये तूफान सतह से टकराएगा, इसकी रफ्तार 120 से 130 km/hr हो सकती है. तूफान की वजह से ओडिशा और बंगाल में तेज हवाएं चलेंगी और बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
बंगाल और ओडिशा के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. तूफान को देखते हुए दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की कई टीमें अलर्ट पर हैं. कोलकाता एयरपोर्ट पर आज शाम से कल सुबह तक उड़ानें बंद कर दी गई हैं. वहीं 200 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. तूफान का असर बिहार और झारखंड तक दिखाई दे सकता है.