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खतरनाक हो सकती है फफूंद, जलवायु परिवर्तन इसे बना सकता है और भी घातक 

हम अक्सर देखते हैं घरों में जिन जगहों पर सीलन रहती हैं, वहां फफूंद भी दिखाई देती है. देखा जाए तो ये बहुत आम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कितनी खतरनाक हो सकती है? फफूंद की वजह से हाल ही में दो साल के एक बच्चे की मौत का मामला भी सामने आया था.

खतरनाक हो सकती है फफूंद (Photo: Sandy millar/unsplash) खतरनाक हो सकती है फफूंद (Photo: Sandy millar/unsplash)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

अक्सर घरों में पाई जाने वाली फफूंद धीरे-धीरे खतरनाक होती जा रही है. इस फफूंद को मोल्ड (Mold) भी कहते हैं. कई मामलों में ये फफूंद जानलेवा साबित हुई है. इसी महीने, ब्रिटेन के रोशडेल में दो साल के एक बच्चे की मौत का मामला काफी चर्चित हुआ है. यह बच्चा अपने ही घर में मोल्ड के संपर्क में आ गया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी. इस मामले ने मोल्ड से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को भी उजागर किया है.

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हालांकि, मोल्ड इंसानों के स्वास्थ्य पर भी असर डालते हैं, ये कोई नई बात नहीं है. लेकिन अब यह साफ है कि आने वाले सालों में जलवायु परिवर्तन और दुनिया के ऊर्जा बाजारों में बढ़ती अस्थिरता की वजह से यह और भी खतरनाक रूप इख्तियार कर सकता है. 

फंगस के संपर्क में आना कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकता है (Photo: Pixabay)

मोल्ड क्या है?

पहले ये समझ लेते हैं कि मोल्ड या फफूंद होता क्या है. मोल्ड एक ऐसी संरचना है जिसमें कुछ कवक या फंगी विकसित हो सकते हैं. ये थोड़े फूले होते हैं और इनकी गंध तीखी होती है.

यह उन जगहों पर पनपती है जहां बहुत अधिक नमी होती है, जैसे टपकी हुई छतें, खिड़कियां, पानी के पाइप, बाढ़ वाले इलाके और बाथरूम में भी हो सकते हैं. कभी-कभी आप इन्हें खराब हो चुके खाने पर भी देख सकते हैं.

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 नमी वाली जगहों पर अक्सर देखी जाती है फंगस (Photo: Pixabay)

मोल्ड खतरनाक क्यों?

समस्या उन बीजाणुओं (Spores) से उत्पन्न होती है जिन्हें मोल्ड उत्सर्जित करते हैं. बढ़ने और फैलाने के लिए, मोल्ड सूक्ष्म वायुजनित बीजाणुओं को आसपास पंप करता है. 

ज्यादातर लोग जब इन स्पोर के संपर्क में आते हैं, तो उनमें नाक बंद होने, घरघराहट और आंखों में खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं, जो तकलीफ तो देते हैं, लेकिन ये ज्यादा गंभीर नहीं होता. लेकिन जिन लोगों को अस्थमा या सांस की बीमारी होती है, इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या कोई एलर्जी होती है, तो उन लोगों का मोल्ड के संपर्क में आना गंभीर साबित हो सकता है. कुछ मोल्ड माइकोटॉक्सिन भी उत्पन्न करते हैं. तब ज्यादा एक्सपोजर की वजह से ये मनुष्यों के लिए हानिकारक या घातक साबित हो सकते हैं.

अक्सर खराब खाने पर भी फंगस देखी जाती है (Photo: Bruno-figueiredo/unsplash)

घर में पाए जाने वाले कुछ सामान्य मोल्ड हैं- क्लैडोस्पोरियम, एस्परगिलस और पेनिसिलियम. ब्लैक मोल्ड (स्टैचीबोट्रीस चार्टरम) शक्तिशाली मायकोटॉक्सिन पैदा करता है इसलिए थोड़ा चिंताजनक होता है.

जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकता है खतरा

अनुमानों के मुताबिक, इस तरह की फंगी अमेरिका में 47 प्रतिशत घरों में पाई जा सकती है. इस बात के भी सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन इस जोखिम को और बढ़ा सकता है. जलवायु संकट की वजह से, बाढ़, नम मौसम, गर्म तापमान और घरों में पानी घुसने जैसी घटनाएं पहले से ही बढ़ रही हैं और ये मोल्ड ग्रोथ के लिए आदर्श स्थितियां हैं.

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इस बात के भी प्रमाण मिलते हैं कि ईंधन की कमी से मोल्ड संदूषण का जोखिम बढ़ सकता है, क्योंकि लोग अगर अपने हरों का हीटिंग सिस्टम नहीं चलाएंगे, तो संभावना है कि उनके घर में नमी बढ़ेगी, और मोल्ड के अनुकूल परिस्थितियां बढ़ेंगी. चल रहे वैश्विक ऊर्जा संकट को देखते हुए, यह भी देखा जा सकता है कि आने वाली सर्दियों में लाखों घर इससे प्रभावित होंगे. 

 

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