
ज़्यादातर देशों में इंसानों की संभावित उम्र या जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) दशकों से बढ़ रही है, लेकिन सबसे लंबी उम्र तक जीवित रहने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड नहीं बढ़ रहा है. लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में यह बदल जाए.
मृत्यु दर के आंकड़ों का विश्लेषण करने के एक नए तरीके का इस्तेमाल करके, 19 बड़े देशों के आंकड़े लिए गए. आंकड़ों से पता चलता है कि हम अभी तक मानव के अधिकतम जीवनकाल (Lifespan) तक नहीं पहुंच पाए हैं और अगले कुछ दशकों में इसमें रिकॉर्ड वृद्धि शुरू हो सकती है. यानी सरल भाषा में समझें तो कुछ ही दशकों में इंसान अपने अधिक्तम लाइफ स्पैन तक पहुंच जाएगा, यानी ज़्यादा जिएगा.
शोध के मुख्य लेखक और एथेंस में जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के डेविड मैककार्थी कहते हैं कि हम इस वक्त भी अपनी अधिकतम आयु सीमा तक नहीं पहुंचे हैं. इतिहास में सबसे लंबी उम्र तक जीवित रहने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड एक महिला, जीन कैलमेंट के पास है. इनकी मृत्यु 122 साल की उम्र में हुई थी, हालांकि उनकी प्रामाणिकता के बारे में हाल ही में संदेह किया गया.
कैलमेंट की मृत्यु 1997 में हुई थी. इसके बाद से, सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति का रिकॉर्ड 110 और 120 के बीच की आयु के लोगों के पास है और यह समय के साथ बढ़ा नहीं. न्यू यॉर्क में अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन में जन विजग (Jan Vijg) जैसे वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि इंसान के अधिकतम लाइफ स्पैन की एक बायोलॉजिकल लिमिट हो सकती है, जो करीब 115 साल है.
लेकिन नए निष्कर्ष बताते हैं कि इंसान का अधिकतम लाइफ स्पैन जल्द ही बढ़ने लगेगा, क्योंकि 20वीं शताब्दी के शुरुआती कुछ दशकों में पैदा हुए लोग काफी उम्र तक जिएंगे.
डेविड मैककार्थी की टीम ने मानव मृत्यु दर डेटाबेस (Human Mortality Database) से लिए गए डेटा के आधार पर यूरोप के अलग-अलग देशों, के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान में लोगों की मृत्यु की उम्र का अध्ययन किया और इस नतीजे पर पहुंचे.
शोधकर्ताओं ने एक ही साल में पैदा हुए लोगों के ग्रुप में मृत्यु की उम्र की जांच की. इससे पहले के ज़्यादातर अध्ययनों में लोगों को उनकी मृत्यु के साल के हिसाब से ग्रुप किया गया था. जन्म के साल के आधार पर विश्लेषण करने पर पाया गया कि वह ग्रुप जिसमें लोगों का जन्म लगभग 1910 के बाद हुआ था, इससे पहले पैदा हुए लोगों की तुलना में, किसी भी साल में उनकी मौत का जोखिम बढ़ गया, क्योंकि वे बूढ़े हो गए थे. इससे पता चलता है कि आने वाले दशकों में सबसे लंबी ज़िंदगी जीने वाले लोगों का विश्व रिकॉर्ड बढ़ जाएगा, क्योंकि इन ग्रुप के जीवित सदस्य वृद्धावस्था के शिखर तक पहुंचेंगे.
उदाहरण के लिए, 1910 में पैदा हुए किसी व्यक्ति को अभी तक 120 साल तक पहुंचने का मौका नहीं मिला, क्योंकि वे 2030 में उस उम्र तक पहुंचेंगे. मैककार्थी कहते हैं, दूसरे विश्व युद्ध के अंत के बाद से, दवाओं में सुधार होने की वजह से इस ग्रुप को फायदा हुआ है. हम अनुमान नहीं लगा सकते कि इस तरह के शोध से यह ट्रेंड कब तक जारी रह सकता है.
हालांकि, विजग कहते हैं कि विश्लेषण एक धारणा पर निर्भर करता है कि हर साल मृत्यु का खतरा, जो हमारे अधिकांश जीवन में उम्र के साथ तेजी से बढ़ता है, लोगों के 105 तक पहुंचने के बाद स्थिर होना शुरू हो जाता है. हालांकि इस धारणा को हर कोई नहीं मानता.