
कल यानी 19 अप्रैल की सुबह 7 बजे धरती पर अंतरिक्ष से बेकार सैटेलाइट गिरने वाला है. NASA ने इस सैटेलाइट को 21 साल पहले फरवरी 2002 को लॉन्च किया था. इसका नाम है RHESSI Spacecraft. चिंता की बात ये है कि वैज्ञानिक इसके गिरने के सही समय की गणना और रूट तय नहीं कर पा रहे हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सुबह सात बजे से 16 घंटे पहले या 16 घंटे बाद यह किसी भी समय धरती पर गिरेगा.
अगर यह समुद्र में गिरा तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन 273 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट अगर किसी रिहायशी इलाके में गिरा तो काफी ज्यादा मुसीबत आ सकती है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सैटेलाइट का अधिकतर हिस्सा वायुमंडल में आते समय जलकर खत्म हो जाएगा. थोड़ा-बहुत ही हिस्सा बच सकता है.
रेसी स्पेस्क्राफ्ट का पूरा नाम है Reuven Ramaty High Energy Solar Spectroscopic Imager. यह बहुत बड़ा सैटेलाइट नहीं है. लेकिन अंतरिक्ष से आने वाला छोटी सी वस्तु भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. क्योंकि नासा को अनुमान है कि इस सैटेलाइट के कुछ हिस्से वायुमंडल से बचकर धरती पर तो गिरेंगे ही. लेकिन किसी को नुकसान पहुंचे इसकी आशंका 2467 में 1 है.
रेसी याद दिला रहा है कि धरती खतरे में है
RHESSI सैटेलाइट के नीचे आने की घटना ये बताती है कि धरती हमेशा अंतरिक्ष में तैर रहे सैटेलाइट्स के निशाने पर रहेगी. अंतरिक्ष में ज्यादा सैटेलाइट्स होने से उनके बीच टक्कर भी बढ़ेगी. ऐसे में धरती पर कचरा आने का खतरा बढ़ जाएगा. इस समय धरती के चारों तरफ 30 हजार से ज्यादा कचरा घूम रहा है. कुछ तो इतने छोटे हैं कि उन पर नजर नहीं रख सकते.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अनुसार 0.4 से लेकर 4 इंच तक के 10 लाख वस्तुएं अंतरिक्ष में धरती के चारों तरफ घूम रही हैं. लेकिन 0.4 इंच वाला कचरा 1.30 करोड़ या उससे ज्यादा भी हो सकता है. ये छोटे टुकड़े हमारे सैटेलाइट्स को फोड़ सकते हैं. उन्हें बर्बाद कर सकते हैं. स्पेस स्टेशन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
रेसी गया था सूरज की लहरों की स्टडी के लिए
रेसी स्पेस्क्राफ्ट को फरवरी 2002 में पेगासस एक्सएल रॉकेट से लॉन्च किया गया था. मकसद था सूरज से निकलने वाली सौर लहरों और कोरोनल मास इजेक्शन की स्टडी करना. वह भी एक यंत्र से. इसमें एक ही इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर था, जो एक्स-रे और गामा रे की गणना एक साथ करता था. अपने पूरे मिशन के दौरान रेसी स्पेसक्राफ्ट ने 1 लाख एक्स-रे इवेंट्स को कवर किया. जिनकी बदौलत नासा वैज्ञानिकों ने सूरज की बहुत सारी जानकारी जमा की.
पिछले साल नवंबर में 23 टन के चीनी रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी का कोर स्टेज अपनी लॉन्चिंग के पांच दिन बाद गिरा था. वह चीन के स्पेस स्टेशन तियांगॉन्ग के लिए तीसरा और अंतिम मॉड्यूल लेकर गया था.