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Made In China हैंग ग्लाइडर्स की मदद से हमास आतंकियों ने किया था Israel पर हमला

हमास ने इजरायल पर हमला करने के लिए जिन हैंग ग्लाइडर्स का इस्तेमाल किया था, वो चीन में बने थे. ये दावा किया है जेनिफर जेंग ने. हालांकि वो ये भी कह रही हैं कि ये बात कितनी सही है, उन्हें नहीं पता. लेकिन ये ग्लाइडर्स चीन के हुनान प्रांत के झुझोऊ इलाके में बनाए जाते हैं.

इसी हैंग ग्लाइडर्स पर बैठकर हमास आतंकियों ने इजरायल के अलग-अलग इलाकों में हमला किया था. इसी हैंग ग्लाइडर्स पर बैठकर हमास आतंकियों ने इजरायल के अलग-अलग इलाकों में हमला किया था.
aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 12 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

इजरायल पर हमला करने के लिए हमास आंतकियों ने जिन हैंग ग्लाइडर्स (Hang Gliders) का इस्तेमाल किया था, वो चीन में बने हैं. ऐसा दावा किया है कि इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन की सदस्य और चीनी नागरिक जेनिफर झेंग ने. उन्होंने अपने X हैंडल Inconvenient Truths by Jennifer Zeng में यह दावा किया है. 

जेनिफर इस बात को लेकर पुष्ट नहीं है कि ये ग्लाइडर चीन में ही बने हैं. लेकिन उन्होंने दावा किया है कि चीन के कुछ नागरिक इस बात का कह रहे हैं कि हुनान प्रांत के झुझोऊ में ये ग्लाइडर्स बनते हैं. जेनिफर ने जब इसकी जांच की तो वह झुझोउ की उस फैक्ट्री की वेबसाइट पर पहुंची, जहां ऐसे ही ग्लाइडर्स की सारी डिटेल्स मौजूद थी. 

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हमास कमांडर दायेफ को चीन की सेना ने दिलाई ट्रेनिंग

इसके थोड़ा पहले ही उन्होंने एक और ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह दावा किया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दफ्तर हमास और ईरान से सीधे संपर्क में है. उन्होंने यह भी बताया कि हमास का कमांडर मोहम्मद दायेफ की ट्रेनिंग चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कराई है. 

हमास कमांडर ने चीनी मुस्लिम महिला से की है शादी

जेनिफर ने दावा किया है कि शी जिनपिंग ने हमास कमांडर मोहम्मद दायेफ को बिना किसी रोकटोक के सपोर्ट करने की बात कही है. उनका दफ्तर CCP पूरी तरह से हमास के समर्थन में खड़े हैं. ये दावा किया जा रहा है कि दायेफ ने चीन के शिजियाजहुआंग शहर में मौजूद पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी के ऑर्डनेंस इंजीनियरिंग कॉलेज से ट्रेनिंग ली है. उसने चीन की मुस्लिम महिला से गांसू प्रांत में शादी की थी. 

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चीन ने कब-कब की है फिलिस्तीन की मदद... ये रहे सबूत

इजरायल पर जब हमला हुआ उस समय पूरी दुनिया इजरायल के समर्थन में आ गई. हमास का विरोध होने लगा. तब चीन के विदेश मंत्रालय ने हमास का साथ दिया. कहा कि दोनों ही पार्टियों को जंग रोकनी चाहिए. ताकि शांति की स्थापना हो सके. लेकिन हैरानी की बात ये है कि चीन की सीसीपी (CCP) का फिलिस्तीन से पुराना मजबूत रिश्ता है. 

पैलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (PLO) के बनने के बाद से ही चीन लगातार इसे समर्थन दे रहा है. माओ जेडॉन्ग और डेंग जियाोपिंग के समय में PLO नेता यासिर अराफात को चीन अपना पुराना दोस्त कहती थी. चीन ने फिलिस्तीन को कई बार पैसे और हथियारों से खुली मदद की है. 

हमले से पहले फिलिस्तीन के राष्ट्रपति गए थे चीन यात्रा पर

संयुक्त राष्ट्र में 1971 में शामिल होने के बाद चीन ने वहां पर लगातार यह बात कही है कि इजरायल को फिलिस्तीनी सीमाओं से बाहर चले जाना चाहिए. चीन फिलिस्तीन को 1988 में मान्यता देने वाला पहला देश था. एक साल बाद ही उसने फिलिस्तीन के साथ संपूर्ण कूटनीतिक रिश्ते बना लिए. 1990 में चीन को विकसित देशों के साथ संबंध बनाने थे, तब उसने इजरायल में रिफॉर्म और बाजार के हिसाब से संबंध बनाने शुरू किए. 

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चीन ने 2020 में कहा था कि वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशल में मौजूद इजरायली इमारतें या संस्थाएं हैं, वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है. 2023 में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास चीन की यात्रा पर गए थे. उन्होंने वहां पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. अब्बास ने चीन का पांचवीं बार दौरा किया था. तब चीन ने कहा था कि चीन और फिलिस्तीन एक दोस्त है. चीन हमेशा उनकी मदद करता रहेगा. 

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