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देश में हुआ सीक्रेट मिसाइल टेस्ट, 10 महीने तक किसी को पता ही नहीं चला... जानिए इससे भारत को क्या फायदा होगा?

DRDO ने इस साल फरवरी में सीक्रेट मिसाइल टेस्ट किया. यह सबमरीन से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइल (SLCM) थी. इसकी खासियत ये है कि इसे पनडुब्बी में लगी टॉरपीडो ट्यूब से दागा जा सकता है. यह नई मिसाइल निर्भय क्रूज मिसाइल का ही एक रूप मानी जा रही है.

इस साल फरवरी महीने में डीआरडीओ ने SLCM का टेस्ट किया गया था. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) इस साल फरवरी महीने में डीआरडीओ ने SLCM का टेस्ट किया गया था. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इस साल चुपचाप पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. यह टेस्ट सीक्रेट था. डीआरडीओ इस मिसाइल को कई महीने से विकसित कर रहा था. इस मिसाइल के दो और वैरिएंट बनाए जा रहे हैं. 

सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल (Submarine Launched Cruise Missile- SLCM) की रेंज 500 किलोमीटर है. इसने फरवरी में हुए टेस्ट के दौरान 402 किलोमीटर की रेंज हासिल की थी. इसकी लंबाई 5.6 मीटर है. व्यास 505 मिलिमीटर. वॉरहेड के साथ इसका वजन 975 किलोग्राम है. 

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ये है निर्भय मिसाइल, जिसके प्लेटफॉर्म पर SLCM को बनाया गया है. (फोटोः गेटी)

SLCM को निर्भय मिसाइल (Nirbhay Missile) के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. यह इंडियन नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस की मदद से टारगेट तक पहुंचती है. इसमें RF सीकर लगा है. SLCM के दो अन्य वैरिएंट हैं. लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LACM) और एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (ASCM). 

864 km प्रतिघंटा की रफ्तार

इन मिसाइलों की खासियत ये होगी के जब ये अपने लॉन्चर से निकलेंगे, उसके बाद इनके विंग्स खुलेंगे. अगर यह मानते हैं कि निर्भय मिसाइल के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके SLCM को बनाया गया है, तो इस मिसाइल की गति करीब 864 से 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच हो सकती है. इसमें 200 से 300 किलोग्राम का वॉरहेड लगाया जा सकता है. 

SLCM पनडुब्बी में लगे टॉरपीडो ट्यूब से ही दागी जा सकती है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

राडार को चकमा देने की क्षमता

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SLCM में सी-स्किमिंग (Sea Skimming) और टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी (Terrain Hugging Capability) भी हो सकती है. यानी यह मिसाइल समुद्री पानी और जमीन से थोड़ा ऊपर उड़कर राडार को चकमा दे सकता है. यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें उसपर निशाना लगाकर इसे निष्क्रिय करना बेहद कठिन हो जाता है. 

ऐसे हुआ सीक्रेट टेस्ट का खुलासा

इस सीक्रेट टेस्ट का खुलासा तब हुआ जब दुबई एयर शो में डीआरडीओ ने एक पोस्टर लगाया. उसमें इस मिसाइल की खासियतों का और टेस्ट का जिक्र किया. इसमें दो तरह के वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं. पहला प्रेसिशन-कम-ब्लास्ट. यह बंकर और स्ट्रैटेजिक टारगेट्स को उड़ा सकता है. दूसरा एयरबर्स्ट जो कमजोर परत वाली चीजों को उड़ाने की ताकत रखता है. 

इन पनडुब्बियों में होगी तैनाती

SLCM को कलवारी क्लास, सिंधुघोष और प्रोजेक्ट-75I क्लास सबमरीन में तैनात किया जाएगा. भारत सरकार तीनों सेनाओं के लिए काफी ज्यादा संख्या में निर्भय क्रूज मिसाइल शामिल करने वाली है. निर्भय मिसाइल की 1000 किलोमीटर से ज्यादा रेंज है. यह भारी है. इसका वजन करीब 1450 किलोग्राम है. लंबाई 6 मीटर है.  

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