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97 तेजस फाइटर जेट, 156 प्रचंड हेलिकॉप्टर... देखिए उन डिफेंस प्रोडक्ट्स की लिस्ट जिनकी खरीद को मिली मंजूरी

डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल ने तीनों भारतीय सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ के हथियार, यंत्र खरीदने और बनाने की मंजूरी दे दी है. इसमें से 98% चीजें स्वदेशी ही होंगी. सरकार ने LCH प्रचंड, तेजस-Mk1A फाइटर जेट, एंटी-शिप मिसाइल, टोड गन सिस्टम जैसी कई चीजों की अनुमति दी है. जानिए कौन-कौन से हथियारों और यंत्रों की मंजूरी मिली है...

DAC ने प्रचंड हमलावर हेलिकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल और टोड-आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है. DAC ने प्रचंड हमलावर हेलिकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल और टोड-आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल (DAC) ने 2.23 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादों की खरीद की अनुमति दे दी है. इसमें 97 तेजस एमके1ए फाइटर जेट्स भी शामिल हैं. जो MiG सीरीज के सभी फाइटर जेट्स की जगह लेंगे. ये 97 तेजस फाइटर जेट 65 हजार करोड़ रुपए में खरीदे जाएंगे. 

इसके अलावा 156 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड भी खरीदे जाएंगे. इसमें 45 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी. 84 Su-30 फाइटर जेट को अपग्रेड करने में 64 हजार करोड़ रुपए लगेंगे. इसके अलावा टोड गन सिस्टम यानी धनुष और ATAGS जैसे तोपों की खरीद-फरोख्त होगी. जिन्हें चीन और पाकिस्तान की ऊंचाई वाली सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. 

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डीएसी ने T-90 टैंक्स के लिए ऑटोमैटिक टारगेट ट्रैकर और डिजिटल बसाल्टिक कंप्यूटर की खरीद की अनुमति दी गई है. इसके अलावा एरिया डिनायल म्यूनिशन (ADM) टाइप-2 और टाइप-3 के खरीद को मंजूरी दी गई है. ये ऐसे हथियार हैं, जो टैंक्स और बख्तरबंद वाहनों को पूरी तरह से तबाह करने में सक्षम हैं. 

धनुष और ATAGS जैसे तोपों के लिए 155mm के नुबाइल प्रोजेक्टाइल्स यानी गोलों की खरीद की भी अनुमति मिली है. इन हथियारों और यंत्रों की खरीद से भारतीय सेनाओं का पावर बूस्ट होने वाला है. चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर दुश्मन की हालत खराब हो जाएगी. 

ये तोपें दहला देंगी दुश्मन को

धनुष ... 155 mm/45 कैलिबर हॉवित्जर साल 2019 में भारतीय सेना में शामिल हुआ. यह बोफोर्स का स्वदेशी वर्जन है. फिलहाल सेना के पास 12 धनुष है. 114 का ऑर्डर है. डिलिवरी हो रही है. इसे चलाने के लिए 6 से 8 क्रू लगते हैं. गोले की रेंज 38 km है. बर्स्ट मोड में यह 15 सेकेंड में तीन राउंड दागता है. इंटेंस मोड में 3 मिनट में 15 राउंड और संस्टेंड मोड में 60 मिनट में 60 राउंड. 

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एटीएजीएस ...  155 mm की इस गन का पहला परीक्षण 2016 में हुआ था. 307 का टेंडर हुआ है. 400 और तोप मंगाए जा सकते हैं. इसे चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है. बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करता है. इसकी फायरिंग रेंज 48 km है. इसे बढ़ाकर 52 किया जाना है. 

M777 हॉवित्जर... भारतीय सेना के पास 145 M777 हैं. 155 mm की यह अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर को 8 लोग चलाते हैं. एक मिनट में 7 गोले दागता है. गोले की रेंज अलग-अलग कोण पर 24 से 40 KM है. गोला एक km प्रति सेकेंड से छूटता है. इसका 4200 kg है. लंबाई 35 फीट है. इसकी नली की लंबाई 16.7 फीट है. इससे छह तरह के गोले दागे जा सकते हैं. 

एंटी-शिप मिसाइल से कापेंगे चीन के युद्धपोत

DRDO ऐसी मिसाइल बना रहा है, जिसकी तैनाती के बाद Indian Navy की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. साथ ही दुश्मन के जंगी जहाज किसी भी तरह की हरकत करने से पहले थोड़ा सोचेंगे. इसका नाम है NASM-MR. यानी नेवल एंटी-शिप मिसाइल. MR का मतलब मीडियम रेंज. यानी मध्यम दूरी की मिसाइल. इस मिसाइल का वजन 750 kg होगा. करीब 15 से 17 फीट लंबी होगी. इस मिसाइल पर 150 kg वजनी वॉरहेड लगा सकते हैं. 

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यह रेडियो प्रॉक्सिमिटी फ्यूज पर विस्फोट करेगा. इसका रॉकेट सॉलिड प्रोपेलेंट पर चलेगा. इसकी ऑपरेशनल रेंज 150 से 350 km मानी जा रही है. यह अधिकतम 50 मीटर से 4 km की ऊंचाई तक जाकर हमला कर पाएगी. इसकी अधिकतम गति 988 km/घंटा के आसपास होगी. 

