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क्या सांप की इतनी मेमोरी होती है कि वो एक ही आदमी को सात बार काट सके... क्या कहता है विज्ञान?

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का विकास दुबे. दावा ये कि उसे एक ही सांप ने सात बार काटा. सवाल ये है कि क्या सांप की इतनी मेमोरी होती है कि वो एक ही आदमी को बार-बार काट सके? सांपों का दिमाग इंसानों की तरह इंटेलिजेंट नहीं होता. वह बेहद बेसिक होता है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

ये हैं विकास दुबे, जिनका दावा है कि उन्हें एक ही सांप ने सात बार काटा है. ये हैं विकास दुबे, जिनका दावा है कि उन्हें एक ही सांप ने सात बार काटा है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

उत्तर प्रदेश का फतेहपुर इलाका. प्रयागराज और कानपुर के बीच. इलाका इसलिए जरूरी है क्योंकि कहानी है विकास दुबे की. वो व्यक्ति जिसने दावा किया है कि उसे 40 दिन के अंदर एक ही सांप ने सात बार काटा. फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. लेकिन क्या ये संभव है कि किसी इंसान को एक ही सांप बार-बार काटे? क्या उस सांप की इतनी मेमोरी है कि वो खोज-खोजकर विकास को काट रहा है? 

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साइंस तो इसे नहीं मानता. और ये बात प्रमाणित भी नहीं होती. पहले ये जानते हैं कि विकास रहते कहां हैं... 

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विकास के घर के इलाके की जियोग्राफी... 

फतेहपुर शहर के मलवा थाना क्षेत्र सौरा गांव में विकास का घर है. फतेहपुर शहर गंगा और यमुना नदी के बीच में बसा है. यानी ये दोआबा वाला इलाका है. जहां की जमीन बहुत ही ज्यादा उर्वरक होती है. सौरा गांव में हरियाली की कोई कमी नहीं है. चारों तरफ खेत हैं. बाग-बगीचे हैं. विकास का जहां घर है, वहां भी आसपास काफी ज्यादा हरियाली है. यानी ऐसी जगहों पर चूहे जैसे जीव ज्यादा होंगे. फिर इनका शिकार करने के लिए सांप भी होंगे. जहां हरियाली होगी वहां गैर-जहरीले सांप ज्यादा होते हैं. 

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मौसी का घर और अस्पताल एक जगह पर

विकास को उसके घर पर चार बार सांप ने काटा. लेकिन उसे कुछ हुआ नहीं. दवाओं से ठीक हो गया. पांचवीं बार उसे सांप ने तब काटा, जब वह अपने घर से 12-14 किलोमीटर दूर राधानगर में अपनी मौसी के घर था. सांपों को जानने वाले एक्सपर्ट्स की माने तो कोई भी सांप इतनी दूर यात्रा नहीं करता. न ही उसे ये याद रहेगा कि ये विकास है, और मुझे इसे काटना है. तो इसका पीछा करते हुए वो सांप इतनी दूर चला गया. 

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अस्पताल भी राधानगर में है. भोपाल के रहने वाले सांपों के एक्सपर्ट मोहम्मद सलीम ने बताया कि किसी भी सांप ने आजतक ये काम नहीं किया कि वो किसी को काटने के लिए 12-14 किलोमीटर लंबी यात्रा करे. सांप को याद नहीं रहता. उसकी मेमोरी बेहद परिस्थितिजन्य होती है. यानी सिचुएशनल. वो किसी को याद नहीं रखता. यही बात जिम कॉर्बेट के स्नेक एक्सपर्ट चंद्रसेन ने भी कही. उन्होंने भी मेमोरी की बात खारिज की है. 

सांप के काटने पर कैसा बनता है निशान... 

