
हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर. सब भारी बारिश से जूझ रहे हैं. पहाड़ों पर तो आपदा ऊपर से नीचे खिसकती आ रही है. कहीं तेज तो कहीं धीमे. मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश की वजह है पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं का मिलन. असल में कहानी कुछ और है...
पूरी दुनिया को पता है कि बारिश कैसे होती है? समुद्र गर्म होता है. भाप बनता है. भाप से बादल बनते हैं. फिर वो कम दबाव वाले क्षेत्र में जाकर बरसते हैं. ये साधारण भाषा में बारिश की परिभाषा है. लेकिन हिमाचल में आई आपदा के पीछे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की बढ़ती गर्मी है. समुद्र को चढ़े बुखार की वजह से हिमालय भीग रहा है.
28 जून 2023 से लगातार बंगाल की खाड़ी में भयानक हीटवेव चल रहा है. जिसे समुद्री हीटवेव यानी मरीन हीटवेव (Marine Heatwave) कहते हैं. यानी समुद्र की ऊपरी सतह का तापमान निचले हिस्सों की तुलना में ज्यादा गर्म रहता है. वह भी लंबे समय तक. इसकी वजह से ही उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में तेज बारिश हो रही है. बंगाल की खाड़ी का उत्तरी हिस्सा ज्यादा गर्म है. इसकी वजह से मॉनसून को अपना रास्ता तय करने में मदद मिलती है.
अरब सागर की हवाएं लेती हैं U-Turn, मिलती है देश को नमी
बंगाल की खाड़ी मॉनसून को आगे बढ़ाने में मदद करता है. असल में होता ये है कि बंगाल की खाड़ी का उत्तरी हिस्सा आमतौर पर गर्म रहता है. अभी ज्यादा है. क्योंकि ये वही जगह है जहां पर अरब सागर से आने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवाएं U Turn लेती हैं. जिससे पूरे भारतीय प्रायद्वीप पर नमी फैलती है. फिलहाल बंगाल की खाड़ी सामान्य से ज्यादा गर्म है. वह समुद्री हीटवेव से जूझ रहा है. जिसकी वजह से ज्यादा नमी ऊपर यानी उत्तर भारत की तरफ जा रही है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में मौजूद दस सब डिविजन में से छह में और मध्य भारत के 10 में से चार में कम बारिश हुई है. जबकि उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के सभी डिविजिन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. अगर आप अमेरिका के नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) का डेटा देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे.
अंडमान सागर-बंगाल की खाड़ी को आया है बुखार : NOAA
NOAA के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में 28 जून 2023 से लगातार मध्यम से अत्यधिक स्तर का समुद्री हीटवेव चल रहा है. अंडमान सागर में 26 जून 2023 से लेकर 6 जुलाई 2023 तक तापमान ज्यादा था. यानी बंगाल की खाड़ी का ज्यादा गर्म होना ही उत्तर भारत में आई आपदा की बड़ी वजह है. ऐसा नहीं है कि मरीन हीटवेव सिर्फ कुछ दिनों के लिए होता है. कई बार ये दिन में अलग-अलग समय के अंतराल पर आता-जाता रहता है.
आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में हीटवेव के आने का मतलब होता है मध्य भारत में सूखा मॉनसून. जबकि दक्षिण भारत में ज्यादा बारिश. साल 1982 से 2018 तक भारत के निचले हिस्से में मौजूद दोनों सागरों में 94 बार अत्यधिक स्तर का हीटवेव देखने को मिला है. पश्चिमी सागर यानी अरब सागर पिछले एक दशक में 1.5 डिग्री सेल्सियस की दर से और बंगाल की खाड़ी हर दस साल में 0.5 डिग्री सेल्सियस की दर से गर्म हो रहा है.
मॉनसूनी हवाओं ने बदला रास्ता, हीटवेव का असर भी बढ़ा
इस साल मॉनसूनी हवाओं ने अपना रास्ता थोड़ा बदला है. पहले ये उत्तर और मध्य भारत के रास्ते होकर गुजरती थीं. लेकिन इस बार ये उत्तर-पश्चिम की तरफ ज्यादा होकर जा रही हैं. जिसकी वजह से उत्तर-पश्चिम भारत सामान्य से ज्यादा बारिश से जूझ रहा है. क्योंकि इस तरफ डिप्रेशन बना हुआ है. इसी साल बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान मोका आया था. जिसका असर भी मौसम पर देखने को मिल रहा है.
इसके अलावा मई 2020 में मरीन हीटवेव की वजह से तमिलनाडु के पास मौजूद मुन्नार की खाड़ी में मौजूद 85 फीसदी मूंगा पत्थरों का रंग उतर गया था. फिलहाल बंगाल की खाड़ी में जो मरीन हीटवेव चल रहा है, उससे सुंदरबन के मैन्ग्रूव्स को नुकसान होने वाला है.