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एक समय खच्चर के आकार के होते थे चूहे, वजन होता था 453 KG: स्टडी

धरती पर इस समय 28 ग्राम से लेकर 80 किलोग्राम तक के चूहे मिलते हैं. प्रजातियां अलग हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब चूहों का आकार खच्चर (Pony) के बराबर होता था. इनका वजन 453 किलोग्राम होता था. एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है.

Earth Largest Rats: ये है कैपीबारा, सबसे बड़े चूहों की आधुनिक प्रजाति की जीव. (फोटोः क्लॉस स्टीनबर्ग/अन्स्प्लैश) Earth Largest Rats: ये है कैपीबारा, सबसे बड़े चूहों की आधुनिक प्रजाति की जीव. (फोटोः क्लॉस स्टीनबर्ग/अन्स्प्लैश)
aajtak.in
  • लंदन,
  • 15 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST
  • अब सबसे बड़े चूहे होते हैं 80 KG के
  • प्राचीन चूहों के जबड़े बाघ से खतरनाक थे

एक समय था जब चूहों का वजन 907 किलोग्राम तक होता था. यानी एक बड़े बैल के वजन के बराबर. हालांकि नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि ऐसा सिर्फ एक ही अवशेष मिला है. लेकिन प्राचीन काल में आमतौर पर चूहों का आकार खच्चर के बराबर होता था. जिनका वजन 453 किलोग्राम के आसपास रहता था. आज सबसे बड़ा चूहा कैपीबारा (Capybara) है. यह 80 किलोग्राम तक वजनी हो सकता है. यह चूहों और दरियाई घोड़े का मिश्रण लगता है. 

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पुरातत्वविदों ने पहले एक बाइसन (Bison) के वजन और आकार के बराबर चूहे का अवशेष खोजा था. इसका वजन करीब 907 किलोग्राम था. इसे जोसेफोआर्टिगेसिया मोनेसी (Josephoartigasia monesi) नाम दिया गया था. लेकिन ताजा अध्ययन में पता चला है कि इतने बड़े चूहे नहीं होते थे. यह एक दुर्लभ मामला था. प्राचीन समय में भी आमतौर पर चूहे खच्चर के बराबर होते थे. 453 किलोग्राम का फोबेरेमिस पैटरसोनी (Phoberomys pattersoni) इसका बेहतरीन उदाहरण है. 

कैपीबारा दुनिया का सबसे बड़ा चूहा है. इसका वजन 80 किलोग्राम तक जाता है. (फोटोः केरेन लाउ/अन्स्प्लैश)

केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के पैलियोंटोलॉजिस्ट रसेल एंगलमैन ने कहा कि लोगों ने पहले यह कह तो दिया कि बाइसन के आकार का चूहा लेकिन इसे मापने का कोई तरीका मौजूद नहीं है. हालांकि लगातार जांच चल रही है. सही आकार और वजन पता करना मुश्किल है. इसलिए रसेल ने नया तरीका निकाला. न्यूयॉर्क टाइम्स ने रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर यह खबर छापी है.  

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अपने नए तरीके से मापने के बाद रसेल एंगलमैन ने फोबेरोमिस, जोसेफोआर्टिगेसिया और अन्य प्राचीन चूहों के आकार की गणना की. तब पता चला कि इनका आकार असल में कम था. वजन भी कम था. लेकिन ये वर्तमान चूहों की प्रजाति से बहुत बड़े थे. ये चूहे तो वर्तमान स्तनधारी जीवों से भी बड़े हुआ करते थे. 20 से 80 लाख साल पहले ये चूहे दक्षिणी अमेरिका के वेटलैंड्स में घूमते थे. 

कैपीबारा के शरीर की सरंचना को प्राचीन बड़े चूहों से मिलाया गया पर समानता नहीं. (फोटोः जेमी डानतास/अन्स्प्लैश)

उरुग्वे स्थित रिपब्लिक यूनिवर्सिटी के पैलियोंटोलॉजिस्ट अर्नेस्टो ब्लैंको ने साल 2008 में जोसेफोआर्टिगेसिया की खोपड़ी खोजी थी. इन चूहों के जबड़ों में वर्तमान बाघ से तीन गुना ज्यादा ताकत होती थी. यानी दांतों तले पत्थर भी तोड़कर चूरा बना दें. अपने जबड़े की ताकत की वजह से ही शायद ये शिकारी पक्षियों और तीखे दांतों वाले मरसूपियल्स से बच पाते थे. 

प्राचीन बड़े चूहों की आकृतियों का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल काम है, क्योंकि इनके जीवाश्म जल्दी नहीं मिलते. जोसेफोआर्टिगेसिया की अब तक एक ही खोपड़ी मिली है. वहीं फोबेरोमिस के पैरों की हड्डियां मिली हैं. अगर जीवाश्म सही नहीं मिलते तो पुरातत्वविद इन जीवों के आधुनिक मिलते-जुलते जीवों की आंतरिक शारीरिक रचना के आधार पर स्टडी करते हैं. लेकिन वर्तमान चूहों में न ही जोसेफोआर्टिगेसिया की खोपड़ी या फिर फोबेरोमिस की मोटी हड्डियों से समानता मिली. कैपीबारा के शरीर और आंतरिक अंगों को प्राचीन चूहों के आकार में ढालने पर भी समानता नहीं मिली. 

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रसेल एंगलमैन की स्टडी में पता चला कि जितने आकार की पहले स्टडी की गई थी, उससे आधे आकार के चूहे मिलते थे. आज के चूहों के दिमाग छोटे होते हैं, उस समय के बड़े चूहों के दिमाग हो सकता है कि छोटे न होते रहे हों. अगर कोई चूहा असल में 453 किलोग्राम वजन का होता रहा होगा, तो वाकई बेहद बड़ा माना जाएगा. 

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