विकास के बाएं हाथ और पैर में सांप के काटने के निशान हैं. दोनों में दो डंक के निशान हैं. चारों तरफ नीला घेरा बना है. यानी इस बार उसे जहरीले सांप ने काटा है. अगर गैर-जहरीले सांप ने काटा होता तो ज्यादा दांतों के अर्ध-अंडाकार निशान बनता. मोहम्मद सलीम कहते हैं कि अगर जहरीले सांप ने काटा होता, तो ये दो किलोमीटर भी नहीं जा सकते. जबकि विकास के घर से अस्पताल की दूरी 12-14 किलोमीटर है. 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट... जहां छोटे-मोटे जीव, वहां पर सांप

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के स्नेक एक्सपर्ट चंद्रसेन ने कहा कि अगर कोई इंसान सांपों के रेस्क्यू मिशन में लगा है तो उसे सांप कई बार काट सकता है. लेकिन ऐसा नहीं होता कि एक ही सांप किसी इंसान को पीछा करके काटे. विकास जिस इलाके में रहते हैं, वो हरा-भरा है. यानी वहां छोटे-मोटे जीव होंगे. जिसकी वजह से गैर-जहरीले सांप भी होंगे. जहरीले भी होंगे. 

मैदानी और पहाड़ी इलाकों में गैर-जहरीले सांप जो सामान्य तौर पर मिलते हैं. या जिनके काटने की अक्सर खबर आती है, वो हैं- चेकर्ड कीलबैक, ब्रोंज बेक ट्री स्नेक, कॉमन ट्रिंकेट स्नेक, बफ स्ट्रिप्ड कीलबेक, कॉपर हेडट ट्रिंकेट स्नेक, पाइथन, अजगर,रेड स्नेक, धामन‌, घोड़ा पछाड आदि. इनके काटने पर निशान तो बनता है. आदमी थोड़ी देर के लिए बेहोश या नशे में हो सकता है लेकिन मरता नहीं है. अगर कोबरा, करैत, रसल वाइपर काट ले तो विकास का इलाज संभव ही नहीं है. क्योंकि वो इतनी दूर ट्रैवल करके अस्पताल पहुंच ही नहीं पाएंगे. 

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पहले यह पता करना जरूरी है कि विकास को कब, किस सांप ने काटा? 

भोपाल में सांपों को बचाने का काम करने वाले मोहम्मद सलीम कहते हैं विकास जो बता रहे हैं, वो अंधविश्वास है. साधारण सांपों के काटने पर एंटी-वेनम नहीं दिया जाता. क्योंकि इससे इंसान की मौत हो सकती है. एंटी-वेनम सिर्फ जहरीले सांपों के काटने पर ही दिया जाता है. पहले तो यह पता करना जरूरी है कि विकास को किस सांप ने काटा है. ये जानकारी अस्पताल और डॉक्टर दे सकते हैं. सात बार एक ही सांप के काटने की बात अंधविश्वास है. 

मो. सलीम ने बताया कि साधारण सांप के काटने पर थोड़ा बहुत नशा हो सकता है. कोबरा काटेगा तो कोई इंसान अस्पताल नहीं पहुंच सकता. अगर पहली बार एंटी वेनम से बच भी गया. तो दूसरी बार में एंटी वेनम का असर कम हो जाता है. तीसरी बार में तो बचने की चांस ही नहीं है. मौत पक्की है. 

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ऐसी कहानी पहले भी पंजाब से आई थी... एक महीने में पांच बार काटा था सांप ने

ऐसी ही कहानी 2003-04 में आई थी. पंजाब के एक सरदार जी की. उन्हें भी एक ही महीने में पांच बार सांप ने काटा था. सरदार जी को सांप काटने की चर्चा भी हुई थी. चार बार साधारण सांप ने काटा. पांचवी बार कोबरा ने डंस लिया. सांप सिर्फ उन्हें उनके खेत में काटता था, जहां पर उन्होंने गुलाब उगाए थे. सांप ऐसी जगहों पर मौजूद होते हैं. जहां घास, झाड़ियां होंगी, पानी और छोटे जीव होंगे वहां सांप का होने आम बात है. लेकिन विकास के मामले में कुछ तो गड़बड़ है. अस्पताल और डॉक्टरों से पूछना चाहिए कि किस तरह के सांप ने काटा है. वो जहर के आधार पर ये बता सकते हैं. 

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