टारगेट पर हमला करते वक्त यह बीच रास्ते में अपनी दिशा में बदलाव कर सकती है. इसे इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम के आधार पर गाइड किया जाएगा. साथ ही इसमें सैटेलाइट गाइडेंस की भी सुविधा होगी. यह असल में एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है. मध्यम दूरी पर दुश्मन को धूल चटाने के लिए यह मिसाइल बेहद कारगर साबित होगी. 

प्रचंड के आगे पहाड़ भी हो जाएंगे बौने

इंडियन एयरफोर्स ने डिफेंस मिनिस्ट्री से 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स प्रचंड की मांग की थी. 156 में से 66 वायुसेना और 90 इंडियन आर्मी के पास जाएंगे. प्रचंड हेलिकॉप्टर्स से कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू, डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस, काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन, रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट को मार गिराने में आसानी होगी और हाई एल्टीट्यूड बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस में मदद मिलेगी. 

LCH में दो लोग बैठ सकते हैं. यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है. वजन 5800 kg है. 700 KG के हथियार लगा सकते हैं. अधिकतम गति 268 km प्रतिघंटा है. रेंज 550 किमी है. लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भरने की क्षमता है. यह पर्याप्त मात्रा में हथियारों और जरूरी चीजों के साथ 16,400 फीट की ऊंचाई पर भी टेकऑफ कर सकता है. LCH में 20 मिमी की एक तोप है. चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी रॉकेट्स, मिसाइल और बम लग सकते हैं. 

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तेजस-MK1A फाइटर जेट बदलेंगे पुराने जेट्स को

भारतीय वायुसेना को 180 तेजस फाइटर जेट्स की जरूरत है. 83 LCA Mark1A के लिए कॉन्ट्रैक्ट हो चुका है. 97 और फाइटर जेट्स वायुसेना और लेगी. फिलहाल तेजस फाइटर जेट के दो स्क्वॉड्रन हैं. एक का नाम फ्लाइंग डैगर्स और दूसरे का फ्लाइंग बुलेट्स. तेजस की कॉम्बैट रेंज 500 KM है. यानी हथियारों से लैस होकर दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करके वापस आना. यानी क्लोज-एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशन में मददगार.  

तेजस फाइटर जेट का आकार छोटा है इसलिए इस समय दुनिया का कोई भी रडार सिस्टम इसे फाइटर जेट की श्रेणी में रखता ही नहीं. इसलिए यह दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. यानी हमला करना आसान है. लंबाई 43.4 फीट, ऊंचाई 14.5 फीट और विंगस्पैन 26.11 फीट है. 

तेजस में 2458 KG फ्यूल आता है. अधिकतम स्पीड 1980 KM प्रतिघंटा है. यानी ध्वनि की गति से डेढ़ गुना ज्यादा. कुल रेंज 1850 KM है. अधिकतम 53 हजार KM की ऊंचाई तक जा सकता है. LCA Tejas का कॉकपिट कांच का है. तेजस का ग्लास कॉकपिट जिससे पायलट को चारों तरफ देखने में आसानी होती है. 

छोटा और मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. इसमें आठ हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी आठ अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें S-8 रॉकेट्स के पॉड्स लगा सकते हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें R-73, I-Derby, Python-5 लगे हैं. भविष्य में ASRAAM,  Astra Mark 1 और  R-77 की प्लानिंग भी है. 

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हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T, AASM-Hammer लगी हैं. BrahMos-NG ALCM को लगाने की योजना है. इसमें ऐसे-ऐसे हथियार हैं कि तेजस हमला करे तो दुश्मन की हालत पस्त होनी तय है.

एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम को लगाया जाएगा. फिलहाल इसमें एंटी-शिप मिसाइल Kh-35 और Kh-59MK लगे हैं. अगर बम की बात करें तो इसमें चार तरह के बम लगाए जा सकते हैं. प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन जैसे- स्पाइस, JDAM, HSLD, DRDO Glide Bombs और DRDO SAAW. 

लेजर गाइडेड बम जैसे KAB-1500L, GBU-16 Paveway II, सुदर्शन और Griffin LGB. क्लस्टर म्यूनिशन जैसे RBK-500. अनगाइडेड बम जैसे  ODAB-500PM, ZAB-250/350, BetAB-500Shp, FAB-500T, FAB-250, OFAB-250-270, OFAB-100-120 लगा सकते हैं. 

400 टोड आर्टिलरी गन सिस्टम की डिमांड

थल सेना के लिए 400 टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (TAGS) भी खरीदे जाएंगे. यानी M777, धनुष या ATAGS जैसे तोप. जो वजन में हल्के लेकिन मारक क्षमता में खतरनाक होते हैं. इनकी रेंज भी 32 से 53 किलोमीटर तक है. इनके गोलों से दुश्मन के छक्के छूट जाएंगे. 

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