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ब्रह्मांड में मिला सबसे तेज फैलता Black Hole, हर दिन एक सूरज को बना रहा अपना निवाला

अंतरिक्ष में सबसे तेज फैलने वाला ब्लैक होल मिला है. यह हर दिन एक सूरज को अपना खाना बना रहा है. यह ब्रह्मांड की सबसे चमकदार वस्तु है. इसका केंद्र 7 प्रकाश वर्ष चौड़ा है. इसमें 200 से 300 करोड़ सूरज समा सकते हैं. इसके केंद्र का तापमान 10 हजार डिग्री सेल्सियस है.

अंतरिक्ष में एक ऐसा ब्लैक होल मिला है, जो बेहद तेजी से फैल रहा है. (काल्पनिक चित्रः क्रिस्टी रॉबर्ट्स/एएनयू) अंतरिक्ष में एक ऐसा ब्लैक होल मिला है, जो बेहद तेजी से फैल रहा है. (काल्पनिक चित्रः क्रिस्टी रॉबर्ट्स/एएनयू)
आजतक साइंस डेस्क
  • मेलबर्न,
  • 20 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

एस्ट्रोनॉमर्स को ब्रह्मांड का सबसे तेजी से फैलता हुआ ब्लैक होल मिला है. यह इतनी तेजी से फैल रहा है कि यह हर दिन एक सूरज को अपना निवाला बना रहा है. यह बेहद भूखा है. इसे इसके आसपास जितने भी ग्रह, आकाशगंगाएं, सूरज, तारे मिल रहे हैं, सबको निगल ले रहा है. इसलिए यह ब्रह्मांड का सबसे ज्यादा चमकने वाला ऑब्जेक्ट बन गया है. 

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इस ब्लैक होल के बारे में हाल ही में Nature Astronomy जर्नल में रिसर्च पेपर छपा है. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) के वैज्ञानिकों ने इसे सबसे पहले देखा. इन वैज्ञानिकों ने साइडिंग स्प्रिंग ऑब्जरवेटरी में लगे टेलिस्कोप से इस चमकदार क्वासार (Quasar) को देखा. 

ANU के साइंटिस्ट क्रिश्चियन वोल्फ ने बताया कि ब्लैक होल से ऊर्जा लेकर क्वासार चमकते हैं. वैज्ञानिक अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा चमकदार वस्तुओं की खोज कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने 2.3 मीटर टेलिस्कोप की मदद ली. फिर यह देखा कि इन वस्तुओं में ब्लैक होल कितने हैं. इसके बाद वो यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी के वेरी लार्ज टेलिस्कोप गए. 

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120 करोड़ साल लग रहे रोशनी को धरती पर पहुंचने में

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वहां जाने का मकसद था अपनी खोज की पुष्टि करना. इस क्वासार से निकलने वाली रोशनी धरती पर 120 करोड़ साल में पहुंच रही है. लेकिन क्रिश्चियन का कहना है कि ये ब्लैक होल असल में तेजी से फैल रहा है. यह फिलहाल दरती से 200 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. इसका वजन हमारे सूरज से 170 करोड़ गुना ज्यादा है. 

इतना बड़ा है कि 200 या 300 करोड़ सूरज समा जाएं

कई बार ब्लैक होल इतने बड़े होते हैं कि उनमें 200 या 300 करोड़ सूरज समा सकते हैं. ब्रह्मांड में कई ब्लैक होल हैं लेकिन उनकी भूख कम है. वो कम पदार्थों को बाहर निकालते या निगलते हैं. कम गर्मी और रोशनी निकालते हैं. कम चमकदार होते हैं. लेकिन ये वाला ब्लैक होल विशालकाय, चमकदार, गर्म और रोशनी से लबालब है. 

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ब्रह्मांड भी सोखता है 20 फीसदी रोशनी

क्रिश्चियन वोल्फ और उनकी टीम ने 2022 में भी ऐसा ही एक ब्लैक होल खोजा था. लेकिन ये वाला उससे कई गुना ज्यादा बड़ा, भयानक और भूखा है. हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की वे में डस्ट क्लाउड हैं. यानी धूल से भरे बादल. ये ब्रह्मांड की रोशनी को सोखते हैं. कम से कम ब्रह्मांड का 20 फीसदी रोशनी ये समा लेते हैं. 

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इस ब्लैक होल का केंद्र 7 लाख प्रकाश वर्ष चौड़ा

इतनी रोशनी ब्रह्मांड में खत्म होने का बाद भी बहुत सारी चमकदार चीजें बच जाती हैं. यह विशालकाय ब्लैक होल के अंदर चुंबकीय तूफान चल रहा है. यह तूफान 7 प्रकाश वर्ष चौड़ा है. इसका तापमान 10 हजार डिग्री सेल्सियस के आसपास है. क्रिश्चियन ने बताया कि हमारा ब्रह्मांड किशोरावस्था में है. अभी इसके शरीर में कई तरह के बदलाव होंगे.  

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