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NASA ने खोजा पृथ्वी जैसा रहने योग्य ग्रह, 100 प्रकाश वर्ष दूर कर रहा है तारे की परिक्रमा

नासा (NASA) के TESS मिशन ने पृथ्वी की तरह ही एक एक्सोप्लैनेट (Exoplanet) की खोज की है, जो हमारे ग्रह से करीब 100 प्रकाश-वर्ष दूर है. यह एक्सोप्लैनेट एक ड्वार्फ तारे का चक्कर लगा रहा है. यह चौथा ऐसा ग्रह है जिसे इस तारे की परिक्रमा करते हुए देखा गया है.

TESS मिशन ने खोजा एक्सोप्लैनेट (Photo: NASA) TESS मिशन ने खोजा एक्सोप्लैनेट (Photo: NASA)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 13 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

नासा (NASA) के एक मिशन ने पृथ्वी से करीब 100 प्रकाश-वर्ष दूर, पृथ्वी के आकार के एक एक्सोप्लैनेट (Exoplanet) की खोज की है, जो एक छोटे तारे की परिक्रमा कर रहा है. इस एक्सोप्लैनेट का नाम TOI 700e है. यह एक चट्टानी है ग्रह है और इसका आकार पृथ्वी के आकार का 95% है.

यह एक्सोप्लैनेट चौथा ऐसा ग्रह है जिसे छोटे और शांत M ड्वार्फ तारे TOI 700 की परिक्रमा करते हुए देखा गया है. सभी एक्सोप्लैनेट्स को नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite- TESS) मिशन ने खोजा है. 

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नया प्लैनेट e असल में c और d के बीच स्थित है.​​​​​​ (सांकेतिक तस्वीर: Getty)

इस सिस्टम के एक और ग्रह को 2020 में खोजा गया था, जिसे TOI 700 d नाम दिया गया. उसका आकार भी पृथ्वी जैसा ही है. ये दोनों एक्सोप्लैनेट अपने तारे के हैबिटेबल ज़ोन में हैं, यानी तारे से ठीक इतनी दूरी पर हैं कि उनकी सतहों पर तरल पानी संभावित रूप से मौजूद हो सकता है. तरल पानी से पता चलता है कि ग्रह, जीवन के लिए रहने योग्य थे या हो सकते हैं.

कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में पोस्टडॉक्टरल फेलो और शोध की मुख्य लेखक एमिली गिल्बर्ट (Emily Gilbert) का कहना है कि यह ऐसे कुछ ही सिस्टम में से एक है जिसमें कई रहने लायक ग्रह हैं. TOI 700 सिस्टम दिलचस्प है. प्लैनेट e, प्लैनेट d से लगभग 10% छोटा है, इसलिए सिस्टम यह भी दिखाता है कि कैसे TESS के ऑब्ज़रवेशन हमें छोटी और छोटी दुनिया खोजने में मदद करते हैं.

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TOI 700 जैसे छोटे, शांत M ड्वार्फ तारे ब्रह्मांड में आम हैं, और पिछले कुछ सालों में ऐसे एक्सोप्लैनेट वाले तारे पाए गए हैं, जैसे  TRAPPIST-1 सिस्टम और इसके सात एक्सोप्लैनेट.

तारे के सबसे करीब TOI 700 b है, जो पृथ्वी के आकार का 90% है और तारे का एक चक्कर लगाने में इसे पृथ्वी के 10 दिन लगते हैं. TOI 700 c है, जो पृथ्वी से 2.5 गुना बड़ा है और 16 दिनों में तारे का एक चक्कर लगाता है. ये दोनों ग्रह संभावित रूप से टाइडली लॉक्ड (Tidally locked) हैं, यानी वे हमेशा तारे को एक ही पक्ष दिखाते हैं, ठीक वैसे जैसे चंद्रमा का एक ही भाग हमेशा पृथ्वी के सामने रहता है.

तारे के रहने योग्य क्षेत्र में दो एक्सोप्लैनेट, प्लैनेट d और e की 37 और 28 दिनों की लंबी ऑर्बिट हैं, क्योंकि वे तारे से थोड़ा ज्यादा दूर हैं. नया प्लैनेट e असल में c और d के बीच स्थित है.

TESS मिशन को 2018 में लॉन्च किया गया था, जो एक बार में 27 दिनों के लिए रात के आकाश के एक बड़े हिस्से की निगरानी करता है. यह सबसे चमकीले सितारों पर नजर रखता है और उजाले में उनकी चमक में आए बदलावों को ट्रैक करता है. मिशन ने 2018 में दक्षिणी आकाश को ऑब्ज़र्व करना करना शुरू किया, फिर उत्तरी आकाश की ओर मुड़ गया. 2020 में, मिशन ने ज्यादा जांच के लिए दोबारा दक्षिणी आकाश पका रुख किया और इसे TOI 700 सिस्टम में चौथे ग्रह का पता चला.

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इस चौथे ग्रह की खोज के बारे में सिएटल में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की 241वीं बैठक में बताया गया था. साथ ही, इस एक्सोप्लैनेट पर किए गए शोध को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स (The Astrophysical Journal Letters) ने प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया है.

 

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