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Gulf of Mexico का Dead Zone समुद्री जीवों के लिए आफत, और इसके ज़िम्मेदार हैं हम!

समुद्री जीवों के लिए समुद्र का एक इलाका ऐसा है जहां जाकर उन्हें सिर्फ मौत मिलती है. इन इलाकों को डेड ज़ोन कहते हैं. आज दुनिया के सबसे बड़े डेड ज़ोन (Dead zone) के बारे में जानेंगे.

समुद्री जीवों के लिए जानलेवा हैं डेड ज़ोन (Photo: NASA) समुद्री जीवों के लिए जानलेवा हैं डेड ज़ोन (Photo: NASA)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 15 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST
  • डेड ज़ोन में ऑक्सीजन नहीं होती
  • Gulf of Mexico का डेड ज़ोन दुनिया में सबसे बड़ा

हम में से बहुत से लोग डेड ज़ोन (Dead Zone) के बारे में नहीं जानते. जैसा कि नाम से जाहिर है, यह डेड ज़ोन बेहद खतरनाक होते हैं और समुद्री जीवों को खत्म कर देने की ताकत रखते हैं. डेड ज़ोन या हाइपोक्सिक ज़ोन (hypoxic zone) कम ऑक्सीजन वाला इलाका होता है, जो समुद्र के तल के पास होता है और मछलियों और समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाता है.

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यूं तो दुनिया भर में समुद्र तट के पानी में सैकड़ों डेड ज़ोन्स हैं, लेकिन मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) का डेड ज़ोन दुनिया में सबसे बड़ा है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि इन डेड ज़ोन्स के लिए कहीं न कहीं इंसान ज़िम्मेदार है. ये डेड ज़ोन कैसे बनते हैं, समुद्री जीवन को कैसे नुकसान पहुंचा रहे हैं और इसके लिए हम सब किस तरह से जिम्मेदार हैं, ये आज जानते हैं. 

डेड ज़ोन में ऑक्सीजन का स्तर न के बराबर होता है (Photo: Noaa)

दुनिया भर की जनसंख्या जिस तरह से बढ रही है, उसी तरह खाने की खपत भी. खाना ज्यादा चाहिए, तो भोजन की पैदावार भी ज्यादा होनी चाहिए. और इसके लिए किसान उर्वरक (Fertilizers) या पोषक तत्वों का इस्तेमाल करते हैं. इससे फसल का उत्पादन बढ़ता है. 

फसल से समुद्री जीवों का भी लेना देना है

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खेत में किसान जिस तरह पैदावार करते हैं, उससे समुद्र में रहने वाले जीवों पर बुरा असर पड़ता है. उदाहरण के लिए मिसिसिपि नदी को देखें. मिसिसिपी नदी ड्रेनेज सिस्टम की तरह काम करती है. यह 31 अमेरिकी राज्यों और कनाडा के कुछ हिस्सों को जोड़ती है. जब किसान फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल करते हैं, तो नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व बारिश या बर्फबारी के दौरान बहते हैं और मिसिसिपी नदी में मिल जाते हैं. सिर्फ खेतों के ही पोषक तत्वों नहीं, बल्कि शहरों की ज़मीनों में इस्तेमाल किए जाने वाले फर्टिलाइज़र और सीवेज प्लांट से निकलने वाला पदार्थ सब नदी में जाता है.

नदी के ज़रिए ये सब मैक्सिको की खाड़ी में चला जाता है. खाड़ी में घुलने से पहले ये खतरनाक पदार्थ करीब एक हजार मील से भी ज्यादा का सफर करते हैं, और इस दौरान ये और भी घातक होते जाते हैं. समुद्र के पानी में घुले पोषक तत्वों की वजह से शैवाल अनियंत्रित हो जाते हैं, वे ज़रूरत से ज्यादा बढ़ते हैं और पानी में डूबकर डीकंपोज़ हो जाते हैं. इस प्रोसेस में वे पानी की ऑक्सीजन का इस्तेमाल करते हैं. 

इसे हाइपोक्सिया (Hypoxia) कहते है. इस दौरान, पानी में ऑक्सीजन का स्तर इतना कम हो जाता है कि समुद्र में रहने वाले जीवों का जीवन जीना मुश्किल हो जाता है. मछली और झींगे तो उस इकाले को छोड़ देते हैं, लेकिन बाकी जीव मर जाते हैं.

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न्यू जर्सी के आकार जितना बड़ा हो सकता है डेड ज़ोन

गर्मियों के मौसम में ऐसा होता है. खाड़ी के डेड ज़ोन का आकार हर साल बदलता रहता है. आकार तय करने के लिए वैज्ञानिक खाड़ी में पानी के नमूने इकट्ठे करते हैं. उके मुताबिक, डेड ज़ोन न्यू जर्सी के आकार जितना बड़ा हो सकता है, यानी करीब 3,275 वर्ग मील. इसका मतलब है कि लाखों एकड़ में मछलियों और कई प्रजातियों के लिए जीवन की संभावना शून्य है.

 

अगर खाड़ी में आने वाले प्रदूषण को कम न किया गया, तो यह पारिस्थितिकी तंत्र पर कहर बरपाता रहेगा. जलवायु परिवर्तन इस समस्या को और भी बढ़ा रहा है, क्योंकि गर्म समुद्र के पानी में ऑक्सीजन पहले से ही कम होती है, जो और भी डरावना है.

मेक्सिको की खाड़ी में डेड ज़ोन के आकार को कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. मिसिसिपी नदी के वाटरशेड में कई तरह की नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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