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पहली बार पिता बनने के बाद 'सिकुड़' जाता है पुरुष का दिमागः स्टडी

बच्चे के जन्म के बाद सिर्फ मां के व्यवहार और शरीर पर असर नहीं पड़ता. बल्कि पिता बनने वाले पुरुषों पर भी पड़ता है. एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि पहली बार पिता बन रहे पुरुषों को दिमाग सिकुड़ने की समस्या से जूझना पड़ सकता है. आइए समझते हैं कैसे?

पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों को भी होती है पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों को भी होती है पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
aajtak.in
  • मैड्रिड,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

पहली बार माता-पिता बनना एक बड़ा एडजस्टमेंट करना होता है. बच्चे के जन्म के बाद ज्यादातर सिर्फ मां के व्यवहार, शारीरिक बदलावों और समस्याओं का जिक्र किया जाता है. पिता बनने वाले पुरुष के बारे में कोई बात नहीं करता. कभी किसी ने यह सोचा है कि पुरुष के दिल और दिमाग पर पहली बार पिता बनने के बाद क्या असर होता है? नहीं, कोई इस पर बात नहीं करता. उनपर ध्यान नहीं दिया जाता. 

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पिता बनने की जिम्मेदारी समझते ही पुरुष के दिमाग का 1-2% हिस्सा कम हो जाता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी की गई है. जिसमें बताया गया है कि कैसे पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों की दिमागी स्थिति बदलती है. उनके अंदर भी न्यूरोलॉजिकल बदलाव होते हैं. स्टडी छोटी है लेकिन यह बताती है कि दिमाग के अंदर की परतें सिर्फ मां बनने वाली महिला की नहीं बदलती. बल्कि पहली बार पिता बनने वाला पुरुषों के न्यूरल सबस्ट्रेट्स यानी आसान भाषा में कहें तो दिमाग की परतों में बदलाव आता है. 

नई जिम्मेदारी और किरदार के साथ ही उनके ब्रेन पर असर पड़ता है. लेकिन इसके बारे में कहीं कोई चर्चा नहीं होती. लेकिन स्टडी में यह बात सामने आई है कि पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों के दिमाग में मौजूद कॉर्टिकल वॉल्यूम (Cortical Volume) में एक या दो फीसदी की कमी आती है. यह एक तरह का सिकुड़न है, जो दिमाग के डिफॉल्ट मोड नेटवर्क (Default Mode Network) से जुड़ा होता है. जैसे ही पुरुष इस बात को एक्सेप्ट करता है कि वह अब पिता बन चुका है, उसका दिमाग सिकुड़ने लगता है. यह स्टडी हाल ही में सेरेब्रल कॉर्टेक्स में प्रकाशित हुई है. 

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पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों पर की गई स्पेन और अमेरिका में स्टडी. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

आपके लग रहा होगा कि कॉर्टिकल वॉल्यूम में आने वाली कमी कोई बुरी बात है. लेकिन असल में यह दिमाग की शुद्धता को बढ़ाता है. उसे ज्यादा रिफाइन करता है. इससे बच्चे के साथ उसका मानसिक संबंध बेहतर होता है. बच्चे से उसके रिश्ते में प्रेम पनपता है. मां बनने वाली महिलाओं के साथ ये थोड़ा सा ज्यादा होता है. इसलिए उनका बच्चे के साथ लगाव, प्रेम और संबंध ज्यादा घना और गहरा होता है. ज्यादा मजबूत रिश्ता होता है. 

पहले की स्टडीज में यह बताया गया था कि बच्चे के जन्म के बाद पिता बनने वाले पुरुष के दिमाग में थोड़ा बहुत बदलाव आता है. नई स्टडी में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि कितना और कैसा बदलाव होता है. यह स्टडी मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (MRI) डेटा पर आधारित है. जिसमें पहली बार पिता बने 40 लोगों के दिमाग का बच्चे के जन्म से पहले और बाद में विश्लेषण किया गया है. इसमें से 20 स्पेन के हैं और 20 अमेरिका के. 

इसके अलावा स्पेन में 17 और लोगों के दिमाग का भी अध्ययन किया गया. जिनके बच्चे नहीं है. सबका डेटा एकसाथ जमा करने के बाद दो प्रयोगशालाओं में इनके दिमाग के वॉल्यूम, मोटाई और ढांचागत विकास की स्टडी की गई. पता चला कि अगर पहली बार पिता बने पुरुष महिलाओं की तुलना में बच्चों पर कम समय या ध्यान देते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि उनके दिमाग पर असर नहीं पड़ता. वो पिता बनने की जिम्मेदारी को महसूस करते हैं. पुरुषों को भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) होता है. लेकिन इन पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता. 

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आमतौर पर जब किसी तरह की खुशी का अहसास होता है, तब दिमाग के सबकॉर्टेक्स पर असर पड़ता है. लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है. पिता बनने के बाद पुरुष खुश तो होते हैं लेकिन वो पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो रहे होते हैं. उनका दिमाग सिकुड़ रहा होता है. क्योंकि अब उनके पास एक नई जिम्मेदारी होती है. 

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