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क्या चींटी का चेहरा इतना डरावना हो सकता है! जानिए चींटियों से जुड़ा एक खौफनाक सच

चींटियां इतनी छोटी होती हैं कि ठीक से दिखती भी नहीं, ऐसे में ये कहना बहुत ही मुश्किल होता है कि चींटियों का चेहरा कैसा दिखता है. लेकिन ये मुश्किल आसान कर दी है एक फोटोग्राफर ने जिन्होंने चींटी के चेहरे की एक बेहद डरावनी फोटो ली है. फोटो प्रतियोगिता में इस तस्वीर को 'Images of Distinction' दिया गया.

चींटी के चेहरे की ये शायद सबसे भयानक तस्वीर होगी (Photo: Eugenijus Kavaliauskas) चींटी के चेहरे की ये शायद सबसे भयानक तस्वीर होगी (Photo: Eugenijus Kavaliauskas)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

चींटियां इतनी छोटी होती हैं कि कभी-कभी दिखती भी नहीं. इन्हें कोई भी मसल सकता है. लेकिन जब ये काटती हैं, तो इनकी असली ताकत का पता चलता है. क्या आप जानते हैं कि क्रूरता से काट लेने वाली ये चींटियां असल में उतनी ही खौफनाक भी नजर आती हैं. 

हाल ही में विश्वस्तर पर एक फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. Small World Photomicrography Competition 2022 जिसमें छोटे जीवों की तस्वीरें खींचकर भेजनी थीं. इस कॉम्पिटिशन में एक व्यक्ति ने चींटी की हैरान करने वाली तस्वीर कैद की. चींटी के चेहरे की इस तस्वीर को भयानक कहा जा सकता है.

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चींटी का चेहरा बेहद डरावना लगता है (Photo: Getty)

एक लिथुआनिया के एक फ़ोटोग्राफ़र, यूजीनियस कवलियाउस्कस (Eugenijus Kavaliauskas) ने इस तस्वीर को कैद करके जजों की ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस तस्वीर का टाइटल था- ' Ant (Camponotus). चींटी के एलियन जैसे चेहरे को एक स्टीरियो 10x माइक्रोस्कोप से पांच बार बड़ा करके कैप्चर किया गया था. जजों ने इस शानदार तस्वीर को 'Images of Distinction' वर्ग में रखकर पुरस्कृत किया.

तो, ऐसा क्या है जो इस ज़ूमकी गई तस्वीर को भयावह बनाता है? शायद यह इस चींटी के एंटीना हैं, जो किसी राक्षस की लाल आंखों की तरह दिख रहे हैं. या हो सकता है कि इस चींटी नोकीले दांत डरावने लग रहे हों.

चींटियां बन जाती हैं Zombie

अगर आप चींटी की इस डरावनी तस्वीर से नहीं डरे, तो हम आपको चींटी के बारे में एक और हैरान करने वाली बात बताते हैं. एंटोमोलॉजिस्ट का कहना है कि कुछ पैरासाइट्स चींटियों को दिमाग को कंट्रोल कर लेते हैं, और उन्हें जॉम्बी (Zombies) में बदल देते हैं. ये चीटियां तब कठपुतली की तरह काम करती हैं. दिमाग को कंट्रोल करने वाली ये फंगस चींटियों के शरीर में चली जाती है, जहां वह विकसित होती और फैलती है.

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शुरू के एक सप्ताह तक तो सब सही रहता है, लेकिन इसके बाद चीटियों की चाल में बदलाव होने लगता है. हमेशा एक सीध में चलने वाली चींटियां, तब बिना लक्ष्य के इधर उधर चलती हैं, कभी कभी तो गोल-गोल घूमती हैं या ज्यादा चलती ही नहीं. इस बीमारी की आखिरी स्टेज पर ये किसी झाड़ी की सबसे ऊपरी सतह को खोजती हैं, जिसपर ये काटती हैं और वहीं दम तोड़ देती हैं. वो फंगस अब इनके शरीर से निकलकर किसी दूसरे शिकार को खोजने लगती है.  

 

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