
शिकागो के शेड एक्वेरियम (Chicago’s Shedd Aquarium) से एक चौंका देने वाली बात सामने आई है. यहां टैंक में स्वस्थ नर के होने के बावजूद, एक शार्क ने पार्थेनोजेनेसिस (parthenogenesis) से दो बच्चों को जन्म दिया. यानी ज़ेबरा शार्क को प्रजनन के लिए किसी नर शार्क की ज़रूरत ही नहीं पड़ी. ज़ेबरा शार्क ने यह कारनामा दूसरी बार किया है. ऐसा करके, शार्क ने वैज्ञानिकों को इस 'वर्जिन बर्थ' के नफा नुक्सान को समझने का मौका दिया है.
जर्नल ऑफ़ फिश बायोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोध के लेखक और शिकागो में फील्ड म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के केविन फेल्डहाइम (Kevin Feldheim) का कहना है कि ऐसा दूसरी बार हुआ है कि किसी शार्क ने पार्थेनोजेनेसिस के ज़रिए जन्म दिया हो. वो भी तब, जब वहां स्वस्थ साथी मौजूद थे. हमें लगता था कि हम जानते हैं कि पार्थेनोजेनेसिस कैसे और क्यों होता है, जो विज्ञान के एक प्रमुख पहलू को दिखाता है, लेकिन इस खोज के बाद, हमें इसपर और सोचने की ज़रूरत होगी. हम लगातार सीख रहे हैं.
पार्थेनोजेनेसिस की पहली घटना पैसिफिक के एक्वेरियम में दर्ज की गई थी, जबकि वहां भी स्वस्थ और उत्सुक नर उपलब्ध थे. ये घटना दिलचस्प इसलिए है क्योंकि पहले ऐसा माना जाता था कि पार्थेनोजेनेसिस तब होता है जब कोई संभावित साथी उपलब्ध नहीं होता. साथ ही, पार्थेनोजेनेसिस कभी-कभी किसी बीमारी के चलते या फिर किसी रिसेसिव जीन द्वारा लाई गई किसी विकृति से भी हो सकता है.
किसी साथी के बिना प्रजनन करना, कैद में जीवन जीने की वजह से है या कुछ और, ये अभी स्पष्ट नहीं है.
शेड एक्वेरियम में जब दो बेबी ज़ेबरा शार्क (Stegostoma fasciatum) को भटकता देखा गया, तब इसके बारे में पता चला. इन बेबी शार्क में होमोज़ायगस एलील (Homozygous alleles) पाए गए. होमोज़ायगस एलील यानी जेनेटिक मैटीरियल के दो सेट, जो आमतौर पर एक नर और मादा दोनों के योगदान से आते हैं. आम तौर पर, हर माता और पिता दोनों से एक एलील होने पर उनमें कुछ वेरिएशन होते हैं. लेकिन इन बेबी शार्क में एक समान एलील थे, जिससे यह साफ था वे यौन प्रजनन से पैदा नहीं हुए थे.
इस शोध में जिन बेबी शार्क का जिक्र किया गया है, वे केवल कुछ महीनों तक जीवित रहे. लेकिन उनका पैदा होना अभी भी आश्चर्य की बात है. क्योंकि यह हमारी समझ को चुनौती देता है कि कैसे जीवन, अपना रास्ता बना लेता है.